-तुषार कोठारी
देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव का शोर है और भाजपा समेत सारे राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे है। इन चुनावों में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का मुद्दा भी सुनाई दे रहा है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के मुद्दे पर भाजपा को छोडकर तमाम राजनीतिक दल चुप्पी साधे हुए है। विपक्षी दलों की हालत सांपु छछून्दर वाली हो रही है। यहां तक कि भाजपा के नेता विपक्षी दलों को खुली चुनौती भी दे रहे है कि अगर उनमें दम हैं तो वे कहें कि वे अनुच्छेद 370 फिर से ले आएंगे। भाजपा के रणनीतिकार जानते है कि किसी विपक्षी नेता की अब ये ताकत नहीं है कि वे अनुच्छेद 370 को फिर से लाने की बात कह सके। यहां तक कि कश्मीर दोनो प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी भी अब इस मुद्दे पर मौन साध कर बैठ गए हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?