Thursday, May 7, 2015
Sunday, April 26, 2015
यात्रा वृत्तान्त-7 शबरी कुंभ (11,12 और 13 फरवरी 2006)
12 फरवरी 06 - सूरत बस डिपो(शाम 4.00)
दुविधा से बचने के लिए कल शबरी कुंभ में जाने का पक्का निर्णय कर लिया था। 10 फरवरी की आधी रात को भोपाल से लौटने के बाद यह तय कर लिया था कि आने वाले 4 दिनों की जबर्दस्त दुविधा से बचने का यह अच्छा उपाय होगा और इसलिए दो हजार का जूता खाते हुए भी जाने का मन बन गया। 11 फरवरी की सुबह मा.प्रभाकर जी का चेकअप कराकर फ्री होते होते दोपहर दो बज गए। 2 बजे जब स्टेशन पर टिकट लेने पंहुचे तो बडी आसानी से आज सुबह की जनता में 3 रिजर्वेशन मिल गए।
दुविधा से बचने के लिए कल शबरी कुंभ में जाने का पक्का निर्णय कर लिया था। 10 फरवरी की आधी रात को भोपाल से लौटने के बाद यह तय कर लिया था कि आने वाले 4 दिनों की जबर्दस्त दुविधा से बचने का यह अच्छा उपाय होगा और इसलिए दो हजार का जूता खाते हुए भी जाने का मन बन गया। 11 फरवरी की सुबह मा.प्रभाकर जी का चेकअप कराकर फ्री होते होते दोपहर दो बज गए। 2 बजे जब स्टेशन पर टिकट लेने पंहुचे तो बडी आसानी से आज सुबह की जनता में 3 रिजर्वेशन मिल गए।
Thursday, April 16, 2015
Monday, April 13, 2015
सच को सामने लाने का सही वक्त
-तुषार कोठारी
देश की स्वतंत्रता के बाद सही मायने में सच को सामने लाने का यही सही
वक्त है। पिछले 68 वर्षों में देश की जनता से कई सारे सच छुपाए गए है।
सुभाष चन्द्र बोस हो या सावरकर,देश के सच्चे नायकों को दरकिनार कर जनता को
भ्रम में रखा गया है। आज जब नेताजी से जुडी गोपनीय फाइलों और दस्तावेजों को
सार्वजनिक करने की मांग उठाई जा रही है,तो यह इसके लिए सबसे सही वक्त है।
यही नहीं इस तरह की और भी छुपा कर रखी गई जानकारियों को देश की जनता के
सामने लाने का भी यही वक्त है।Saturday, March 28, 2015
यात्रा वृत्तान्त-6 अमरनाथ बाबा के दरबार में
(अमरनाथ यात्रा 14 जुलाई 2001 से 4 अगस्त 2001)
लद्दाख यात्रा के दस महीनों बाद इस बार हम जम्मू काश्मीर के रास्ते पर चले। अमरनाथ यात्रा के बहाने जम्मू काश्मीर का बचा हुआ हिस्सा देखने के लिए इस बार भी वही टीम निकली,लेकिन इसमें एक सदस्य कम हो गया। अमरनाथ यात्रा में मै,राजेश घोटीकर,कमलेश पाण्डेय और विनय कोटिया शामिल हुए। इस बार भी गाडी की समस्या आशुतोष ने ही हल की। उसने अपने किसी परिचित की गैस से चलने वाली मारुति वैन किराये पर दिलाने का इंतजाम किया। पिछली बार की तुलना में यह गाडी बेहद आरामदायक थी क्योकि यह पैट्रोल और गैस दोनो से चलती थी। इसके अलावा इस बार हम लोग अनुभवी ड्राइवर और यात्री बन चुके थे। हमारी यह यात्रा 14 जुलाई को रतलाम से शुरु हुई।
Sunday, March 8, 2015
गठबन्धन धर्म बडा या राष्ट्रधर्म….?
