हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की भरमौर तहसील में स्थित है पंचकैलास में एक कैलास मणि महेश। मणिमहेश कैलास चमत्कारिक पर्वत है,जहां न सिर्फ पर्वत पर शिवलिंग और नन्दी इत्यादि स्पष्ट दृष्टिगोचर होते है बल्कि यदि भाग्य हो तो पर्वत की पूजा करती मणि भी दिखाई दे सकती है। मणि महेश पर्वत ही इतना चमत्कारिक है कि यदि भाग्य में ना हो तो पूरा पर्वत ही अदृश्य हो जाता है। मणिमहेश की यात्रा साल में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी से राधाष्टमी के बीच होती है। मणिमहेश के दर्शन के लिए डल झील तक जाना अत्यन्त कठिन और दुर्गम है। यह यात्रा हमने 25 अगस्त 2022 से 03 सितम्बर 2022 के बीच की थी।
25 अगस्त 2022 गुरुवार (रात 11.30)
होटल नीलम पैलेस,जयपुर रोड
पिछली लोनावाला खण्डाला यात्रा के ठीक दो महीने और 25 दिनों के बाद हम फिर यात्रा पर निकल पडे हैैं। इस बार हमारा लक्ष्य है मणि महेश कैलास यात्रा। इस यात्रा में मेरे साथ हर बार की तरह दशरथ पाटीदार,प्रकाश राव पंवार और मन्दसौर से आशुतोष नवाल तो है ही,लेकिन डा.दिनेश राव पहली बार हमारी यात्रा में शामिल हुए हैैं। यह यात्रा डा. दिनेश राव की नई खरीदी हुई सीएनजी आर्टिगा से हो रही है। यदि हम पांच की बजाय छ: लोग होते तो हम यह यात्रा इनोवा से करते। लेकिन सीएनजी की किफायत और संख्या को देखते हुए हम आर्टिगा से ही निकले है। इस वक्त हम नीलम होटल में हैैं। हम अभी जयपुर से करीब सौ किमी दूर है।
हमारी यह यात्रा सुबह करीब दस बजे इ खबरटुडे के कार्यालय से शुरु हुई थी। मुझे चिंतन ने आफिस पर छोडा था। दशरथ जी अपनी गाडी लेकर नगरा से आए थे। डा. राव आर्टिगा लेकर सीधे आफिस पंहुचे और प्रकाश राव अपनी धर्मपत्नी के साथ स्कूटर पर सवार होकर आए थे। हम तुरंत ही आफिस से निकल पडे थे। हमें रवानगी देने के लिए किशोर,गामड पहलवान टोनी आदि भी मौजूद थे। कुछ फोटो लिए एक विडीयो बनाया। आफिस से निकले ही थी कि हरीश शर्मा सोनू का फोन आ गया। गो प्रो कैमरा लेना छूट गया था। गाडी रोकी और सोनू ने आकर कैमरा मुझे थमा दिया।
रतलाम से निकले तो नामली मेंं पंहुच कर नाश्ता किया। मन्दसौर पंहुचे,तो गुरु एक्सप्रेस के आफिस में हमारे स्वागत के लिए भाजपा नेता अजय सिंह चौहान,विनोद डगवार दीपक (गज्जू)साहू शैलेन्द्र सिंह राठौर,भरत बघेरवाल,पंकज साहू(छोटा सम्राट),पंकज जैन तिलक,निशांत बग्गा,पिंकेश वागले सोनू जैसे कई मित्र मौजूद थे। गुरु एक्सप्रेस के आफिस पर स्वागत के बाद पहले बल्ले बल्ले ढाबे पर भोजन हुआ और इसके बाद सही मायने में यह यात्रा शुरु हुई।
हम दिन भर में करीब साढे चार सौ किमी चलकर यहां जयपुर से सौ किमी पहले इस होटल में रुके है और प्रात: आठ बजे यहां से निकलेंगे।
यह यात्रा बडी अनोखी है। वास्तविक योजना इस बार अमरनाथ यात्रा पर जाने की थी। इसी चक्कर में पहले वैदेही के साथ लोनावाला की यात्रा निपटा कर आया था। अमरनाथ यात्रा के समय नगर निगम चुनाव आ गए और कार्यक्रम रद्द करना पडा। तभी योजना बनी थी कि चुनाव के बाद यात्रा करना है। इसी बीच मणि महेश कैलास यात्रा की तारीखों की जानकारी मिली। धीरे धीरे तय हो गया कि इस बार मणि महेश यात्रा ही करना है।
जाने वाले कुल आठ लोग हो गए थे।हम पांचों के अलावा अनिल मेहता,उदित अग्र्रवाल टोनी और पंकज साहू भी यात्रा पर जाने को अडे हुए थे। हमारी इच्छा अधिकतम छ: लोगों की टीम की थी। धीरे धीरे व्यवस्था सैट होने लगी। अनिल ने पारिवारिक आर्थिक कारणों से मना कर दिया। टोनी ने पैर की समस्या के चलते मना कर दिया। फिर पंकजड साहू भी फिसल गया। अब हम पांच बचे थे। सबकुछ एकदम ठीकठाक था। पांच लोग सीएनजी की आर्टिगा से जा सकते थे,जो कि बेहद सस्ती पड सकती थी। आखिर में हेमन्त भïट्ट ने भी साथ चलने की इच्छा जताई लेकिन मैने साफ मना कर दिया।
कुल मिलाकर हम पांच लोग चले और पहले दिन यहां तक पंहुचे हैैं। कल सुबह आठ बजे यहां से निकलेंगे।
26 अगस्त 2022 शुक्रवार प्रात: 7.30
होटल नीलम पैलेस जयपुर हाई वे
इस वक्त हम सभी लोग तैयार हो रहे हैैं। डा.राव स्नानादि से निवृत्त होकर तैयार हो चुके है। आशुतोष,प्रकाश और दशरथ जी तैयार हो रहे हैैं। आज हम चण्डीगढ से आगे निकल जाने की योजना बना रहे है। चण्डीगढ यहां से करीब छ: सौ किमी दूर है। उम्मीद है कि चण्डीगढ से आगे निकल कर कहीं रैन बसेरा करेंगे।
कल सारा दिन हम लोग सीएनजी के चक्कर में लगे रहे थे। गाडी सीएनजी और पैट्रोल दोनो से चलती है। लेकिन सीएनजी काफी सस्ती है। समस्या यह है कि एक बार में करीब 8 किलो सीएनजी गाडी में भराती है और इससे करीब 180 किमी चलती है। रतलाम से चले तो निम्बाहेडा में सीएनजी डलवाई थी। निम्बाहेडा में सीएनजी पंप ढूंढने में काफी दिक्कत आई थी। गांव के भीतर जाकर सीएनजी पंप मिला था। इसके बाद करीब दो बार और सीएनजी डलवाई थी। फिलहाल यहां तक गाडी सीएनजी से ही आई है। आगे देखते है क्या होता है?
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