Saturday, January 11, 2025

श्रीखण्ड महादेव कैलास यात्रा-10/ जहा गुजारी पहली रात वही आखरी रात भी

 (प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करें )

21 जुलाई 2024 रविवार (रात 11.45)

प्रिन्स गेस्ट हाउस सवाई माधोपुर (राज.)


इस वक्त हम उसी होटल में रुके हैं जहां यात्रा की पहली रात गुजारी थी। कमरे में एसी चल रहा है और कमरा अच्छे से ठण्डा हो चुका है।बाहर बहुत गर्मी  है। हम गर्म माहौल में से ठण्डक में आए हैं। अच्छी फीलींग है।


आज की सुबह शिमला के आउटस्कर्ट में कच्चीघाटी में हुई थी। हमने सोचा था कि 8 बजे निकलेंगे लेकिन निकलते निकलते 9 बज गए। 9.15 पर हम शिमला के एवलांच होटल से हिसाब करके निकल गए। हमने यहां ढाई हजार रु. में दो रुम लिए थे।


हमने तय किया था कि नाश्ता यहां से निकल कर आगे कहीं देसी ढाबे पर करेंगे। शिमला से नीचे तक का रास्ता शानदार है। कहीं 4 लेन तो कहीं टू लेन। करीब एक घण्टे बाद दशरथ जी ने एक होटल को देखकर कहा कि नास्ता करना है। मैने कहा कि थोडा देशी होटल देखो। 15-20 मिनट बाद एक किसान ढाबा नामक छोटा सा होटल नजर आया। वहीं रुके। आलू पराठे की बजाय सादे पराठे और आलू प्याज की सब्जी बनाने को कहा। उसने आलू प्याज की सब्जी और गेंहूं के आटे के पराठे बनाए।  सबी को मजा आ गया। प्रकाश राव सुबह कुछ खाते नहीं है,बाकी हम तीनों ने दबा के खाया। इसी दौरान दशरथ जी ने एक फेसबुक लाइव भी कर दिया। 


बढिया नाश्ता या कहे भोजन करके हम आगे बढे। मात्र एक घण्टे में हम पहाड छोडकर मैदान पर आ गए।  अब गाडी की ड्राईविंग मैने सम्हाली। चण्डीगढ,अम्बाला,छोडते हुए हम आगे बढे। कुरुक्षेत्र पानीपत,सोनीपत छोडते हुए हम दिल्ली के 40 किमी पास पंहुच गए। शाम 4.15 पर हमने वेस्टर्न पैरिफैरल एक्सप्रेस वे पकडा और सवा घण्टे में दिल्ली के बाहर से सीधे दिल्ली मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस वे पर आ गए। ठीक 5.30 पर हम 8 लेन एक्सप्रेस वे पर चढे। सभी लघुशंका से निवृत्त हुए।


गाडी मैं चला रहा था। 8 लेन एक्सप्रेस वे पर आपको ना तो गेयर बदलना पडता है,ना क्लच दबाना पडता है,सिर्फ एक्सीलेटर कम ज्यादा करते हुए चलना है। आज तो कमाल ये हुआ कि मुझे ना नींद आई ना पलकें भारी हुई। एक्सप्रेस वे पर गाडी चलाता रहा। रास्ते में एक जगह रुक कर चाय पी। 8 लेन पर सौ किमी एक घण्टे से भी कम समय में पार हो जाते है। हम लोग,करीब 8 बजे 8 लेन के आखरी पाइंट सवाई माधोपुर पंहुच गए। 


जाते वक्त भी इसी प्रिन्स गेस्ट हाउस में रुके थे। आए तो सीधे यहीं आकर कमरे तय किए फिर प्रन्स गेस्ट हाउस के ढाबे पर बैठकर चर्चा और भोजन किया। अब कमरो में आकर सोने की तैयारी है। कल दोपहर बाद तक मन्दसौर और रतलाम पंहुच जाएंगे। 

शुभ रात्रि.......।


22 जुलाई 24 सोमवार (सुबह 9.45)

प्रिन्स गेस्ट हाउस सवाई माधोपुर (राज.)


आज यात्रा का अंतिम दिन। 10 जुलाई को निकले थे और आज घर पंहुच जाएंगे। इस दौरान हम करीब तीन हजार किमी की वाहन यात्रा और करीब 70 किमी की पैदल पहाडी की खडी यात्रा कर आए हैं। जाते समय पहली रात इसी गेस्ट हाउस में रुके थे। आखरी रात भी यहीं रुके। यहीं यात्रा का अंतिम हिसाब किया गया। करीब 62 हजार रु. इस यात्रा पर खर्च हुए यानी प्रत्येक को 15500 रु. का खर्च आया। 


अब यहां से भीतरी रास्तों पर चलते हुए मध्यप्रदेश के 8 लेन पर पंहुचेंगे और दोपहर तीन बजे तक मन्दसौर पंहुच कर वहां से फिर रतलाम पंहुच जाएंगे। 


समाप्त। 


No comments:

Post a Comment

श्रीखण्ड महादेव कैलास यात्रा-10/ जहा गुजारी पहली रात वही आखरी रात भी

 (प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करें ) 21 जुलाई 2024 रविवार (रात 11.45) प्रिन्स गेस्ट हाउस सवाई माधोपुर (राज.) इस वक्त हम उसी होटल में ...