-तुषार कोठारी
अब से करीब छब्बीस साल पहले काश्मीर में मेडीकल की एक 23 वर्षीय छात्रा
का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। उस युवती के पिता ने अपहरण से मात्र
पांच दिन पूर्व इस महान भारत देश के अत्यधिक महत्वपूर्ण गृह मंत्रालय का
कामकाज सम्हाला था। इस युवती के अपहरण का ड्रामा छ: दिनों तक चला और
आखिरकार अपनी जान की कीमत देकर सुरक्षाकर्मियों द्वारा पकडे गए पांच
आतंकियों को सरकार ने जेल से रिहा कर दिया। छ: दिनों बाद वह युवती सही
सलामत अपने घर लौट आई थी।Monday, March 2, 2015
Thursday, February 26, 2015
Wednesday, February 25, 2015
मदर की सच्चाई बताने का हक सिर्फ विदेशियों को,भारतीयों को नहीं
-तुषार कोठारी
दुनिया की भयानकतम औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस काण्ड में
अधिकारिक तौर पर चार हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी और इससे कई गुना
ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे। दुर्घटना के फौरन बाद करुणा की मूर्ति
कोलकाता से भोपाल पंहुची थी। लेकिन वह गैस काण्ड से पीडीत प्रभावित लोगों
की मदद के लिए वहां नहीं पंहुची था,बल्कि गैस काण्ड के लिए जिम्मेदार
यूनियन कार्बाइड के प्रबन्धन की मदद के लिए पंहुची थी। उसने
यूनियन कार्बाइड के प्रबन्धन को इस अपराध के लिए क्षमा कर देने का निवेदन
किया था।Saturday, February 21, 2015
क्या सचमुच आ गए अच्छे दिन….?
- तुषार कोठारी
करीब साढे सात साल जेल में गुजार कर जमानत पर रिहा हुए गुजरात के आईपीएस
पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा ने कहा कि अब अच्छे दिन आ गए है। लेकिन क्या
सचमुच अच्छे दिन आ गए है। डीजी वंजारा के लिए तो जरुर अच्छे दिन आ गए
है,लेकिन साध्वी प्रज्ञा और उन जैसे कई लोग है जो वोट बैंक की घृणित
राजनीति की सूली पर चढाए गए और आज तक कष्ट झेलने को मजबूर है।Monday, February 16, 2015
हिमालय का हाई एल्टीट्यूड
रतलाम से लद्दाख (2 सितम्बर से 26 सितम्बर 2000)
रतलाम से लद्दाख की यह यात्रा चार पहिया वाहन से पहली हमारी पहली यात्रा थी। यात्रा के लिए हमने आशुतोष नवाल की मारुति वैन ली थी। यह गाडी आशुतोष ने कुछ ही दिन पहले खरीदी थी और इसमें स्टीमर का इंजिन लगाकर इसके डीजल से चलने वाली गाडी में तब्दील कर लिया था। इस यात्रा में मेरे साथ राजेश घोटीकर,कमलेश पाण्डेय,विनय कोटिया और आशुतोष नवाल (मन्दसौर) थे। यात्रा की एक खासियत यह भी थी कि हममें से कोई भी परफेक्ट ड्राइवर नहीं था,लेकिन फिर भी हम डीजल की मारुति वैन से 2 सितम्बर 2000 को लद्दाख यात्रा के लिए निकल पडे। यह यात्रा 26 सितम्बर को समाप्त हुई।
रतलाम से लद्दाख की यह यात्रा चार पहिया वाहन से पहली हमारी पहली यात्रा थी। यात्रा के लिए हमने आशुतोष नवाल की मारुति वैन ली थी। यह गाडी आशुतोष ने कुछ ही दिन पहले खरीदी थी और इसमें स्टीमर का इंजिन लगाकर इसके डीजल से चलने वाली गाडी में तब्दील कर लिया था। इस यात्रा में मेरे साथ राजेश घोटीकर,कमलेश पाण्डेय,विनय कोटिया और आशुतोष नवाल (मन्दसौर) थे। यात्रा की एक खासियत यह भी थी कि हममें से कोई भी परफेक्ट ड्राइवर नहीं था,लेकिन फिर भी हम डीजल की मारुति वैन से 2 सितम्बर 2000 को लद्दाख यात्रा के लिए निकल पडे। यह यात्रा 26 सितम्बर को समाप्त हुई।
