Thursday, March 16, 2017
Tuesday, March 14, 2017
Sunday, March 12, 2017
भाजपा की प्रचण्ड जीत-हिन्दुत्व की ओर बढती देश की राजनीति
-तुषार कोठारी
उत्तर प्रदेश और उत्तरांचल में भाजपा को मिली प्रचण्ड जीत का विश्लेषण
हर कोई अपने अपने ढंग से कर रहा है। कई लोग मोदी लहर को राम लहर से बडी भी
बता रहे हैं। इसे विकास के नारे की जीत भी माना जा रहा है। इन विश्लेषणों
से भी आगे अगर उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के नतीजों को साथ रख कर देखा जाए
तो पता चलता है कि देश की राजनीति की दिशा बदल रही है। देश की राजनीति अब
अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण से हिन्दुत्व की दिशा में बढने लगी है।Friday, February 10, 2017
राजस्थान से सबक सीखना चाहिए मध्यप्रदेश को
-तुषार कोठारी
हिन्दुओं के गौरव महाराणा प्रताप द्वारा हल्दीघाटी में लडे गए विश्वविख्यात युध्द के बारे में फैलाए गए महाराणा की पराजय के भ्रम को अब राजस्थान सरकार दूर करने वाली है। राजस्थान के पाठ्यक्रम में अब विद्यार्थियों को यह पढाया जाएगा कि हल्दीघाटी के युध्द में महाराणा की पराजय नहीं हुई थी,बल्कि अकबर की सेनाओं को भारी क्षति हुई थी और उन्हे पीछे हटना पडा था। राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे इस स्तुत्य प्रयास से राजस्थान के पडोसी मध्यप्रदेश को भी सबक सीखने की जरुरत है।
Monday, January 30, 2017
Kailash Mansarovar Yatra -5 कैलाश मानसरोवर यात्रा- 5 (31 अगस्त-1 सितम्बर 2016)
31 अगस्त 2016 बुधवार
जुनझुई पू कैम्प / दोपहर 3.00 (आईएसटी)
कैलाश यात्रा का सबसे कठिन दुर्गम कहा जाने वाला हिस्सा आज हमने सफलतापूर्वक पार कर लिया। डेराफुक से यहां जुनझुई पू आने में के लिए डोलमा पास पार करना पडता है और कुल मिलाकर करीब पच्चीस किमी की पदयात्रा करना पडती है। डोलमा दर्रा 18600 फीट की उंचाई पर है,जहां आक्सिजन अत्यन्त विरल है। यहां चार कदम चलने भर से दम फूल जाता है।डेराफुक के हमारे कैम्प से डोलमा दर्रे तक का रास्ता 9 किमी का खडी चढाई का रास्ता है। इसे सूर्योदय से पहले पार कर लेना ही उचित होता है,क्योंकि सूर्योदय के बाद जैसे जैसे दिन चढता है,यहां मौसम बिगडने लगता है।
जुनझुई पू कैम्प / दोपहर 3.00 (आईएसटी)
कैलाश यात्रा का सबसे कठिन दुर्गम कहा जाने वाला हिस्सा आज हमने सफलतापूर्वक पार कर लिया। डेराफुक से यहां जुनझुई पू आने में के लिए डोलमा पास पार करना पडता है और कुल मिलाकर करीब पच्चीस किमी की पदयात्रा करना पडती है। डोलमा दर्रा 18600 फीट की उंचाई पर है,जहां आक्सिजन अत्यन्त विरल है। यहां चार कदम चलने भर से दम फूल जाता है।डेराफुक के हमारे कैम्प से डोलमा दर्रे तक का रास्ता 9 किमी का खडी चढाई का रास्ता है। इसे सूर्योदय से पहले पार कर लेना ही उचित होता है,क्योंकि सूर्योदय के बाद जैसे जैसे दिन चढता है,यहां मौसम बिगडने लगता है।
