Monday, March 6, 2023

रतलाम अयोध्या यात्रा-2/ आधी रात तक कार्यक्रम की रुपरेखा बनाने की मशक्कत


 14 जनवरी 2022 (रात 11.55) शनिवार 
जानकी महल अयोध्या

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तारीख बदलने में अब कुछ ही मिनटों की देर है। मैैं जानकी महल के अपने कमरे में आज तक की न्यूज सुनते हुए आज का घटनाक्रम लिख रहा हूं। घोटीकर जी भी मेरे साथ न्यूज सुन रहे है। हमने अपनी रात की राष्ट्रीय व्यवस्था किसी तरह जुटा ही ली है और इसी वजह से मैैं ये डायरी लिख पा रहा हूं।

Monday, February 20, 2023

यात्रा वृत्तांत 41 रतलाम अयोध्या यात्रा-1 भगवान का बुलावा और 24 घंटो का सफर


 14 जनवरी 2022 शनिवार (रात 8.10)
जानकी महल अयोध्या


एक बार फिर अयोध्या में। इस समय अयोध्या में आए हुए 15 घण्टे गुजर चुके है। अयोध्या की ये यात्रा बिलकुल अचानक हुई। वैसे तो कई महीनों पहले इसी समय इसी कार्यक्रम में अयोध्या आने का कार्यक्रम तय था,लेकिन जैसे जैसे अयोध्या यात्रा की तारीख नजदीक आई,यहां आने का मन कम होता गया था और आखिर में यहां आने की योजना पूरी तरह रद्द हो गई थी। लेकिन फिर बिलकुल अंतिम समय पर यहां आना तय हुआ। भगवान श्री राम का बुलावा था,इसलिए आना ही पडा। तो इस यात्रा पर मैैं और राजेश घोटीकर साथ आए हैैं।

Tuesday, October 11, 2022

मणिमहेश यात्रा-7-/मन्दसौर में स्वागत के साथ घर वापसी

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02 सितम्बर 2022 शुक्रवार (रात 11.00)

जयपुर के पास किसी होटल में

इस वक्त राते के ग्यारह बज चुके है। हम लोग आज सुबह निकले तो कुछ देरी हो चुकी थी। हम लोग सुबह दस बजे होटल से निकल पाए थे। 

मणि महेश यात्रा-6-/मिनी स्विटजरलैण्ड कहलाने वाले खज्जियार की एक रात...

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..31 अगस्त 2022 बुधवार (गणेश चतुर्थी) रात 9.30

फारेस्ट रेस्ट हाउस,खज्जियार

इस वक्त मैैं भारत के मिनी स्विटजरलैण्ड कहे जाने वाले खज्जियार में सबसे शानदार लोकेशन पर बने फारेस्ट रेस्ट हाउस में रुका हुआ हूं। रात्रि भोजन हो चुका है और अब सोने की तैयारी है।

मणिमहेश यात्रा-5-/ शरीर तोडने वाली यात्रा की समाप्ति के बाद दिखा मणि का चमत्कार.

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30 अगस्त मंगलवार (शाम 8.35)

संजय होटल भरमौर

इस वक्त रात के साढे आठ बज चुके है? हम लोग भरमौर के संजय होटल में भोजन कर चुके है और सोने की तैयारी में है। आशुतोष और प्रकाश बगल के कमरे में सौ चुके है। हमारे कमरे में दशरथ जी गहरी नींद में जा चुके है। डा.राव को अभी नींद नहीं आ रही है। मैैं डायरी के साथ हूं।

मणिमहेश यात्रा-4-बारिश भी बर्फबारी भी,फिर भी हो गए मणिमहेश के दर्शन

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29 अगस्त 2022 सोमवार (शाम 5.55) 

डल झील  मणि महेश

हम इस वक्त मणि महेश कैलास की डल झील के पास में एक टेण्ट में रुके है। मेरे तीन साथी डा.राव,आशुतोष और प्रकाश खच्चरों पर सवार होकर यहां आए हैैंं। मैैं और दशरथ जी पैदल यहां पंहुचे है।

