ने वर्ष 1995 में दैनिक भास्कर के लिए रतलाम नगर का ईतिहास अपनी विशीष्ट शैली में लिखा था। यह रोचक स्तंभ स्व.भाटी ने कुलिश के उपनाम से लिखा था। आलेख,कविता इत्यादि स्व.श्री भाटी कुलिश के उपनाम से ही लिखा करते थे। रतलाम-इतिहास के झरोखे से शीर्षक से स्व.श्री भाटी के इस स्तंभ में रतलाम की स्थापना से लगाकर आधुनिक रतलाम बनने तक का पूरा इतिहास अत्यन्त ही रोचक शैली में लिखा है। पिछले कई ïवर्षों से स्व.श्री भाटी द्वारा रचित यह इतिहास उपलब्ध नहीं हो पा रहा था,लेकिन स्व.श्री भाटी के स्नेहपात्र रहे श्री हरीश व्यास ने इसे सहेज कर रखा था। स्व.श्री भाटी द्वारा लिखित इस इतिहास को डिजीटल फार्म में सुरक्षित करने का सुअवसर श्री व्यास के सौजन्य से प्राप्त हुआ है।
स्व. श्री भाटी द्वारा लिखित रतलाम का इतिहास पढने के लिए नीचे क्लिक करें।
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