(नौंवा दिन) 15 सितम्बर 2015 शुक्रवार (दोपहर 12.00)
लक्ष्मीवन
लक्ष्मीवन की घाटी में एक टीले पर हम पांच लोग हमारे कुक देवेन्द्र के साथ रुके हुए है। आशुतोष पीछे आ रहा है। यह हमारी वापसी की यात्रा है। यह यात्रा हमने आज सुबह साढे आठ बजे चक्रतीर्थ से प्रारंभ की थी।
चक्रतीर्थ से लक्ष्मीवन की वापसी जाने की अपेक्षा कुछ आसान है,क्योकि हम नीचे उतरते जाते है। हांलाकि यह रास्ता पूरी यात्रा का सबसे दुर्गम रास्ता है। रास्ते का वर्णन एक बार फिर से करने की इच्छा है।