Thursday, July 28, 2016

महत्वहीन घटना को राष्ट्रीय समस्या का दर्जा देने की कोशिश

(सन्दर्भ- मन्दसौर में महिलाओं की कथित पिटाई)

-तुषार कोठारी 
मध्यप्रदेश के मन्दसौर रेलवे स्टेशन पर हुआ महिलाओं का आपसी विवाद,देश की प्रमुख समस्या का रुप ले चुका है। दो महिलाओं की,महिलाओं द्वारा कथित पिटाई के विडीयो पूरे दिन भर कुछ टीवी चैनलों पर गौरक्षकों की गुण्डागिर्दी के नाम से चलाए जाते रहे। हद तो तब हो गई,जब राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर हंगामा भी कर दिया गया। देश के कई सारे सैक्यूलर पत्रकार,ट्विटर पर भी इस मुद्दे को लेकर भडास निकालते रहे। देश के तमाम सैक्यूलरवादियों को बैठे बिठाए महिलाओं का पिटाई का मुद्दा मिल गया। उन्होने भी बिना तथ्यों पर ध्यान दिए इस पूर्णत: महत्वहीन मामले को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।

Friday, July 15, 2016

पानी बरसती गुफा में विराजित है द्वादश ज्योतिर्लिंग

प्रकृति ने स्वयं बनाया है महादेव का यह मन्दिर
(कमलेश्वर महादेव की गुफाओं से लौटकर तुषार कोठारी)
रतलाम,15 जुलाई (इ खबरटुडे)। भारत चमत्कारों का देश है। ये चमत्कार अक्सर दिखाई देते है। कहीं मन्दिर में हजारों चूहे है,तो कहीं सीमा पर माता के चमत्कार के कारण पाकिस्तान के बम ही नहीं फूट पाए।  चमत्कारों की कडी में नया नाम है कमलेश्वर महादेव का,जहां पहाडों के नीचे छुपी अंधेरी पानी बरसती गुफाओं में द्वादश ज्योतिर्लिंग विराजित है। प्रकृति द्वारा बनाए गए इस मन्दिर में शिवलिंग के निरन्तर अभिषेक की व्यवस्था भी स्वयं प्रकृति ने ही की है।

Sunday, July 10, 2016

despite Modi Government kashmir returns in 90's decade मोदी सरकार के बावजूद नब्बे के दशक में लौटता कश्मीर

-तुषार कोठारी

कहीं पुराने रास्ते पर तो नहीं लौट रहा है कश्मीर। कश्मीर से आ रही खबरें बेहद डरावनी है। अमरनाथ यात्रा रुकी
हुई है। एक आतंकी के जनाजे में हजारों की भीड उमड रही है और अमरनाथ यात्रियों के साथ मारपीट कर पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगवाए जा रहे हैं। यह सब कुछ तब,जबकि जम्मू काश्मीर की सत्ता में स्वयंभू तौर पर सर्वाधिक राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा साझेदार है। डर का सबसे बडा कारण भी यही है कि केन्द्र में पूर्ण बहुमत के साथ आसीन भाजपा के जम्मू काश्मीर की सत्ता में साझेदार होने के बाद अगर कश्मीर में अमरनाथ यात्री असुरक्षित है तो क्या स्थिति 1990 जैसी ही नहीं हो गई है।

Thursday, May 26, 2016

Jawaharlal Nehru- Hero of Country or ............? जवाहरलाल नेहरु-देश के नायक या......?

-तुषार कोठारी
देश आज जिन समस्याओं से जूझ रहा है,उनमें से अधिकांश भारत की आजादी के समय की है। कश्मीर पर भारत अरबों खरबों रुपए फूंक चुका है,फिर भी आतंकवादी हमलों का खतरा बरकरार है। पडोसी देश चीन का खतरा बरकरार है। चीन के मुकाबले हम बेहद कमजोर है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में हमारा कोई जोर
नहीं है। भारत की 62 हजार वर्गमील जमीन पर चीन का अवैध कब्जा है। हमारा पडोसी नन्हा देश तिब्बत चीन के अत्याचार झेलने को बाध्य है। हर साल कई तिब्बती अपनी स्वाधीनता के लिए बलिदान दे रहे हैं। इन सारी समस्याओं की शुरुआत भारत की आजादी के तुरंत बाद हुई थी। उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु थे।

Wednesday, May 25, 2016

यात्रा वृत्तान्त - 22 सांप,मेंढक और कुत्तों के मांस का बाजार,महिलाएं करती हैं व्यापार

(नागालैण्ड और मणिपुर यात्रा 6 जनवरी से 20 जनवरी 2016)

उत्तर पूर्वी राज्यों की यात्रा का यह तीसरा मौका था। इस बार की यात्रा में हमने अरुणाचल के दूरस्थ क्षेत्रों,अनीनी की दिशा में जाने की योजना बनाई थी। साथ ही रहस्यमय माने जाने वाले नागालैण्ड व मणिपुर को भी इस यात्रा में जोडा था। पिछली अरुणाचल तवांग यात्रा के अनुभवों से सबक लेते हुए इस बार हम पर्याप्त समय लेकर चले थे,ताकि गडबड ना हो। हम २१ जनवरी की सुबह लौटे। इस यात्रा में हम केवल तीन व्यक्ति शामिल थे। मेरे साथ दशरथ पाटीदार व हिमांशु जोशी इस यात्रा में शामिल थे।

