(आठवां दिन)15 सितम्बर 2017 शुक्रवार (सुबह 7.05)
चक्रतीर्थ कैम्प
पहाडों के उपर सूरज की रोशनी नजर आने लगी है,लेकिन हमारे कैम्प से अभी यह काफी दूर है। धूप दिखने की हिम्मत से ही सारे साथी नित्यकर्म से निवृत्त हो चुके है। इस कैम्प की खासियत यह है कि पूरे मैदान में पहाडी झरनों से उतरते पानी की प्राकृतिक नहर सी बनी हुई है। पानी की सारी जरुरत इसी नहर से पूरी हो जाती है। हांलाकि ये पानी बर्फीला है और जमा देता है। हाथ धो लो तो हाथ सुन्न पड जाते है।
चक्रतीर्थ कैम्प
पहाडों के उपर सूरज की रोशनी नजर आने लगी है,लेकिन हमारे कैम्प से अभी यह काफी दूर है। धूप दिखने की हिम्मत से ही सारे साथी नित्यकर्म से निवृत्त हो चुके है। इस कैम्प की खासियत यह है कि पूरे मैदान में पहाडी झरनों से उतरते पानी की प्राकृतिक नहर सी बनी हुई है। पानी की सारी जरुरत इसी नहर से पूरी हो जाती है। हांलाकि ये पानी बर्फीला है और जमा देता है। हाथ धो लो तो हाथ सुन्न पड जाते है।