मणि महेश यात्रा-3 - तेज बारिश की फिसलन और दम निकालने वाली खडी चढाई

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28 अगस्त 2022 रविवार   रात 9.54

नाईट कैम्प धन्छो

 इस वक्त हम धन्छो में रात गुजारने के लिए रुके है। मेरे सारे साथी सौ चुके है। अब मैैं डायरी के साथ हूं। हमें कल सुबह जल्दी यहां से आगे बढ जाना है। हम पांच में से तीन साथी कल घोडों पर सवार होकर यहां पंहुचे थे। मैैं और दशरथ जी हमने पैदल ही चला तय किया है।

मणि महेश यात्रा-2/ विदेशों जैसे खुबसूरत एक्सप्रेस वे से हिमाचल में प्रवेश

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26 अगस्त 2022 शुक्रवार (रात 11.45)

होटल अवतार पैलेस- जालन्धर पठानकोट रोड

इस वक्त हम जालन्धर से निकल कर पठानकोट के रास्ते में इस अवतार पैलेस होटल में ठहरे हैैं। 

आज सुबह आलू पराठे और सब्जी पुडी का नाश्ता करके हम जयपुर से करीब सौ किमी पहले स्थित नीलम होटल से निकले थे। आज दिन भर हमें गाडी में ही चलना था। जयपुर शहर को बाहर छोडते हुए रोहतक होते हुए हरियाणा से गुजरते हुए लुधियाना जालन्धर के रास्ते पर थे। सुबह दबा के नाश्ता किया था। जयपुर से अम्बाला के बीच अब शानदार अम्बाला एक्सप्रेस वे बन चुका है।

यात्रा वृत्तान्त-40/ मणि महेश कैलास यात्रा - जहां मणि करती है महेश की पूजा

 हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले की भरमौर तहसील में स्थित है पंचकैलास में एक कैलास मणि महेश। मणिमहेश कैलास चमत्कारिक पर्वत है,जहां न सिर्फ पर्वत पर शिवलिंग और नन्दी इत्यादि स्पष्ट दृष्टिगोचर होते है बल्कि यदि भाग्य हो तो पर्वत की पूजा करती मणि भी दिखाई दे सकती है। मणि महेश पर्वत ही इतना चमत्कारिक है कि यदि भाग्य में ना हो तो पूरा पर्वत ही अदृश्य हो जाता है। मणिमहेश की यात्रा साल में सिर्फ एक बार जन्माष्टमी से राधाष्टमी के बीच होती है। मणिमहेश के दर्शन के लिए डल झील तक जाना अत्यन्त कठिन और दुर्गम है। यह यात्रा हमने 25 अगस्त 2022 से 03 सितम्बर 2022 के बीच की थी।

Sunday, September 11, 2022

लोनावाला पूणे यात्रा-4 जंहा बचपन बीता शिवाजी महाराज का,जंहा कटी शाइस्ता खां की उंगलिया


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 31 मई 2022 मंगलवार (प्रात: 8.30)

पूणे


इस यात्रा का आज अंतिम दिन है। पिछले तीन दिन मैने और वैदेही ने पूणे में गुजारे है। 

29 की सुबह हम मलवली में थे जहां से 10.20 पर पूणे की लोकल थी। कमलेश को उसके भाई निमिल के पास चिंचवड जाना था। हम लोकल में सवार हुए। पूणे आखरी स्टेशन था। हम पूणे दोपहर 12 बजे पंहुचे। यहां सुरक्षा(मनु) के घर पंहुच कर भोजन किया। कुछ वक्त रुक कर शाम को पूणेके हाण्डेवाडी रोड इलाके में डा.रवीन्द्र कोठारी (रवि काका) के घर पंहुचे। वहां दो तीन घण्टे गुजारे। कोठारी घराने का पूरा इतिहास मैने मोबाइल से पीडीएफ फार्मेट में मोबाइल में सेव किया। इसे अब मेरे ब्लाग पर लगाना है।