Thursday, March 10, 2016

Char Dham Tour यात्रा वृत्तान्त - 21 चार धाम की तीर्थयात्रा

उत्तराखण्ड के चार धाम यानी बद्रीनाथ,केदार नाथ,गंगौत्री और यमुनोत्री। इन्हे छोटे धाम भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख चार धामों में बद्रीनाथ धाम भी एक है। माना यह जाता है कि बद्रीनाथ का धाम पूरा करने के लिए इन चारों स्थानों पर जाना जरुरी है। वैसे चार धामों में उत्तर में बद्रीनाथ,दक्षिण में रामेश्वरम,पूर्व में उडीसा में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में गुजरात में सोमनाथ शामिल है। उत्तराखण्ड के चार धामों की पारिवारिक तीर्थ यात्रा सितम्बर 2015 में पूरी की। इस तीर्थयात्रा में हम पांच मित्र मै,दशरथ जी पाटीदार,आशुतोष नवाल जी,संतोष त्रिपाठी जी और नरेन्द्र शर्मा जी सपत्नीक शामिल थे।

Monday, March 7, 2016

कहीं इतिहास की वस्तु बनकर न रह जाएं कांग्रेस और कम्यूनिस्ट

(सन्दर्भ-जेएनयू प्रकरण)
-तुषार कोठारी
आत्महत्या जैसा कायरताभरा कृत्य करके अपना जीवन समाप्त करने वाले किसी व्यक्ति को अपना आदर्श मानने वाले लोग कैसे हो सकते है? यह देखने के लिए आपको देश की राजधानी नई दिल्ली में बसे जवाहर लाल नेहरु  यूनिवर्सिटी के केम्पस में जाना होगा।   कहते हैं कि गीदडों का नेता शेर नहीं हो सकता,कोई गीदड ही गीदडों को नेतृत्व दे सकता है। दुनियाभर में अपना अस्तित्व गंवा चुके वामपंथ के बचे खुचे परजीवियों ने जब जेएनयू को अपना गढ बनाया,तो यहां के छात्रसंघ चुनावों का नेतृत्व भी उसी प्रकार का बना,जो साहसिक कृत्य करने में सक्षम ही नहीं है। देश की जनता साहसी नेतृत्व चाहती है,कायर नेतृत्व नहीं।

Saturday, February 27, 2016

Country of rising sun Arunachal यात्रा वृत्तान्त -20 उगते सूर्य के प्रदेश में

(अरुणाचल यात्रा  17 जनवरी से 26 जनवरी 2015)

17 नवंबर को तिरुपति से लौटे थे। इसके मात्र दो माह बाद फिर से यात्रा पर। ये यात्रा एयरलाइन्स के सस्ते टिकटों की वजह से हुई। करीब तीन महीने पहले ही हमने दिल्ली से गुवाहाटी की फ्लाइट आने जाने की बुक करवा ली थी। बुकींग छ: लोगों की थी।मैं,दशरथ पाटीदार जी,संतोष त्रिपाठी जी,हिमांशु जोशी,उदित अग्रवाल और सुदीप जैन(बंटी),इस यात्रा में जाने वाले थे। लेकिन अंत में बंटी की यात्रा रद्द हो गई और 17 जनवरी 2015 को हम अरुणाचल के लिए निकल पडे। हमने रतलाम से दिल्ली का रिजर्वेशन कराया,ज्लिी से गुवाहाटी हमारी फ्लाइट थी और गुवाहाटी से हमारा आरक्षण तीनसुकिया तक है।

Tirupati Balaji यात्रा वृत्तान्त-19 तिरुपति बालाजी के दर्शन

अण्डमान निकोबार की यात्रा के अंतिम चरण में तिरुपति बालाजी पंहुचे थे। इससे पहले दक्षिण की यात्रा के दौरान भी आशुतोष की जिद्द के कारण तिरुपति आए थे,लेकिन उस समय मैने दर्शन नहीं किए थे। अण्डमान की यात्रा के दौरान जब तिरुपति पंहुचे थे,तो मैने सोचा था कि यदि आसानी से दर्शन हो सकेंगे तो जरुर करुंगा और दर्शन आसानी से हो गए थे। तिरुपति पंहुचे ही थे,कि एक बडे काम के होने के संकेत मिले और उसी समय तिरुपति से यह प्रार्थना की थी कि यदि काम हो गया तो फौरन तिरुपति आएंगे। जब लौटे तो आखिरकार काम हो ही गया।

Sunday, February 21, 2016

जेएनयू प्रकरण-न्यायालय बनने की कोशिश में मीडीया और पार्टियां


-तुषार कोठारी

पिछले करीब दो हफ्तों से देश का आम आदमी हैरान है,कि वह जिसे मां मानता रहा है,उस भारत माता को निरन्तर अपमानित किया जा रहा है। आतंकवादियों के हमलों से हैरान देशवासियों के लिए पिछले करीब सात दशकों में यह पहला मौका है,जब मुख्य धारा के कंाग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टियों जैसे राजनीतिक दलों के नेता देशद्रोहियों की पैरवी इतने खुले रुप से करते नजर आ रहे है। इस बात का भी शायद पहला मौका है,जब मीडीया का एक वर्ग देशद्रोही बातों को नजरअंदाज कर देने की सलाहें दे रहा है। यह बात भी हैरान करने वाली है कि न्यायालय के निर्णय का होने से पहले ही कुछ नेता और मीडीया के लोग देशद्रोहिता के मामले में बंद छात्रनेता को दोषमुक्त कर चुके है।

अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती

(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे )  12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)  साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43   अयोध्या की यात्रा अब समाप्...