कुछ
समय पूर्व भूटान यात्रा के दौरान सिक्किम से लगी चीन की सीमा पर स्थित
नाथूला दर्रे पर जाना हुआ था। नाथूला ऐतिहासिक सिल्क रूट को भारत से जोड़ता
है। किसी ज़माने में यही नाथूला भारत को शेष विश्व से जोड़ता था। नाथूला पर
कब्जे के लिए चीन ने 1965 में हमला किया था जिसे भारत के वीर सैनिको ने
असफल कर दिया था। आज भी लगभग साढ़े पंद्रह हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित इस
नाथूला दर्रे की सुरक्षा भारतीय सेना के हवाले है। नाथूला भ्रमण के मौके
पर भारतीय सेना द्वारा मुझे यात्रा का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
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अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती
(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे ) 12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45) साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43 अयोध्या की यात्रा अब समाप्...
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