(24 मई 2022 से 1 जून 2022)
शिवाजी पार्क के साथ सिद्धेश्वर के दर्शन
24 मई 2022 मंगलवार (रात 9.05)
एस-2 कोच इन्दौर दौन्ड एक्सप्रेस 22944
इस वक्त हमारी ट्रेन पूणे के रास्ते पर दौडी जा रही है।
हमारी इस पारिवारिक यात्रा में,मै,मेरे साथ वैदेही,कमलेश पाण्डेय,श्रीमती रचना,अवनी और अदिता शामिल है। यह यात्रा करीब एक महीने पहले तय हुई थी। कमलेश की इच्छा थी कि हम जबलपुर की तरफ जाएं,लेकिन वहाम जबर्दस्त गर्मी थी। इसलिए मैने यूथ होस्टल्स के प्रौग्र्राम देखे।
लोनावाला में फैमिली कैम्पिंग का प्रोग्र्राम दिख गया। इसमे दो ही सीटें खाली थी। तुरंत बुक कर दिया। रिजर्वेशन भी करवा लिया। इस यात्रा का एक कारण यह भी था कि जून में मुझे अमरनाथ यात्रा पर जाना है । पिछले दो साल से कोरोना के कारण वैदेही को कहीं घूमने नहीं ले गया था। अमरनाथ जाने से पहले उसे घुमाना भी जरुरी था। इस यात्रा की समाप्ति के मात्र बीस दिन बाद अगली यात्रा पर जाना है। तो कुल मिलाकर आज हम निकल पडे। धाकुडी यात्रा का विडीयो अभी हाल ही में अपलोड किया था। इस अनुभव का लाभ लेते हुए इस बार प्री प्लानिंग से विडीयो शूट करने का मन है। ताकि लौटने के बाद बिना किसी बडी समस्या के यह विडीयो भी यू ट्यूब पर अपलोड किया जा सके। बस इसी प्लानिंग के तहत स्टेशन और ट्रैन के डिब्बे की एक एक क्लिप बनाई और कैमरे को बैग में धर दिया।इधर अब रचना से भोजन के डिब्बे खोल दिए है और सब का भोजन शुरु हो गया है। हम सुबह करीब आठ बजे लोनावाला पंहुचेंगे।
25 मई 2022 बुधवार (प्रात: 11.00)
यूथ होस्टल मलवली
हमारी ट्रैन सुबह 7.45 पर लोनावाला स्टेशन पर पंहुच गई। ट्रैन से उतर कर यूथ होस्टल मलवली को गूगल मैप पर देखा तो पता चला कि ये करीब तेरह किमी दूर था। 9 किमी तो मुंबई पूना हाईवे पर चलना था,पूना की तरफ। फिर हाईवे से दाहिनी तरफ उतर कर मलवली गांव में चार किमी भीतर जाना था। स्टेशन से बाहर आते ही आटो वाले दिख गए। पूछा तो एक आटो के तीन सौ रु. दाम बताए। दाम बहुत ज्यादा थे,लेकिन जल्दी से अपने ठिकाने पर पंहुचने के चक्कर में बिना भावताव किए दो आटो पकडे और यहां आ पंहुचे। मलवली रेलवे स्टेशन भी है और छोटा सा गांव है। आटो से यहां पंहुच गए। यूथ होस्टल का बोर्डभी नजर आ गया लेकिन यूथ होस्टल नहीं मिला। फिर यूथ होस्टल के सम्पर्क नम्बर पर पर फोन किया। उन्होने ड्राईवर को समझाया कि यूथ होस्टल असल में कहां है? हम वहीं खडे थे। यहां सम्पर्क बालग्राम नाम से एक बड़ा परिसर है। इसमे आईटीआई है और भी कई सारे प्रकल्प है। इसी परिसर के आखरी छोर पर यूथ होस्टल बना हुआ है। पहले यह एक हास्पिटल था,लेकिन अब यूथ होस्टल बन गया है। हम पहली मंजिल के दो कमरों में रुके है। उपर दूसरी मंजिल पर किचन बना हुआ है। डायनिंग एरिया भी साथ में ही है।
यहां पंहुचते ही हमे दो कमरो की चाबियां दे दी गई। कमरे छोटे लेकिन साफ स्वच्छ है।
कमरो में टिकने के बाद चाय नाश्ते के बारे में पूछा। थोडी देर बाद चाय तैयार हो गई। वैदेही ने नाश्ते का पूछा। यहां कुक और केयर टेकर का काम धनराज शर्मा के पास है।नाश्ते का पूछने पर धनराज ने कहा कि अभी पांच मिनट में नाश्ता तैयार होता है। उसने तुरंत पोहे बनाकर दे दिए। सारे लोग पोहे खाकर चाय पीने के चक्कर में थे,लेकिन मैैं स्नान के बाद नाश्ते का इच्छुक था।
मैने चाय पी और नीचे कमरे में आ गया। नहा धोकर तैयार हुआ तब तक पोहे नदारद हो गए थे। इसी बीच वैदेही ने बताया कि आज रिपोर्टिंग डे है इसलिए आज घूमने का कोई प्रोग्र्राम नहीं है। यहां यूथ होस्टल के एक अधिकारी रमाकान्त ने उन्हे बताया कि हम लोनावाला से यहां मात्र पांच रु. में आ सकते थे। वहां से यहां ट्रेन चलती है। यूथ होस्टल रेलवे स्टेशन के सामने ही है। खैर अब क्या हो सकता था। हांलाकि रमाकान्त ने यह भी बताया था कि आज के खाली दिन में हम लोनावाला में शिवाजी पार्क देख सकते हैैं। इसके लिए हमे साढे तीन पर ट्रैन मिलेगी। भोजन के बाद हम ट्रैन पकड कर वहां जाएंगे और रात को ट्रैन से यहां लौटेंगे। फैमिली कैम्प के प्रमुख कार्यक्रम कह से शुरु होंगे।