केन्सर व झुलसी त्वचा के कई मरीज हुए लाभान्वित
कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जरी शिविर संपन्न
रतलाम,15 फरवरी (इ खबरटुडे)। भारत भक्ति संस्थान रतलाम
द्वारा आयोजित निशुल्क कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जरी शिविर में मुंह के
कैन्सर,झुलसी त्वचा जैसी समस्याओं से ग्रस्त कई मरीज लाभान्वित हुए। उदयपुर
के कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ डॉ.सुमित सिंघल ने मरीजों को
यथायोग्य चिकित्सकीय परामर्श दिया।शिविर का आयोजन कस्तूरबा नगर स्थित गीतादेवी अस्पताल में किया गया था। शिविर के दौरान करीब तीन दर्जन से अधिक मरीजों ने विशेषज्ञ डॉ.सुमित सिंघल से परामर्श प्राप्त किया। शिविर में मुंह के केन्सर,झुलसने से चिपकी त्वचा,शरीर पर बनाए गए टैटू को हटाने,चेहरे पर बनी झुर्रियों को हटाने,गंजेपन को समाप्त करने,चेहरे और गर्दन पर मस्से जैसी समस्याओं से पीडीत मरीज आए थे।
शिविर आयोजन में गीतादेवी अस्पताल के डॉ.लेखराज पाटीदार,भारत भक्ति संस्थान के राजेश घोटीकर,तुषार कोठारी,राजेश पाण्डेय,दशरथ पाटीदार,उदित अग्रवाल,संजय पाटीदार इत्यादि का सराहनीय सहयोग रहा।
http://epaper.patrika.com/c/4521303
Sunday, February 8, 2015
Sunday, February 1, 2015
वरिष्ट पत्रकार श्री गर्ग ई खबर टुडे के कार्यालय मे
देश के वरिष्ठ पत्रकार और संपादक श्रवण गर्ग पिछले दिनो
महाराष्ट्र समाज के एक कार्यक्रम मे व्याख्यान देने रतलाम आए थे. इस मौके पर वे ई खबर टुडे के कार्यालय मे भी आये.उन्होने यहा काफ़ी समय गुज़ारा और ई खबर टुडे के समाचारो की सराहना भी की. यह समाचार उज्जैन से प्रकाशित दैनिक अवन्तिका मे भी प्रकाशित हुआ था.
Wednesday, January 28, 2015
दुनिया के लिए जरुरी है तिब्बत की स्वतंत्रता
भारत के आखरी छोर पर बसे दुनिया के दूसरे सबसे बडे बौध्द मठ तवांग तक
पंहुचना अपने आप में दुष्कर कार्य है। देश के सुदूर उत्तर पूर्व में तिब्बत
या वर्तमान में कथित तौर पर चीन की सीमा से सटे तवांग शहर को यहां के
विशाल बौध्द मठ की वजह से भी पहचाना जाता है। इस मठ के प्रमुख गुरु तुलकु
रिनपोचे का कहना है कि तिब्बत स्वतंत्र होकर रहेगा। तिब्बत की स्वतंत्रता
पूरी दुनिया के लिए जरुरी है। तिब्बत की स्वतंत्रता का संघर्ष तब तक जारी
रहेगा जब तक कि तिब्बत पूर्णत:स्वतंत्र नहीं हो जाता।
Thursday, January 15, 2015
चमत्कारी तनोट माता,जहां बेकार हो गए पाकिस्तान के बम
राजस्थान यात्रा नवंबर 1999
रतलाम-जैसलमेर-रतलाम
इस यात्रा में हम चार मित्र मै,कमलेश पाण्डेय,अनिल मेहता और राजेश घोटीकर मोटर साइकिलों से गए थे। यूथ होस्टल्स आफ इण्डिया की नेशनल डेजर्ट सफारी में हिस्सा लेने के लिए हम लोग रतलाम से निकले थे। यह यात्रा हमने मेरी राजदूत (175 इलेक्ट्रानिक) और कमलेश की यामाहा आरएक्स-100 से की थी। इस यात्रा में पहले विनय कोटिया जाने वाला था,लेकिन एन वक्त पर उसका कार्यक्रम रद्द हुआ और उसके स्थान पर राजेश घोटीकर हमारे साथ हो गया।
रतलाम-जैसलमेर-रतलाम
