गोवा की बीच पार्टी और ट्रैन का सफर
15 नवंबर 2019 शुक्रवार सुबह 8.15ओयो रुम्स पोरवोरिम
बीती रात हम दो बजे के करीब कमरे पर पंहुचे थे। रात को नौ बजे यहां से निकले,तो पणजी में माण्डोवी नदी के
बीच तैरते जहाजों पर बने कैसिनो में जाने के लिए निकले थे। यहां कैसिनो प्राइड सबसे बडी कंपनी है। इसके करीब तीन कैसिनो है। एक कैसिनो मैजेस्टिक है,जिस पर हम कल गए थे। यह ग्राउण्ड कैसिनो है। आज कैसिनो प्राइड 2 पर जा रहे थे। यहां का प्रेसिडेन्ट श्रीनिवासन विजू का मित्र है। यहां हमें कोई एन्ट्री फीस नहीं देना पडी और पूरा वीआईपी ट्रीटमेन्ट दिया गया।
किनारे पर रिसेप्शन है। यहां विजू के आने की सूचना पहले से थी,इसलिए यहां पंहुचते ही हमें पास जारी किए गए। कैसिनो में 21 साल से कम आयु के किशोर व बच्चे प्रतिबन्धित है। वे क्रूज पर तो पंहुचते है,लेकिन गेमिंग एरिया में उनके आने की सख्त मनाही है। क्रूज के दूसरे माले पर भोजन और डांस की व्यवस्था है। यह कैसिनो में आने वालों के लिए निशुल्क होती है। यहीं किड्स झोन है। बच्चों के खेलने के लिए कई मनोरंजक व आकर्षक खेल है। हम लोग सीधे डाइनिंग एरिया में पंहुचे। हमारे लिए टेबल रिजर्व थी।
हमारे साथ आए गज्जू और उसकी पत्नी पूनम,बेटी नाती और अपूर्वा इन सब की समस्या यह थी कि जहां वेज नानवेज होता है,वहां भोजन करना इन्हे पसंद नहीं है। इन चारों लोगों ने वहां भोजन नहीं किया। वैदेही और सरिता की आपस में अच्छी पटने लगी है इसलिए दोनो साथ में रही। खाने पीने के बाद हम ग्राउण्ड फ्लोर पर कैसिनो गेमिंग एरिया में पंहुचे। यहां कई रौलेट टोबल के अलावा कई तरह के जुए के खेल चलते हैं। मशीनों के साथ साथ ताश का भी जुआ चलता है। यहां जुए के शौकीनों की भारी भीड थी। विजू पक्का खिलाडी है। वह भी खेलने में रम गया। फिर टोनी और अपूर्वा ने भी दांव लगाए। वैदेही ने आज फिर पांच सौ रु.गंवाएं। रात के डेढ कब बज गए पता ही नहीं चला। जैसे ही ध्यान में आया कि रात के दो बजने वाले है,मैने सबको वापस चलने को कहा। विजू ने कुछ और दांव लगाए। जीता भी,हारा भी। सब लोग बाहर निकले। फिर बोट से किनारे पर आए और रात को दो बजे कमरों में पंहुचे।
सूबह देर तक सोने की योजना थी,लेकिन यहां की गादियों की वजह से मेरा शरीर कुछ अकड रहा था। मैं तो सवा सात बजे ही उठ गया। फ्रैश हुआ और डायरी लिखने लगा। आज हम साउथ गोवा के कुछ बीचेस देखेंगे और रात को हमें एक बडी बीच पार्टी में जाना है,जिसमें एन्ट्री की व्यवस्था टोनी के किसी मित्र ने करवाई है। यह बीच पार्टी भी देर रात से सुबह तक चलने वाली है। देखते है कैसी होती है?