इधर स्नान के बाद अब मुझे भूख लगने लगी थी। किचन में जाकर देखा तो पोहे नदारद थे। मैने फटाफट जूते पहने और बाजार जाने के लिए निकला। नीचे उतरा,तो यूथ होस्टल के एक और अधिकारी प्रदीप वानखेडे से मुलाकात हुई। उन्होने बताया कि इस कैम्प के कैम्प लीडर वे ही हैैं। प्रदीप और रमाकान्त किसी काम से जा रहे थे और जल्दी में थे। इसलिए अधिक बातें नहीं हो पाई। उनसे बिदा होकर सम्पर्क परिसर से बाहर निकला और यहां के बाजार में पंहुचा। बाजार क्या है 15-20 दुकानें है। यहां पंहुचकर वडा पाव और भजिये का नाश्ता किया। चाय पी,फिर कैम्प में लौटा।
25 मई 2022 (रात 10.00)
सम्पर्क बाल ग्राम यूथ होस्टल कैम्प
आज का दिन समाप्ति पर है। मोबाइल पर न्यूज चैनल लगा रखे है। वैदेही और रचना नीचे बैठकर बातें कर रही है। मैैं उपर अपने रुम में डायरी के साथ हूं।
सुबह करीब ग्यारह बजे नाश्ता करके लौटा था। हमें बताया गया था कि डेढ बजे लंच होगा। यह भी बताया गया था कि तीन या साढे तीन पर लोनावाला की ट्रैन चलती है। हमें लोनावाला जाकर शिवाजी पार्क देखना चाहिए और सिद्धेश्वर मन्दिर के दर्शन करना चाहिए। ताकि आज के दिन का उपयोग हो सके।
बस इसी वक्त बिजली गुल हो गई है और अब मैैं मोबाइल की रोशनी में लिख रहा हूं।
तो हम भोजन का इंतजार कर रहे थे। भोजन स्वादिष्ट था। रोटी आलू की सब्जी,मसालेदार भात,रायता,पापड,अचार। भोजन किया। अभी दो बज रहे थे। ट्रैन साढे तीन पर थी,इसमें अभी करीब डेढ घण्टा बाकी था। करीब पौन घण्टे लेटे रहे। बीच में एक झपकी भी ले ली। करीब तीन बजे कैम्प से निकले। एक ट्रैन उसी समय जाती दिखी। जिसने साढे तीन का टाइम बताया था,वह गलत था,ट्रैन तीन बजे ही थी। अगली ट्रैन 4.20 पर थी। चूंकि हम निकल चुके थे,इसलिए स्टेशन पर पंहुच गए। इस बीच मैैं और कमलेश चाय पीकर भी आ गए। अब स्टेशन पर करीब एक घण्टे का इंतजार करना था।
यहां की हवा बेहद ठण्डी और सुहावनी है। स्टेशन पर बैठे,मस्त हवा चल रही थी। इस बीच मोबाइल पर न्यूज देखता रहा। आज यासीन मलिक की सजा पर फैसला आना था।
4.20 पर ट्रैन आई। करीब पन्द्ह बीस मिनट में लोनावाला पंहुच गए। पैदल ही चले। शिवाजी पार्क नजदीक ही था। रास्ते में नीबू पानी पिया। फिर बगीचे में पंहुचे। यहां झूले लगे हुए थे। दोनो बच्चियों अदिता और अवनी ने झूले झुले। हमने भी झुले। करीब एक घण्टे का वक्त यहां गुजारा। यहां से निकले तो थोडे ही आगे,सामने सिद्धेश्वर मन्दिर था। वहां पंहुचे। दर्शन किए। वैदेही ने वडा पाव खाने की इच्छा जताई। वहीं नुक्कड पर वडा पाव चाय की दुकान थी। वडा पाव खाया।चाय बेहतरीन थी। यहां से चले,तो रास्ते में रास्ते में मोची भी मिल गया। वैदेही के जूते में छोटी सी मरम्मत करानी थी। मरम्मत कराई। तब सात बज चुके थे। हमारी ट्रेन 7.35 की थी। टिकट सिर्फ पांच रुपए। 30 रुपए में 6 टिकट लिए। प्लेटफार्म पर बैठे। ट्रैन आई। 7.50 पर कलमली स्टेशन आ गया। यहां से यूथ होस्टल पंहुचे। भोजन की तैयारी हो रही थी। मुझे भोजन करना नहीं था। कुछ देर बाद पंहुचा। यहां सुदीप अठावले से मुलाकात हुई। सुदीप ट्र्ैकर है और यूथ होस्टल की महाराष्ट्र ईकाई का एडवेंचर कमेटी का हैड है। वही अगले तीन दिनों तक हमारे प्रोग्र्राम में साथ रहेगा। भोजन की टेबल पर चैन्नई के अरुण से मुलाकात हुई जो अपनी नई बीबी और छोटे बच्चे के साथ आया था। पहले दो तीन ट्रैकिंग कर चुका है,फिर शादी हो गई तो बीबी के साथ आया है।
कल सुबह लौहगढ फोर्ट,कार्ला केव्स और कुछ दूसरे स्थानों पर जाना है। सुबह आठ बजे ब्रैक फास्ट लेकर निकलेंगे।
यात्रा का पहला दिन खत्म हो रहा है। अब सोने का समय। शुभरात्रि...।
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