शिक्षा की भाषा-कुछ विचारणीय बिन्दु
(तुषार कोठारी)
ग्लोबलाईजेशन के इस जमाने में अनपढ और गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चे को पढा लिखा कर बडा और सफल आदमी बनाने की चाहत रखता है। मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए तो बच्चों की सुव्यवस्थित शिक्षा बडी चुनौती है ही। हर व्यक्ति अपने बच्चों को लगातार तेेज होती जा रही शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा में जीतने वाला बनाना चाहता है। इन सारी चुनौतियों में भारत के आम आदमी की धारणा यह भी है कि उच्चस्तरीय शिक्षा की एकमात्र चाबी है अंग्रेजी।