(दसवां दिन) 16 सितम्बर 2017 शनिवार (रात 11.00)
ऋषिकेश पुलिस रेस्ट हाउस
गंगा मां के किनारे पर पुलिस रेस्ट हाउस में,मै डायरी लिख रहा हूं। आज सुबह से शुरु कर ता हूं। शरीर का पोर पोर दुख रहा था,लेकिन शायद इसी दर्द की वजह से ठीक से नींद नहीं आई थी। कल रात मैने बद्रीविशाल मंदिर जाने से साफ मना कर दिया था। रात को दर्द की अधिकता से एहसास हुआ कि शायद बद्रीनाथ के तप्त कुण्ड में स्नान से दर्द दूर हो जाएगा।
सुबह साढे पांच पर उठ गया। 6.10 पर बाकी लोगों के साथ मंदिर जाने को तैयार हो गया। मेरी इच्छा सिर्फ स्नान करने की थी। रेस्ट हाउस से चला तो भूख भी लगने लगी थी। आशुतोष और अनिल सोते ही रहे,बाकी लोगों के साथ मैं तप्त कुण्ड पर पंहुचा। पन्द्रह-बीस मिनट कुण्ड में रहा। सिर चकराने लगा। स्नान करके निकला। मन्दिर में दर्शन को साफ इंकार कर,संतोष जी से पचास रु.का नोट लेकर चला। उधर दशरथ जी को अपने स्वर्गीय पिता जी का तर्पण करना था। महेश जी को भी ऐसा ही कुछ करना था। मैं स्नान करके निकला। पहले सोचा था कि रेस्ट हाउस जाकर कपडे बदल कर नाश्ता करने आउंगा,लेकिन भूख इतनी तेज लगी कि रेस्ट हाउस के सामने तिराहे की एक गुमटी में एक पराठा खाया। चाय पी। तब जाकर दिमाग ठिकाने पर आया। रेस्ट हाउस पंहुचा तो पता चला कि आशुतोष मन्दिर चला गया है,अनिल वहीं है।
हमने कमरा खाली किया। सारे साथियों का इंतजार करने लगे। 9.10 पर रेस्टहाउस से रवाना हो गए। जोशीमठ के बाद मैने गाडी चलाई। बेहद तेज। सब घबरा गए। लंगासू में चाय के बहाने गाडी रोकी। तब तक दशरथ जी ने एक नींद निकाल ली थी। दोपहर दो बजे उन्होने गाडी सम्हाल ली। दशरथ जी शाम आठ बजे तक गाडी चलाते रहे। शाम आठ बजे हम ऋ षिकेश के पुलिस रेस्ट हाउस में पंहुच गए। पुलिस रेस्ट हाउस गंगा किनारे हैं। यहां से उतर कर सीघे गंगा स्नान किया जा सकता है। सारे वीवीआईपी इंतजाम आईजी संजय गुंजियाल जी के हैं। रात को उन्हे फोन लगाया। वे कल मिलेंगे। खाना खाकर आए। घर पर वैदेही को फोन लगाया। नाराज है। उसने कहा कि वह नवरात्रि में मौन व्रत रखेगी। बिना नाराजगी के रखती तो अलग बात होती। अभी तो लगा कि नाराज है। कल आईजी सा. ने राफ्टिंग की व्यवस्था रखी है। फिलहाल पब्लिक राफ्टिंग बंद है। लेकिन हमारे लिए सरकारी तौर पर चालू होगी। सौ.आई ने कल रात कसम खिलाई कि मुझे राफ्टिंग नहीं करना है। मैने सभी को बताया। अनिल कह रहा था कि अगर तू नहीं करेगा तो हम भी नहीं करेंगे। दशरथ जी ने कहा कि बाकी लोगों को राफ्टिंग करना चाहिए। मैने भी यही कहा कि मेरी इच्छा के बावजूद मैं आई की इच्छा का सम्मान करुंगा। बाकी लोगों को यह लाभ लेना ही चाहिए। कल देखते है क्या होता है?