17 नवंबर 2019 रविवार (सुबह 8.55)
टीवीसी निजामुद्दीन एक्सप्रेस
टीवीसी निजाम ट्रेन तेजी से रतलाम की ओर भाग रही है। हिलती ट्रेन में लिखना भी कठिन है,लेकिन रतलाम पंहुचने से पहले यात्रा वृत्तान्त पूरा हो जाए तो ठीक रहेगा।
परसों यानी 15 नवंबर को सुबह साउथ गोवा के बीच देखने निकले थे। पणजी से विजू भी हमारे साथ हो गया था। विजू हमें किसी खास रेस्टोरेन्ट में लंच करवाने ले जाने वाला था। यह रेस्टोरेन्ट करीब साठ किमी दूर था। यह मडगांव से बीस किमी आगे ता। टोनी और गज्जू की पार्टी को कोलबा बीच के लिए निकल पडी। हमारा रास्ता उलटी दिशा में था। हम उस रेस्टोरेन्ट पर करीब तीन बजे पंहुचे। जम कर भोजन किया। यहां हमने बांगडा,किंग फिश और पता नहीं क्या क्या देखा। यहां से लौटे। अभी पता चला कि टोनी और पार्टी अभी कलांगुट बीच पर शापिंग में व्यस्त है। हम सीधे कमरे पर आ गए। शाम को बीच पार्टी पर जाने के लिए। शाम करीब साढे सात बजे टोनी,गज्जू वगैरह आए,तो पता चला कि बीच पार्टी तो रद्द हो गई है,लेकिन सुमित बैनर्जी अपनी पत्नी के साथ गोवा पंहुच चुका है और वह बीच पर ही मिलने के लिए बुला रहा है। बीच किनारे बने हुए रेस्टोरेन्टस बहुत महंगे होते है। दस गुना कीमत वसूलते हैं। लेकिन टोनी की जिद के कारण हम सभी बागा बीच पर सुमित बैनर्जी से मिलने पंहुचे। बागा बीच पर मेले जैसा माहौल था। हजारों लोगों की भीड। चीखता हुआ कानफोडू संगीत का शोर। इस शोरगुल ने थोडी ही देर में हमें परेशान कर दिया। एक दूसरे से बात करने के लिए भी चिल्लाना पड रहा था। मैं और विजू तो बेहर परेशान हो गए। हम करीब सवा ग्यारह बजे वहां से निकले। वहां भोजन भी नहीं किया। वहां से बाहर आकर एक प्योर वेज होटल में सबको भोजन कराया। रात एक बजे हमारा दिन समाप्त हुआ।
16 नवंबर 2019 वापसी का दिन था। सुबह साढे नौ तक तो मैं सोता ही रहा। आज विजू के घर पर भोजन था। ग्यारह बजे तक तैयार हुए। तब तक होटल के नाश्ते का समय समाप्त हो चुका था। सभी को छोटे मोटे काम थे,जिसके लिए पहले पंजिम जाने की योजना बनी। गाडी में बैठने वाले फिर से सात लोग थे,इसलिए टोनी डिक्की में बैठा और मैं ड्राइव कर रहा था। रास्ते में टोनी माल पर खरीददारी करने उतरा। अब मुझे भूख लग रही थी। माल के पास की एक गुमटी में मुझे आखरी वडा पाव मिल गया। मजा आ गया। चाय भी पी। पणजी पंहुचे। करीब एक घण्टे में सबके काम निपट गए। करीब एक बजे हम पोरवोरिम लौट आए। महिलाओं को विजू के घर पर थोड दिया। कमरों से सामान लेने पंहुचे। हम तीन कमरे छोड चुके थे और सारा लगेज 301 में था। 301 की चाबी टोनी के पास थी। लेकिन चाबी खो गई। मास्टर की से कमरा खोला। कमरा खोलने के चक्कर में गज्जू ने 302 की चाबी ली थी। वह उसी के पास थी। गाडी में सामान जमा कर वहां से चलने लगे तो होटल वाले ने चाबी के एवज में तीन सौ मांगे। कहा कि यदि चाबी मिल जाए तो आप ला देना और रुपए ले लेना।
अब हम पंहुचे विजू के घर पंहुचे। विजू का बडा बालक आठवीं में है,पर बडा शांत है। छोटा बालक विराज पहली कक्षा में है। बेहद चंचल और बातूनी। मैने उसका एक गाना रेकार्ड किया और यू ट्यूब पर डाल दिया। काफी देर तक उसके साथ मस्ती की।
अब निकलने का समय था। 302 की चाबी मेरे पास थी। होटल पर जाकर चाबी के बदले तीन सौ रुपए वापस ले लिए। 301 की चाबी अब भी नहीं मिली थी।
पौने छ: बजे विजू और सरिता के साथ करमाली स्टेशन के लिए रवाना हुए। साढे छ: पर स्टेशन पंहुच गए। अभी समय था इसलिए एक रेस्टोरेन्ट से वैदेही और सरिता के लिए ब्रीजर ले ली। ठीक सात बजे ट्रेन स्टेशन पर आ गई। हम ट्रेन में सवार हो गए।
सुबह करीब साढे सात पर आँख खुली,तो ट्रेन एक स्टेशन के पास रुकी हुई थी। पूछा तो पता चला कि सूरत आ रहा है। मैं हैरान था। अगर इस वक्त हम सूरत पंहुच चुके है,तो रतलाम दोपहर को ही पंहुच जाएंगे। फिर से दोनो एप देखे। मरा एप सही बता रहा था,विजू का एप अभी भी ट्रेन को पनवेल में ही दिखा रहा था। अब तय था कि हम दोपहर को ही पंहुच रहे हैं। रतलाम पंहुचकर विजू को बताना है कि मेरा ही एप सही है।
यात्रा समाप्ति पर है। दोपहर ढाई बजे तक रतलाम पंहुच कर देखते है कि आठ दिनों में क्या उठापटक हुई है?
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