Monday, December 28, 2020

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-3

ब्रेड की दो स्लाईस से चार लोगों की भूख मिटाने की कोशिश

28 सितम्बर 2020 सोमवार (रात11.00)

होटल पुष्पदीप ग्र्राण्ड रुद्रप्रयाग


हम रुद्र प्रयाग पंहुच चुके है। जगजीत भाई ने पूरे दिन हमारी चिंता की। जगजीत भाई ने ही बताया कि हमें रुद्रप्रयाग में ही रुकना चाहिए। होटल की व्यवस्था भी उन्होने ही की। हम यहां शाम सात बजे पुहुचे थे। अब भोजन करके सोने की तैयारी में है। सुबह बडी जल्दी छ: बजे यहां से निकल जाने की इच्छा है।

आज सुबह मारुति के शोरुम से गाडी लेकर निकलते निकलते साढे दस हो गए थे। फिर होटल पंहुचे। सारा सामान गाडी में सैट किया। ग्यारह बज गए। अब हम चले जोशीमठ के लिए। सभी को भूख लग रही थी। सोचा था ऋषिकेश से निकल कर कहीं आगे भोजन करेंगे। ऋषिकेश से निकल दो चार किमी आगे बढे तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि बद्रीनाथ का सीधा रास्ता बंद है और आपको चम्बा टिहरी होकर जाना पडेगा। यहां  से हमे वापस लौटना पडा। करीब आठ नौ किमी पीछे आकर चम्बा वाले रास्ते पर आगे बढे। जोर की भूख लग रही थी। चम्बा मेंभी कोई ढंग का होटल नजर नहीं आया। चम्बा से टिहरी होते हुए आगे बढे। पूरे रास्ते में कहीं ठीकठाक होटल नजर नहीं आया। दोपहर करीब डेढ बजे जाकर एक ढाबा मिला,जहां साठ रुपए में रोटी सब्जी दाल चावल वाली थाली थी। भूख इतनी तेज थी कि सब अच्छा लगा। भोजन के बाद चाय पीकर आगे बढे।  इसी दौरान जग्गी भाई का फोन आ गया। उन्होने बताया कि रास्ता बदलने की वजह से हम जोशीमठ तो पंहुच ही नहीं सकते। रुद्रप्रयाग पंहुचते पंहुचते ही अंधेरा छा जाएगा। इसलिए हमारे रुकने की व्यवस्था रुद्रप्रयाग में की गई। टिहरी बान्ध से एक रास्ता सीधे श्री नगर  पंहुचता है। श्रीनगर बद्रीनाथ हाईवे पर एक बडा कस्बा है। यहां से रुद्रप्रयाग 30 किमी दूर है। हम श्रीनगर से आगे बढे। इसी दौरान रुद्रप्रयाग थाने से फोन आ गया कि हमारे रात्रि विश्राम की व्यवस्था पुष्पदीप होटल में है। शाम करीब साते बजे हम इस होटल में पंहुचे। घर पर वौदेही,आई और ताई से बात हो गई। भोजनकरते करते तय किया कि सुबह छ: बजे निकल जाना है। बस इसीलिए आज जल्दी सोना है।


29 सितम्बर 2020 मंगलवार (दोपहर 12.50)

रुद्रप्रयाग जोशीमठ हाईवे (कार में)

इस वक्त हम जोशीमठ से करीब 25 किमी दूर हाईवे पर रुके हुए हैैं। आगे सडक़ बन्द है और लम्बा जाम लगा हुआ है।

सुबह 6 बजे निकलने की योजना थी,लेकिन सात बजे निकल पाए। होजल से निकलते ही एक रेस्टोरेन्ट पर आधी प्लेट पर मैगी और चाय का डोज लिया। अनिल और आशुतोष ने  दूध ब्रेड का नाश्ता किया। ब्रेड की एक एक स्लाइस हमने भी चाय के साथ खाई। आखिर में स्लाइस बच गई जिसे हमने गाडी में धर लिया। रुद्रप्रयाग से चले तो सोचा था कि नगरासू के गुरुद्वारे में लंगर चखेंगे।  लेकिन नगरासू तो आधे पौने घण्टे मेंं ही आ गया। अभी भूख नहीं थी। वहां से आगे बढे। करीब साढे नौ बजे लंगासू पंहुच गए। यहां टीकाराम मेखुरी का महालक्ष्मी होटल पर रुक गए। इस होटल पर 2015 की यात्रा मेंरुके थे,तभी से टीकाराम जी से परिचय हुआ था। मेखुरी जी भाजपा के नेता है और अगला विधानसभा चुनाव लडने की इच्छा रखते हैैं।  यहां चाय पीकर आगे बढे।  रास्ते में जाम लगा हुआ था। करीब आधे घण्टे में जाम खुला। रास्ते में जगह जगह चौडीकरण का काम चल रहा है। कई जगह सडक़ की हालत बेहद खस्ता है। लैण्ड स्लाइडिंग हुई है। पहले जाम से निकले। अभी जोशीमठ 50 किमी दूर था कि फिर एक जगह पहाड तोडने का काम चल रहा था। यहां भी रुकना पडा। हमेंलगा था कि यह जाम लम्बा चलेगा,लेकिन जोसीबी ने जल्दी ही सडक़ के पत्थर हटा दिए और हम आगे बढ गए। अब जोशीमठ 25 किमी है और यहां लम्बा जाम लगा हुआ है। सेना के ट्रक भी अटके हुए है। मैने पूछा तो बताया कि एक घण्टे से जाम लगा हुआ है। हम लम्बे जाम में काफी पीछे थे,लेकिन धीरे धीरे जगह देखते हुए वहां आ गए,जहां सडक़ बन्द की गई थी। यहां भी पत्थर तोडे जा रहे थे। यह जाम पता नहीं कब खुलेगा। 

पहले हमारी योजना यह थी कि गोविन्द घाट रुक कर ट्रेकिंग शुरु करेंगे और सात किमी चल कर घांघरिया पंहुच जाएंगे। रात घांघरिया में रुक कर अगले दिन हेमकुण्ड साहिब और फूलों की घाटी जाकर आएंगे। इसके बाद बद्रीनाथ के दर्शन करने जाएंगे।

जाम में फंसने के बाद नई प्लानिंग की। अब पहले हम सीधे बद्रीनाथ जाकर दर्शन करेंगे और लौट कर गोविन्द घाट आ जाएंगे। रात गोविन्द घाट मेंगुजार कर कल हेमकुण्ड साहिब की यात्रा करेंगे।

लेकिन अब जाम की हालत देखकर तो कुछ भी नहीं कहा जा सकता। 

यहां जाम में फंसे फंसे पौने एक बज गया। सुबह आधा पैकेट मैगी खाई थी। अब जोरों की भूख लग आई थी। अनिल ने याद दिलाया कि ब्रेड की दो स्लाईस पडी है,जिसे सेव से खाया जा सकता है। भूख सभी को लगी थी,इसलिए इसमें सभी ने हिस्सा बंटाया और हर एक के हिस्से में आधी ब्रेड ही आई। फिर सेव और चने खाए। पानी पिया। हलकी सी राहत मिली। अभी जाम खुलने की खबर मिली है। गाडियां धीरे धीरे खिसकने लगी है।

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