आईजी साहब कल राफ्टिंग के बाद हमसे मिलेंगे। उन्होने इतने जबर्दस्त इंतजाम किए है कि उनका शुक्रिया अदा ही नहीं किया जा सकता। कैसे उन्हे धन्यवाद कहूंगा। यही बडा सवाल है। बहरहाल,अब नींद आ रही है। कल यहीं रुकेंगे। कल गुंजियाल सा.से मुलाकात के बाद घर वापसी होगी।
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ऋषिकेश पुलिस रेस्ट हाउस
गंगा मां के किनारे पर पुलिस रेस्ट हाउस में,मै डायरी लिख रहा हूं। आज सुबह से शुरु कर ता हूं। शरीर का पोर पोर दुख रहा था,लेकिन शायद इसी दर्द की वजह से ठीक से नींद नहीं आई थी। कल रात मैने बद्रीविशाल मंदिर जाने से साफ मना कर दिया था। रात को दर्द की अधिकता से एहसास हुआ कि शायद बद्रीनाथ के तप्त कुण्ड में स्नान से दर्द दूर हो जाएगा।
सुबह साढे पांच पर उठ गया। 6.10 पर बाकी लोगों के साथ मंदिर जाने को तैयार हो गया। मेरी इच्छा सिर्फ स्नान करने की थी। रेस्ट हाउस से चला तो भूख भी लगने लगी थी। आशुतोष और अनिल सोते ही रहे,बाकी लोगों के साथ मैं तप्त कुण्ड पर पंहुचा। पन्द्रह-बीस मिनट कुण्ड में रहा। सिर चकराने लगा। स्नान करके निकला। मन्दिर में दर्शन को साफ इंकार कर,संतोष जी से पचास रु.का नोट लेकर चला। उधर दशरथ जी को अपने स्वर्गीय पिता जी का तर्पण करना था। महेश जी को भी ऐसा ही कुछ करना था। मैं स्नान करके निकला। पहले सोचा था कि रेस्ट हाउस जाकर कपडे बदल कर नाश्ता करने आउंगा,लेकिन भूख इतनी तेज लगी कि रेस्ट हाउस के सामने तिराहे की एक गुमटी में एक पराठा खाया। चाय पी। तब जाकर दिमाग ठिकाने पर आया। रेस्ट हाउस पंहुचा तो पता चला कि आशुतोष मन्दिर चला गया है,अनिल वहीं है।
हमने कमरा खाली किया। सारे साथियों का इंतजार करने लगे। 9.10 पर रेस्टहाउस से रवाना हो गए। जोशीमठ के बाद मैने गाडी चलाई। बेहद तेज। सब घबरा गए। लंगासू में चाय के बहाने गाडी रोकी। तब तक दशरथ जी ने एक नींद निकाल ली थी। दोपहर दो बजे उन्होने गाडी सम्हाल ली। दशरथ जी शाम आठ बजे तक गाडी चलाते रहे। शाम आठ बजे हम ऋ षिकेश के पुलिस रेस्ट हाउस में पंहुच गए। पुलिस रेस्ट हाउस गंगा किनारे हैं। यहां से उतर कर सीघे गंगा स्नान किया जा सकता है। सारे वीवीआईपी इंतजाम आईजी संजय गुंजियाल जी के हैं। रात को उन्हे फोन लगाया। वे कल मिलेंगे। खाना खाकर आए। घर पर वैदेही को फोन लगाया। नाराज है। उसने कहा कि वह नवरात्रि में मौन व्रत रखेगी। बिना नाराजगी के रखती तो अलग बात होती। अभी तो लगा कि नाराज है। कल आईजी सा. ने राफ्टिंग की व्यवस्था रखी है। फिलहाल पब्लिक राफ्टिंग बंद है। लेकिन हमारे लिए सरकारी तौर पर चालू होगी। सौ.आई ने कल रात कसम खिलाई कि मुझे राफ्टिंग नहीं करना है। मैने सभी को बताया। अनिल कह रहा था कि अगर तू नहीं करेगा तो हम भी नहीं करेंगे। दशरथ जी ने कहा कि बाकी लोगों को राफ्टिंग करना चाहिए। मैने भी यही कहा कि मेरी इच्छा के बावजूद मैं आई की इच्छा का सम्मान करुंगा। बाकी लोगों को यह लाभ लेना ही चाहिए। कल देखते है क्या होता है?
आईजी साहब कल राफ्टिंग के बाद हमसे मिलेंगे। उन्होने इतने जबर्दस्त इंतजाम किए है कि उनका शुक्रिया अदा ही नहीं किया जा सकता। कैसे उन्हे धन्यवाद कहूंगा। यही बडा सवाल है। बहरहाल,अब नींद आ रही है। कल यहीं रुकेंगे। कल गुंजियाल सा.से मुलाकात के बाद घर वापसी होगी।
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