Tuesday, January 6, 2009
बेचारे neta
मुंबई हमले के बाद से लगातार हमारे नेताओ की बेचारगी दिखाई दे रही है.महीने डेढ़ महीने की कड़ी बयानबाजी के बाद अब हमारे नेता दुनियाभर मैं सबूत लेकर घूम रहे है की देखिये पाकिस्तान क्या कर रहा है। दुनिया के देश यह देख देख कर सांत्वना दे रहे है लेकिन कोई पाकिस्तान को ये नहीं कह रहा है की वो अपनी हरकते बंद करे.हमारे नेताओ मैं भी हिम्मत नहीं है की सचमुच में कड़ी कार्रवाई करे या कम से कम पाक अधिकृत कश्मीर पर हमला ही कर दे.वे बस यही करते रहेंगे और दुनिया में भारत की कमजोरी को दर्शाते रहेंगे.
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झुग्गीवासियों को स्लमडॉग कहना चाहिए?
ReplyDeleteफ़िल्म स्लम डॉग मिलेनियर
कौन बनेगा अरबपति किताब के बाद निर्मित हुई है। यह किताब मैंने पढ़ी और पाया कि वास्तविकता के काफ़ी नजदीक ले जाकर लेखक इसे लिख पाने में सफल रहे हैं । बधाई देना चाहूँगा कि यह प्रयास फिल्मांकन तक जा पहुंचा है । मगर झुग्गी बस्तियों में रहने वाले नागरिक इस फ़िल्म के टाइटल में स्लम डॉग के रूप में इंडिकेट कर दिए गए हैं।
अंग्रेजी भाषा का प्रयोग कर झुग्गी के निवासियों को स्लम डॉग कहना किसी भी सभ्यता के अनूकुल कदापि नही । कथानक निश्चित ही श्रेष्ठ है और कहानी भी इसमे किसी समुदाय को लजाने का इरादा तो निश्चित ही नही है , जो फ़िल्म के नाम में नजर आता है । मर्यादा कहती है नाम बदल देना चाहिए । अपमानित कराने वाले शब्दों को हटा देने से अपसंस्कारित भाषाइ दुर्बलता को तिलांजलि ही तो मिलेगी ।
प्रस्तुतकर्ता G M Rajesh पर 5:39 AM