Monday, December 28, 2020

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-1

 यात्रा वृत्तान्त-37 हेमकुण्ड साहिब यात्रा

(25 सितम्बर 2020 से 4 अक्टूबर 2020)

 अनोखी यात्रा की अनोखी शुरुआत

25-26 सितम्बर 2020 (शुक्र-शनि) रात 12.24

पण्डित होटल जयपुर दिल्ली हाई वे


आज सुबह 9.45 पर अनिल अपनी गाडी से मेरे घर पंहुचा था और मैं जल्दी ही उसकी गाडी में सवार हो गया था। इस तरह हम इस यात्रा के लिए निकले थे।

 ये यात्रा कई मायनों में अनोखी साबित हो रही है। कोरोना लाक डाउन के असर से डरे हुए हम सारे मित्र पिछली 27 जुलाई को निकले थे पचमढी के लिए। घूमघाम कर वापस आ गए। तब चर्चा हुई कि हम हर सितम्बर में हिमालय जाते है,तो इस बार भी जाना चाहिए।

टोनी की पार्टी में आशुतोष ने कहा कि चाहे कुछ हो जाए मैं जरुर चलुंगा। बस यहीं से प्लानिंग शुरु हुई और तय हुआ कि ट्रैकिंग पर जाएंगे। फिर उत्तराखण्ड में आईजी संजय गुंजियाल सा.ने कहा कि आ जाओ। तय हो गया। 25 सितम्बर को जाना है। लेकिन समस्याएं हल नहीं हुई थी। लेकिन आखिरकार समस्याएं किसी तरह हल हुई और आज सुबह मैं अनिल के साथ निकल पडा।

 निकलने के दिन तक वैदेही का स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं था,लेकिन ठीक होने की राह पर था। इसी तरह अनिल के घर पर भी यही स्थिति थी। उधर आशुोष को तो अभी घर पर सबको सैट करना था। यह जिम्मेदारी मुझे ही निभाना थी। रात को उसके कहने पर उसे फोन लगाया और आईजी साहब के कार्यक्रम का हवाला देकर उसे जबर्दस्ती ले जाने की बात कही। हम दोपहर करीब ग्यारह बजे उसके घर पंहुचे थे। तब जाकर उसने बैग तैयार करना शुरु किया। हांलाकि यही स्थिति मेरे साथ भी थी। मैने भी 24 की शाम 8 बजे के बाद बैग तैयार करना शुरु किया था,जो आज सुबह ही पूरी तरह जम पाया था। बहरहाल आशुतोष के माता जी पिता जी से चर्चा होती रही और वह तैयार होता रहा। करीब बारह बजे आखिरकार आशुतोष को साथ लेकर हम चारों मन्दसौर से निकल पडे,हेमकुण्ड साहिब की यात्रा पर।

 गाडी मनीष चला रहा था। भीलवाडा पार कर दोपहर करीब साढे तीन बजे एक ढाबे पर भोजन किया। फिर चले। लगातार चलते रहे। पहले योजना दिल्ली पार करने की थी,लेकिन समय अधिक हो गया था। जयपुर पार कर रुकने की सोची और लगातार चलते रहे। जयपुर पार कर करीब चालीस किमी आगे बढने के बाद रात साढे नौ पर इस होटल में रैनबसेरा जम पाया,आठ आठ सौ के दो कमरे मिले। डायरी लिखने के लिए रात को समय मिला। सुबह आठ बजे निकलने की योजना है।


26 सितम्बर 2020 शनिवार (सुबह 8.45)

पण्डित होटल जयपुर- दिल्ली हाई वे

 

बीती रात हम इसी होटल में ठहरे थे। इस वक्त नाश्ते के लिए पराठो का आर्डर देकर नाश्ते का इंतजार कर रहे हैं। 

 रात को मैं लिख रहा था कि यह यात्रा अनोखी है। कई मायनों में अनोखी। पहली बार घर से निकलने पर इतना विरोध हुआ। सोम मंगल को वैदेही को पेटदर्द और एसिडीटी की समस्या हुई। साधारण इलाज से समस्या हल नहीं हुई। 22 को उसे डाक्टर को दिखाया। मैने डॉ.डाली मेहरा भाभी से कहा कि मुझे यात्रा पर जाना है। वे बोली आप चिंता मत करो। कोई बडी समस्या नहीं है। इधर आईजी सा.से बात हुई तो पहले उन्होने कहा आ जाओ कोई दिक्कत नहीं है। फिर उनका फोन आया कि कोविड नेगेटिव रिपोर्ट करवा कर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरुरी है। नई समस्या थी चौथे सदस्य की। दशरथ जी के घर पर कोरोना संक्रमण का मामला हो चुका था। उनकी यात्रा पर तगडा विरोध था और आखिरकार वे कमजोर कडी साबित हुए।  यात्रा करने वाले अब हम तीन ही बचे थे। यात्रा के सदस्य चार होने पर कोरम पूरा होता है। चौथे यात्री के रुप में मनीष को जोडने का प्लान बनाया। उससे पूछा तो वह तुरंत राजी हो गया। वाहन की समस्या भी उसी के कारण हल हो गई। उसकी स्विफ्ट डिजायर से जाना तय हो गया। अब कोविड सर्टिफिकेट के लिए 24 को आशुतोष और मनीष को रतलाम बुलवाया। सैम्पलिंग हुई  और हम चारों के नेगेटिव सर्टिफिकेट मिल गए। पोर्टल पर भी 24 की शाम को ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया। इधर 24 शाम तक वैदेही पूरी तरह ठीक नहीं थी। 24 शाम को ही आई ने कहा कि वैदेही की तबियत ठीक नहीं है इसलिए यात्रा स्थगित कर दो। मैने कहा कल सुबह देखेंगे। वैदेही से मैने कहा कि लोगों को बुजुर्गों के स्वास्थ्य के चक्कर में यात्रा कैंसल करना पडती हैलेकिन मुझे तो बुजुर्ग,युवा के स्वास्थ्य के चक्कर में रोक रहे हैं। 24  की रात आठ बजे ही बैग जमाना शुरु किया।उधर अनिल के घर पर भी यही स्थिति थी।उसकी पत्नी अमीषा का स्वास्थ्य भी खराब था। आशुतोष ने तो 24 तक घर पर बतााया ही नहीं था कि वह यात्रा पर जाने वाला है। इतनी सारी दिक्कतों के बावजूद आखिरकार हम लोग कल निकल ही पडे। बीती रात आईजी साहब से बात भी हो गई। पता चला कि अब कोविड सर्टिफिकेट की जरुरत भी नहीं है। लेकिन हमारे पास तो यह उपलब्ध है। आज शाम तक उत्तराखण्ड हरिद्वार तक पंहुच जाने की उम्मीद है।

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