Monday, December 28, 2020

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-8

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

मित्रों से मुलाकात के बाद वापसी का सफर

05 अक्टूबर 2020 सोमवार (दोपहर 2.00)

इ खबरटुडे आफिस रतलाम


मैैं बीती रात करीब एक बजे घर पंहुचा था। हमारी यात्रा का समापन समारोह रविवार को मन्दसौर में हुआ था। रतलाम से प्रकाशराव पंवार और संतोष त्रिपाठी मन्दसौर आ गए थे,जिन्होने मुझे और अनिल को छोडा था।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-7

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

सौलह घण्टों में तेईस किमी की ट्रैकिंग,वो भी खाली पेट

04 अक्टूबर 2020 रविवार (रात 00.52)

ओयो होटल दिल्ली जयपुर हाईवे शहाजहांपुर


इस होटल में हम रात साढे दस बजे पंहुचे थे। कमरे लिए। भोजन किया। अब सोने की तैयारी है। पिछले तीन दिनों से डायरी लिखने का मौका ही नहीं मिला था। लेकिन आज सोने से पहले यात्रा विवरण वहीं से शुरु,जहां छोडा था। उस दिन 2 अक्टूबर की सुबह छ: बजे मै डायरी लिख रहा था कि तभी सब लोग तैयार हो गए। वहीं डायरी बंद करके तुरंत निकल पडे थे। 

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-6

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

पंहुच गए हेमकुण्ड साहिब के दर पर

30 सितम्बर 2020 गुरुवार (सुबह 3.30)

होटल देवलोक घांघरिया

 अभी सुबह पांच बजे हमें हेमकुण्ड साहिब की यात्रा शुरु करना है,इसलिए आज सुबह तीन बजे उठ गए हैैं। ताकि यात्रा सही समय पर शुरु कर दे और देर ना हो जाए।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-5

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

गोविन्द घाट से घांघरिया का चुनौती भरा सफर

30 सितम्बर 2020 बुधवार ( दोपहर 3.00 बजे)

होटल देवलोक घांघरिया


इस वक्त हम ग्यारह किमी की बेहद कठिन और खडी चढाई वाला पहाडी रास्ता पार करके घांघरिया आ गए हैैं।

 आज सुबह हमने छ: बजे निकलने का तय किया था,लेकिन कमरे से निकलते निकलते साढे छ: बज गए थे। कमरे से निकल कर सबसे पहले बरसात से बचाव के लिए पोचू किराये पर लिए।  यहां सौ रु. किराये में पोचू मिल जाते है,लेकिन इसके लिए पहले तीन सौ रु. एडवान्स जमा कराना पडते हैैं।  हमने तीन पोचू लिए। अनिल अपनी बरसाती लेकर आया था।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-4

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

बद्रीनाथ के दर्शन, तप्त कुण्ड पर कोरोना का असर

29 सितम्बर 2020 मंगलवार (रात10.15)

होटल दुर्गा पैलेस गोविन्द घाट

 इस वक्त हम गोविन्दघाट गुरुद्वारे के नजदीक इस होटल में रुके हैैं और सुबह छ: बजे हेमकुण्ड के लिए निकलने की योजना है।  

दोपहर को हम सडक़ के जाम में फंसे थे। दोपहर पौने एक बजे जाम खुला और हम आगे बढे। हम करीब दो बीस पर जोशीमठ पंहुच गए।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-3

ब्रेड की दो स्लाईस से चार लोगों की भूख मिटाने की कोशिश

28 सितम्बर 2020 सोमवार (रात11.00)

होटल पुष्पदीप ग्र्राण्ड रुद्रप्रयाग


हम रुद्र प्रयाग पंहुच चुके है। जगजीत भाई ने पूरे दिन हमारी चिंता की। जगजीत भाई ने ही बताया कि हमें रुद्रप्रयाग में ही रुकना चाहिए। होटल की व्यवस्था भी उन्होने ही की। हम यहां शाम सात बजे पुहुचे थे। अब भोजन करके सोने की तैयारी में है। सुबह बडी जल्दी छ: बजे यहां से निकल जाने की इच्छा है।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-2

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

गाडी खराब,सेंसर की तलाश और गंगा आरती

26 सितम्बर 2020 शनिवार(रात10.02)
होटल शिवमूर्ति  हरिद्वार

आखिरकार कोरोना टेस्ट कराने के 96 घण्टे पहले हम उत्तराखण्ड में प्रवेश कर गए। इस वक्त हम हरिद्वार के स्टेशनरोड पर होटल ग्र्राण्ड शिवमूर्ति में सोने की तैयारी कर रहें है।  

सुबह जयपुर से करीब 20-25 किमी आगे पराठों का नाश्ता करके निकले थे। गाडी स्टार्ट हुई। मनीष गाडी चला रहा था। उसने कहा कि गाडी का एकाध सेंसर गडबड कर रहा है। जब रतलाम से चले थे,तभी से गाडी का स्पीडोमीटर बन्द पडा था। डेशबोर्ड पर मीटर में इसका संकेत भी मिल रहा था।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-1

 यात्रा वृत्तान्त-37 हेमकुण्ड साहिब यात्रा

(25 सितम्बर 2020 से 4 अक्टूबर 2020)

 अनोखी यात्रा की अनोखी शुरुआत

25-26 सितम्बर 2020 (शुक्र-शनि) रात 12.24

पण्डित होटल जयपुर दिल्ली हाई वे


आज सुबह 9.45 पर अनिल अपनी गाडी से मेरे घर पंहुचा था और मैं जल्दी ही उसकी गाडी में सवार हो गया था। इस तरह हम इस यात्रा के लिए निकले थे।

 ये यात्रा कई मायनों में अनोखी साबित हो रही है। कोरोना लाक डाउन के असर से डरे हुए हम सारे मित्र पिछली 27 जुलाई को निकले थे पचमढी के लिए। घूमघाम कर वापस आ गए। तब चर्चा हुई कि हम हर सितम्बर में हिमालय जाते है,तो इस बार भी जाना चाहिए।

Wednesday, December 9, 2020

संशोधनों के लिखित प्रस्तावों के बाद भी,कृषि कानूनों का विरोध-भ्रम में कौन है आन्दोलनकारी किसान या केन्द्र सरकार...?

 -तुषार कोठारी



 केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों में संशोधन के लिखित प्रस्ताव दिए जाने और आन्दोलनकारी पंजाब के किसानों द्वारा इन प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिए जाने से अब यह निर्विवाद रुप से स्पष्ट हो गया है कि राजधानी की सीमाओं पर कब्जा जमाए बैठे प्रदर्शनकारियों को किसानों के हित की कोई चिंता नहीं है,बल्कि उनका एकसूत्रीय एजेण्डा किसी ना किसी तरह हालात को बिगाड कर रखना और केन्द्र सरकार को बदनाम करना ही है।


अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती

(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे )  12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)  साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43   अयोध्या की यात्रा अब समाप्...