Friday, January 27, 2017
Sunday, January 22, 2017
दलितों और वंचितों का ही हक छीन रहा है आरक्षण
-तुषार कोठारी
आरक्षण को लेकर मची बवाल पहली बार नहीं है। बिहार चुनाव के पहले भी लालू से लेकर मायावती तक तमाम नेता आरक्षण को खत्म करने की कथित कोशिशों को लेकर रौर्द्र रुप दिखा चुके है। वे अपने बयानों से पूरी तरह ये साबित करना चाहते है कि दलित,शोषित और पिछडे वर्गों के सच्चे रहनुमा सिर्फ वे ही है।
लेकिन बात इतनी सीधी नहीं है। आरक्षण को बनाए रखने के लिए चीख पुकार मचाने वाले इन नेताओं की हैसियत देखिए। कोई दो बार मुख्यमंत्री रह चुका है। कोई मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री जैसे उच्च पदों को सुशोभित कर चुका है। ये सभी वे लोग है जो समाज के सर्वाधिक शक्तिशाली और रसूखदार तबके में शामिल है।
आरक्षण को लेकर मची बवाल पहली बार नहीं है। बिहार चुनाव के पहले भी लालू से लेकर मायावती तक तमाम नेता आरक्षण को खत्म करने की कथित कोशिशों को लेकर रौर्द्र रुप दिखा चुके है। वे अपने बयानों से पूरी तरह ये साबित करना चाहते है कि दलित,शोषित और पिछडे वर्गों के सच्चे रहनुमा सिर्फ वे ही है।
लेकिन बात इतनी सीधी नहीं है। आरक्षण को बनाए रखने के लिए चीख पुकार मचाने वाले इन नेताओं की हैसियत देखिए। कोई दो बार मुख्यमंत्री रह चुका है। कोई मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री जैसे उच्च पदों को सुशोभित कर चुका है। ये सभी वे लोग है जो समाज के सर्वाधिक शक्तिशाली और रसूखदार तबके में शामिल है।
Tuesday, January 17, 2017
Kailash Mansarovar Yatra -4 कैलाश मानसरोवर यात्रा- 4 (26 अगस्त-30 अगस्त )
27 अगस्त 2016 शनिवार
होटल पुलान तकलाकोट (तिब्बत)रात 8.10 (आईएसटी) / रात 10.40 (चाईना टाइम)
कल रात से लेकर आज रात,अभी तक का समय बेहद सनसनीखेज गुजरा। बीती रात आठ बजे सौ गए थे,क्यङ्क्षकि रात दो बजे लिपूलेख पास के लिए निकलना था। इससे पहले तक मौसम ने कहीं दगाबाजी नहीं की थी,लेकिन रात पौने आठ बजे से हलकी बूंदाबांदी शुरु हो गई थी,जिसने दस बजते बजते बूंदाबांदी का स्वरुप ले लिया था। रात पौने एक पर जब मैं उठा तो बारिश हो रही थी। कडाके की ठण्ड में बरसते पानी में बाहर निकलना कठिन था,लेकिन नित्यकर्म के लिए बाहर निकला। वैसे दो बार की आदत है,मौसम की प्रतिकूलता के कारण मैने एक बार में ही मामला खत्म कर दिया और यहीं गलती की।
Monday, January 16, 2017
कौन हो सकता है इस राष्ट्र का पिता...?
