Friday, September 25, 2015

Pilgrim of Freedom Celular Jail यात्रा वृत्तान्त-16 स्वतंत्रता का तीर्थ सेल्यूलर जेल (अण्डमान-निकोबार)

(2 फरवरी 2015 से 13 फरवरी 2014)
लम्बे अरसे से अण्डमान निकोबार,जिसे अंग्रेजों के जमाने में कालापानी कहा जाता था,जाने की इच्छा थी। यह इच्छा स्पाइसजेट द्वारा सस्ती हवाई यात्रा की योजना सामने आने पर पूरी हुई। हमने करीब दो महीने पहले टिकट बुक करवाई। आमतौर पर अण्डमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के लिए चैन्ने से हवाई जहाज चलते है,लेकिन इस स्कीम के तहत हमें हैदराबाद से टिकट लेना पडे। हैदराबाद से लिए हुए टिकट चैन्ने की तुलना में सस्ते थे और खासियत यह थी कि प्लेन हैदराबाद से चैन्ने होकर ही जाने वाला था। इस यात्रा में मेरे साथ दशरथ जी पाटीदार,संतोष जी त्रिपाठी और मन्दसौर से आशुतोष नवाल थे। यह यात्रा 2 फरवरी 2014 से प्रारंभ होकर 13 फरवरी 2014 तक चली।

Thursday, September 24, 2015

Padamnabh Swami यात्रा वृत्तान्त-15 पदमनाभ स्वामी के सामने

रतलाम से तिरुवनन्तपुरम(त्रिवेन्द्रम)
7 अगस्त 2013 से 13 अगस्त 2013
केरल की राजधानी और पदमनाभ स्वामी के मन्दिर के लिए प्रसिध्द त्रिवेन्द्रम की यात्रा का योग मलय की वजह से बना। मलय को इसरो के कालेज में प्रवेश मिल चुका था और उसे प्रवेश दिलाने के लिए प्रतिमा ताई के साथ त्रिवेन्द्रम जाने का कार्यक्रम बनाया। यह यात्रा पूरी तरह ट्रेन की यात्रा थी,जिसमें चार दिन हमने ट्रेन में गुजारे थे।

Mahadev Of Trishuls यात्रा वृत्तान्त-14 त्रिशूलों वाले चौरागढ महादेव के पास

पचमढी यात्रा (3 जून 2013 से 8 जून 2013)
पचमढी की यह यात्रा परिवार के साथ की। विवाह के तत्काल बाद मै और वैदेही पचमढी आए थे,तभी से इच्छा थी कि एक बार यहां फिर आएंगे। इस बार विवाह की वर्षगांठ पचमढी में मनाना तय किया और वैदेही,चिन्तन और मलय को साथ लेकर मै इस यात्रा पर निकल पडे।

अब भी असर बाकी है केदारनाथ त्रासदी का

उत्तरांचल की चार धाम यात्रा का वृत्तान्त

-तुषार कोठारी

वर्ष 2013 में हुई केदारनाथ की त्रासदी अब भी उत्तरांचल के लोगों की आंखों में नजर आ जाती है। उत्तरांचल के चार धाम की यात्रा पर केदारनाथ त्रासदी की छाया दो साल गुजरने के बाद अब भी दिखाई देती है। जिन स्थानों पर कभी पैर धरने की जगह नहीं होती थी,वहां अब यात्रियों की नगण्य संख्या है। होटलें और धर्मशालाओं में रुकने वाले ही नहीं है,इसलिए कई होटल और धर्मशालाएं बन्द है। लेकिन श्रध्दा और आस्था जैसे तत्व भगवान के भक्तों को रुकने नहीं देते। तमाम खतरों के बावजूद धीरे धीरे तीर्थयात्रियों का आना जाना बढने लगा है।

अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती

(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे )  12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)  साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43   अयोध्या की यात्रा अब समाप्...