Thursday, November 23, 2017

Satopant Swargarohini Yatra -2 स्वर्ग की सीढियां चढने की चाहत-2

(दूसरा दिन) 9 सितम्बर 2017 शनिवार सुबह 8.35
आफिसर्स मेस,40 पीएसी बटालियन हरिद्वार

कल दिल्ली में रास्ता भटकने के अलावा कल से आज तक कोई दिक्कत नहीं आई। रात को आफिसर्स मेस में बढिया भोजन किया। सुबह नाश्ता भी यहीं करेंगे।

आज हमें सबसे पहले ऋ षिकेश पंहुचना है,जहां जगजीत हमें मिलेगा। जगजीत के पास ट्रेकिंग का सारा सामान है,जो वह हमें सुपुर्द करेगा। फिर हम रवाना होंगे। हमारा रात्रि विश्राम रुद्रप्रयाग में होगा।
अभी निकलने की जल्दी नहीं है। इसका कारण यह है कि नींद छ: बजे ही खुल गई थी और निकलने का समय साढे नौ के बाद का है। अनिल के मोबाइल में गडबडी हो गई है। साढे नौ पर दुकाने खुलेंगी,तो उसके मोबाइल को चैक कराएंगे और फिर आगे बढेंगे।
प्रकाश ने रात को ही पूछा था गंगा स्नान का। अधिकांश लोगों ने कह दिया कि नलों में भी गंगा का पानी है। बहरहाल,सुबह उठने के बाद प्रकाश,संतोष जी और महेश जी गंगा स्नान के लिए नदी पर चले गए। हम यहां कमरों में धीरे धीरे तैयार हो रहे हैं।

9 सितम्बर (रात 11.10)
होटल तुलसी,रुद्रप्रयाग

हरिद्वार से निकलने में दस बज गए थे। जगजीत चाहता था कि हम थोडी देर से निकले।  अनिल के मोबाइल में गडबडी थी,जिसे ठीक कराने के लिए साढे नौ तक रुकना जरुरी थी। दुकाने इससे पहले नहीं खुलती।  आफिसर्स मेस में चाय पोहे का नाश्ता करके हम निकले। सुभाष सुबह साढे आठ पर आ गया था। वह अनिल को लेकर गया,फिर लौट आया। उधर जगजीत के फोन आने लगे। हमें जल्दी ऋषिकेश पंहुचना था। लेकिन रास्ते में दो





रेलवे फाटक बन्द मिले। करीब ग्यारह चालीस पर हम ऋ षिकेश पंहुच पाए। जगजीत इंतजार कर रहा था। पूरे एक साल बाद मुलाकात हुई। गले लग के मिले। जगजीत सारा सामान लेकर मौजूद था। टेण्ट,स्लीपींग बैग्स आदि। सामान अधिक था। गाडी के भीतर यह समा नहीं सकता था। सारा सामान गाडी के उपर बांधा। यहां से निकलने में एक बज गए। अब गाडी चली। हमें पंहुचना था रुद्रप्रयाग। शाम करीब सात बजे रुद्रप्रयाग पंहुच गए। यहां तुलसी होटल में हमारे लिए दो कमरे बुक थे। व्यवस्थाएं कुछ अधूरी सी थी। आशुतोष नाराज हो रहा है। प्रकाश गुस्सा कर रहा है। होटल वाले वेटर को चमका रहा है। अभी आशुतोष ने यहां के थानेदार राजेन्द्रसिंह को फोन लगा दिया है।
कल हम यहां से जल्दी निकलेगें। सुबह आठ बजे निकलने की योजना है। घर पर सभी से बात हो चुकी है। वैदेही प्रतिमा ताई सबको फोन लगा दिया है। कल बद्रीनाथ पहुुंच जाएंगे। फिर शुरु होगी असली यात्रा।

तीसरे दिन की यात्रा पढने के लिए यहां क्लिक करें


No comments:

Post a Comment

अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती

(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे )  12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)  साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43   अयोध्या की यात्रा अब समाप्...