- तुषार कोठारी
इस देश में युगों युगों से पूजित मर्यादा पुरुषोत्तम राम की लंका विजय के बाद लक्ष्मण जी ने उनसे कहा कि अयोध्या जाने की बजाय सोने की लंका में ही रहने में क्या बुराई है? तब भगवान राम ने वह जवाब दिया था,जो आज तक देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक है। भगवान श्री राम ने लक्ष्मण से कहा था कि लक्ष्मण ये लंका चाहे सोने की हो,लेकिन जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होती है। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।
Wednesday, January 11, 2017
Kailash Mansarovar Yatra -3 कैलाश मानसरोवर यात्रा- 3 (23 अगस्त-26 अगस्त 2016)
23 अगस्त 2016 मंगलवार
केएमवीएम बुधी / रात 9.15
आज के दिन का समापन बेहद शानदार रहा। हमारे ग्रुप के एलओ संजय गुंजियाल जी ने आज हमें बडा सम्मान दिया। उन्होने अगले वर्ष बद्रीनाथ के उपर स्वर्ग आरोहिणी की ट्रैकिंग के लिए आमंत्रित भी किया। यह बडा आनन्ददायी समापन था।
सुबह की शुरुआत 3.20 पर जागरण से हुई थी। बताया गया था कि हमें 21 किमी पैदल चलना है। लेकिन यह ट्रैक वास्तव में 18 किमी का था। यह भी बताया गया था कि 4444 सीढियां उतरना है।
Tuesday, December 27, 2016
Kailash Mansarovar Yatra-2 कैलाश मानसरोवर यात्रा-2 (19 अगस्त-22 अगस्त)
19 अगस्त 2016 शुक्रवार
आज का पूरा दिन बसों में हिचकोले खाते हुए और स्वागत कराते हुए गुजरा है। हमारे दल के सभी यात्री ठीक समय पर बस में सवार होने के लिए अपनी डोरमैट्री से नीचे आ चुके थे। गुजराती समाज के मुख्यद्वार पर तीर्थयात्रा विकास समिति दिल्ली सरकार और कैलाश मानसरोवर यात्रा समिति के सदस्यों द्वारा यात्रियों के स्वागत का कार्यक्रम रखा गया था। पहले एक पण्डित ने पूजा अर्चना की और तब वहां मौजूद सदस्यों ने एक एक यात्री को तिलक लगाकर केसरिया दुपट्टे औढाए। इस मौके पर यात्रियों को कुछ धार्मिक पुस्तकें व अन्य उपहार भी दिए गए। यहां पर तीर्थयात्रा विकास समिति के चेयरमेन कमल बंसल व उनके साथ दिखाई देने वाली दो महिलाएं भी थी। आज ये सभी हंसते मुस्कुराते हुए यात्रियों को बिदा कर रहे थे।
केएमवीएन टीआरएच अलमोडा/ रात 8.25
आज का पूरा दिन बसों में हिचकोले खाते हुए और स्वागत कराते हुए गुजरा है। हमारे दल के सभी यात्री ठीक समय पर बस में सवार होने के लिए अपनी डोरमैट्री से नीचे आ चुके थे। गुजराती समाज के मुख्यद्वार पर तीर्थयात्रा विकास समिति दिल्ली सरकार और कैलाश मानसरोवर यात्रा समिति के सदस्यों द्वारा यात्रियों के स्वागत का कार्यक्रम रखा गया था। पहले एक पण्डित ने पूजा अर्चना की और तब वहां मौजूद सदस्यों ने एक एक यात्री को तिलक लगाकर केसरिया दुपट्टे औढाए। इस मौके पर यात्रियों को कुछ धार्मिक पुस्तकें व अन्य उपहार भी दिए गए। यहां पर तीर्थयात्रा विकास समिति के चेयरमेन कमल बंसल व उनके साथ दिखाई देने वाली दो महिलाएं भी थी। आज ये सभी हंसते मुस्कुराते हुए यात्रियों को बिदा कर रहे थे।
Friday, December 23, 2016
Kailash Mansarovar Yatra -1 कैलाश मानसरोवर यात्रा-1
यात्रा वृत्तान्त - 23
बचपन से लगे यात्राओं के शौक और पिछले करीब डेढ दशक में देश के लगभग सभी कोनो में भ्रमण के दौरान हर बार यह इच्छा सताती थी कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करना है। लेकिन जब भी इस यात्रा का मन होता,यात्रा का खर्चीला होना इस इच्छाओं को वहीं रोक देता था। पिछले कुछ समय से पैरों में हलकी दिक्कतें भी शुरु हो गई। तब और लगने लगा कि अब कैलाश मानसरोवर जाने के लिए अधिक समय नहीं बचा है। लेकिन जैसा कि मेरे साथ होता आया है,मैने जो भी इच्छा की,प्रभु ने उसे पूरा किया।