लोनावाला पूणे यात्रा-3 शिवलिंग के आकार का पर्वत और खंडाला घाट की गहराइया

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 28 मई 2022 शनिवार(सुबह 7.15)

यूथ होस्टल्स मलवली


आज कैम्प का आखरी दिन है। कल सुबह अल्पाहार के बाद यहां से रवानगी होगी। आज का दिन हम लोनावाला,खण्डाला की लोकल साईट सीइंग करेंगे।


अब कुछ बातें इस क्षेत्र की। मलवली जहां हम रुके हुए है,यहां से चारों तरफ सह्यïाद्री के पहाड नजर आते है। मलवली और लोनावाला इन पहाडों के बीच मैदानी इलाका है। यहां पूरे वक्त ठण्डी हवाएं चलती रहती है।

लोनावाला पूणे यात्रा-2 आसमान से बाते करता शिवाजी का लौहगढ़ और गुफाये जो मै देख न सका

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26 मई 2022 गुरुवार (सुबह 7.00)

यूथ होस्टल मलवली


फैमिली कैम्प का आज पहला दिन है। आज से तीन दिनों तक हम इस इलाके का भ्रमण करेंगे। सुबह 6.00 बजे उठकर फ्रैश होकर इस वक्त हम चाय पी चुके है। आगले आधे घण्टे में स्नानादि से निवृत्त होकर नाश्ता करेंगे।

जिस परिसर में हम रुके है,यह सम्पर्क बालग्र्राम कहलाता है।  सम्पर्क यानी सोशल एक्शन फार मेनपावर

यात्रा वृत्तान्त 39 लोनावाला पूणे यात्रा-1 शिवाजी पार्क के साथ सिद्धेश्वर के दर्शन

 (24 मई 2022 से 1 जून 2022)


 शिवाजी पार्क के साथ सिद्धेश्वर के दर्शन 

24 मई 2022 मंगलवार (रात 9.05)

एस-2 कोच इन्दौर दौन्ड एक्सप्रेस 22944


इस वक्त हमारी ट्रेन पूणे के रास्ते पर दौडी जा रही है।


हमारी इस पारिवारिक यात्रा में,मै,मेरे साथ वैदेही,कमलेश पाण्डेय,श्रीमती रचना,अवनी और अदिता शामिल है। यह यात्रा करीब एक महीने पहले तय हुई थी। कमलेश की इच्छा थी कि हम जबलपुर की तरफ जाएं,लेकिन वहाम जबर्दस्त गर्मी थी। इसलिए मैने यूथ होस्टल्स के प्रौग्र्राम देखे।

Tuesday, June 7, 2022

कोठारी घराने का इतिहास

 कहते है कि किसी भी व्यक्ति को कम से कम अपनी सात पीढियों की जानकारी होना चाहिए। तभी उसे अपना और अपने परिवार का वास्तविक परिचय मिल पाता है। अगर देश के गैर हिन्दू खास तौर पर मुस्लिमों में यह परम्परा चालू हो जाए,तो अस्सी प्रतिशत से अधिक मुसलमान ये जान जाएंगे कि वे वास्तव में सनातनी थे और उनके पूर्वजों को मार मार के मुसलमान बनाया गया था। वे इस्लाम में स्वेच्छा से नहीं आए बल्कि उन्हे प्रताडित करके मौत का डर दिखा के मुसलमान बनाया गया था। आज के मुसलमानों को यह बात समझ में आ जाए,तो भारत की मुस्लिम समस्या समाप्त हो सकती है।

Pindari Glacier trekking 3 - cheeltha mai trek & return to Kharkiya

Pindari Glacier trekking-2 Tough Trek to Dhakuri

Pindari Glacier Trekking-1 Ratlam to Lohar khet

Hemkund Sahib Trekking-2 (Govindghat to Ghanghriya)

Hemkund Sahib Trekking-1 (Govindghat to Ghanghriya)

अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती

(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे )  12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)  साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43   अयोध्या की यात्रा अब समाप्...