इस यात्रा में हम चार मित्र मै,कमलेश पाण्डेय,अनिल मेहता और राजेश घोटीकर मोटर साइकिलों से गए थे। यूथ होस्टल्स आफ इण्डिया की नेशनल डेजर्ट सफारी में हिस्सा लेने के लिए हम लोग रतलाम से निकले थे। यह यात्रा हमने मेरी राजदूत (175 इलेक्ट्रानिक) और कमलेश की यामाहा आरएक्स-100 से की थी। इस यात्रा में पहले विनय कोटिया जाने वाला था,लेकिन एन वक्त पर उसका कार्यक्रम रद्द हुआ और उसके स्थान पर राजेश घोटीकर हमारे साथ हो गया।
Wednesday, January 7, 2015
Tuesday, January 6, 2015
कलात्मकता और विशालता है खजुराहो की खासियत
सांची-खजुराहो-झांसी-ओरछा-ग्वालियर यात्रा
दि. 4 जनवरी 1997 शनिवार
पूरे 362 दिन बाद फिर से यात्रा पर। इस यात्रा में भी हम दो ही लोग थे। मै और अनिल मेहता। एक बहाना भोपाल में एपीपी की परीक्षा का था,जो कल सुबह नौ बजे बैरागढ में होना है। सोचा था,दोपहर तीन की ट्रेन से उज्जैन पंहुचकर इन्दौर भोपाल पैसेंजर से भोपाल पंहुचेंगे। घर से निकलने में कुछ देरी हो गई और आखिरकार शाम 5.30 पर रतलाम-ग्वालियर बस से साढे आठ पौने के बीच उज्जैन पंहुचे। समय का
प्राकृतिक गुफा में रहती है मां काली
(अम्बा जी और माउण्ट आबू यात्रा)
रतलाम से अम्बा जी और माउण्ट आबू की यह यात्रा मैने और अनिल मेहता (सैलाना) ने मेरी राजदूत मोटर साइकिल से की थी। रतलाम से निकलते समय यह तय नहीं था कि वास्तव में जाना कहां है। रतलाम से निकलने के बाद हमने रोड एटलस देखकर यह तय किया कि माउण्ट आबू देखा जाए। इस यात्रा पर हम 7 जनवरी 1996 को निकले थे।
रतलाम से अम्बा जी और माउण्ट आबू की यह यात्रा मैने और अनिल मेहता (सैलाना) ने मेरी राजदूत मोटर साइकिल से की थी। रतलाम से निकलते समय यह तय नहीं था कि वास्तव में जाना कहां है। रतलाम से निकलने के बाद हमने रोड एटलस देखकर यह तय किया कि माउण्ट आबू देखा जाए। इस यात्रा पर हम 7 जनवरी 1996 को निकले थे।
Tuesday, December 30, 2014
फिल्म पीके का विरोध कितना जायज?
-तुषार कोठारी
विधु विनोद चौपडा,राजू हीरानी और आमिर खान इन दिनों बेहद खुश होंगे। उनकी फिल्म पीके पहले ही हफ्ते में पीके दो सौ करोड के क्लब में शामिल तो हो ही गई थी। अब हर दिन फिल्म को लेकर चल रहे विरोध के कारण नया प्रचार मिल रहा है और हो सकता है कि अब पीके कमाई के नए रेकार्ड बना दे। धार्मिक भावनाओं को आहत करना ,धार्मिक परंपराओं पर आघात करना और देवी देवताओं को अपमानित करना भारत के तथाकथित बुध्दिजीवी और प्रगतिशील लोगों का पुराना शौक रहा है।
Subscribe to:
Posts (Atom)
अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती
(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे ) 12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45) साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43 अयोध्या की यात्रा अब समाप्...
-
-तुषार कोठारी आरक्षण को लेकर मची बवाल पहली बार नहीं है। बिहार चुनाव के पहले भी लालू से लेकर मायावती तक तमाम नेता आरक्षण को खत्म करने की क...
-
- तुषार कोठारी इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा मस्जिदों में सुबह की अजान के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग से हो...
-
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे 26 मई 2022 गुरुवार (सुबह 7.00) यूथ होस्टल मलवली फैमिली कैम्प का आज पहला दिन है। आज से तीन दिनों तक ह...