कैलाश मानसरोवर यात्रा
सनातन से सीधे संवाद का स्थान
बचपन से लगे यात्राओं के शौक और पिछले करीब डेढ दशक में देश के लगभग सभी कोनो में भ्रमण के दौरान हर बार यह इच्छा सताती थी कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करना है। लेकिन जब भी इस यात्रा का मन होता,यात्रा का खर्चीला होना इस इच्छाओं को वहीं रोक देता था। पिछले कुछ समय से पैरों में हलकी दिक्कतें भी शुरु हो गई। तब और लगने लगा कि अब कैलाश मानसरोवर जाने के लिए अधिक समय नहीं बचा है। लेकिन जैसा कि मेरे साथ होता आया है,मैने जो भी इच्छा की,प्रभु ने उसे पूरा किया।
Sunday, December 18, 2016
Friday, December 16, 2016
Monday, December 12, 2016
दुनियाभर में भारतीय संस्कृति का डंका बजा रहे भारत के अंग्रेजी लेखक
तुषार कोठारी
देसी लोगों की मान्यता अब तक यही हुआ करती थी कि अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखक पाश्चात्य संस्कृति को बढावा देते है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। भारत के अंग्रेजी लेखकों की लिखी पुस्तकें दुनिया भर में भारतीय संस्कृति,धर्म और इतिहास का डंका बजा रही है। भारत के पौराणिक और धार्मिक चरित्रों की जानकारी अब पूरी दुनिया के लोगों को,अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखकों की वजह से मिल रही है। यही नहीं भारतीय लेखकों द्वारा पौराणिक और धार्मिक कथाओं को नए सन्दर्भों में प्रस्तुत किए जाने की यह विशीष्ट शैली दुनियाभर में इतनी पसन्द की जा रही है कि ये भारतीय लेखक आज दुनिया के बेस्टसेलर बने हुए है। इन अंग्रेजी उपन्यासों की बदौलत भारत का गौरवमयी अतीत पूरी दुनिया की जानकारी में भी आ रहा है।
देसी लोगों की मान्यता अब तक यही हुआ करती थी कि अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखक पाश्चात्य संस्कृति को बढावा देते है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। भारत के अंग्रेजी लेखकों की लिखी पुस्तकें दुनिया भर में भारतीय संस्कृति,धर्म और इतिहास का डंका बजा रही है। भारत के पौराणिक और धार्मिक चरित्रों की जानकारी अब पूरी दुनिया के लोगों को,अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखकों की वजह से मिल रही है। यही नहीं भारतीय लेखकों द्वारा पौराणिक और धार्मिक कथाओं को नए सन्दर्भों में प्रस्तुत किए जाने की यह विशीष्ट शैली दुनियाभर में इतनी पसन्द की जा रही है कि ये भारतीय लेखक आज दुनिया के बेस्टसेलर बने हुए है। इन अंग्रेजी उपन्यासों की बदौलत भारत का गौरवमयी अतीत पूरी दुनिया की जानकारी में भी आ रहा है।
Sunday, November 27, 2016
Sunday, November 20, 2016
कालेधन के खिलाफ मुहिम को रोकने के लिए खोखले तर्क,झूठे तथ्य और थोथी भाषणबाजी का सहारा
- तुषार कोठारी
देश की जनता यह बात बहुत अच्छे से समझती है कि कालेधन का कैंसर देश के शरीर के प्रत्येक अंग तक फैल चुका है। कालेधन का यह कैंसर एडवान्स स्टेज पर पंहुच चुका था और इसे दूर करने के लिए बडी सर्जरी जरुरी थी। कैंसर जैसी बडी बीमारी का जब भी आपरेशन किया जाता है,शरीर को कुछ कष्ट तो झेलना हीकालेधन को समाप्त करने के लिए मोदी जी द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक से तिलमिलाएं नेता,राजनीतिक दल और काला धन के धनकुबेर इस मुहिम को रोकने के लिए तरह तरह के हथकण्डे अपनाने में जुट गए हैं।
Wednesday, November 16, 2016
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