कुछ
समय पूर्व भूटान यात्रा के दौरान सिक्किम से लगी चीन की सीमा पर स्थित
नाथूला दर्रे पर जाना हुआ था। नाथूला ऐतिहासिक सिल्क रूट को भारत से जोड़ता
है। किसी ज़माने में यही नाथूला भारत को शेष विश्व से जोड़ता था। नाथूला पर
कब्जे के लिए चीन ने 1965 में हमला किया था जिसे भारत के वीर सैनिको ने
असफल कर दिया था। आज भी लगभग साढ़े पंद्रह हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित इस
नाथूला दर्रे की सुरक्षा भारतीय सेना के हवाले है। नाथूला भ्रमण के मौके
पर भारतीय सेना द्वारा मुझे यात्रा का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
Thursday, March 28, 2019
Saturday, February 23, 2019
Thursday, February 21, 2019
पाकिस्तान के बिखराव में छुपा है आतंकवाद जैसी समस्याओं का हल
आप चाहे जितनी मोमबत्तियां जलाईए,कडे से कडे शब्दों में निन्दा कीजिए,टीवी चैनलों पर पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जहर उगलिए,पाकिस्तान को सबक सिखाने के दावे कीजिए,लेकिन इन सबसे न तो आतंकवाद की समस्या समाप्त होगी,ना ही कश्मीर में शांति स्थापित होगी। भारत के लिए वास्तविक समस्या ना तो कश्मीर में है और ना ही आतंकवाद वास्तविक समस्या है। भारत के लिए वास्तविक समस्या एक ही है और वह है पाकिस्तान। यही वह समस्या है,जिसके समाधान से सारी समस्याएं स्वत: समाप्त हो सकती है।
Saturday, January 26, 2019
Mahabaleshwar Journey-3
वेण्णा लेक में बोटिंग और खालिस महाराष्ट्रीयन डिशेज का मजा
26 मई 2018 शनिवार खारघर (शाम 6.15)आकाश का निवास,खारघर सेक्टर 15
हम सुबह महाबलेश्वर की वेण्णा लेक में बोटिंग कर रहे थे। इस वक्त खारघर लौट चुके है। आज सुबह थोडे आराम से उठे,तो नौ बजे कमरों से बाहर हुए। महाबलेश्वर की यात्रा पूरी हो चुकी थी। आज के दिन का उपयोग करना था। पहले सोचा कि माथेरान चलते है। लेकिन दूरी को देखते हुए तय किया कि रास्ते में खण्डाला रुक जाएंगे। सुबह कमरे छोड दिए। सामान गाडी में रख दिया। कमरों से निकले तो मुख्य बाजार के एक ठेले पर वडा पाव चाय का डोज लिया। साढे नौ पर गाडी में सवार होकर वेण्णा लेक पंहुच गए। सुबह का वक्त कोई भीडभाड नहीं। बडे आराम से आधे घण्टे बोटिंग की और फिर चल पडे।
Mahabaleshwar Journey-2/
शिवाजी महाराज ने यहां किया था जीजा माता का तुलादान
25 मई 18 शुक्रवार (रात 11.15)
होटल मधुमति महाबलेश्वर
कल रात तय किया था कि सुबह 7 बजे निकल जाएंगे। मैं ठीक पांच बजे उठ गया। फ्रैश होकर सबको उठाया,लेकिन आखिरकार सुबह आठ बजे निकल पाए। होटल मालिक ढेबे ने समझाया था कि जल्दी जाओगे तो ही ठीक रहेगा,लेकिन हम एक घण्टा लेट हो चुके थे। तय किया कि पहले तो महाबलेश्वर महादेव के दर्शन करेंगे फिर नाश्ता करेंगे। निकल गए और महाबलेश्वर मन्दिर पंहुच गए।
Mahabaleshwar Journey-1
यात्रा वृत्तान्त-27/पंचगंगा का उद्गम-महाबलेश्वर
मुंबई-पूणे के सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल महाबलेश्वर की यात्रा पारिवारिक यात्रा थी,जो महाबलेश्वर के खास सीजन मई के महीने में की। यह यात्रा 22 मई से 28 मई तक की संक्षिप्त यात्रा थी,जिसमें मै,वैदेही और चिंतन के अलावा अभिभाषक मित्र प्रकाशराव पंवार,उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कीर्ति और बालिकाएं संस्कृति और प्रकृति शामिल थी। यह यात्रा रतलाम से मुंबई तक ट्रेन से और फिर मुंबई से महाबलेश्वर तक मारुति अर्टिगा से पूरी की थी।
Thursday, January 24, 2019
Sri Sailam Mallikarjun Journey-5/ फिल्म तकनीक को आसानी से समझने का स्थान रामोजी फिल्म सिटी
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हैदराबाद की रामोजी फिल्म सिटी ने हैदराबाद को एक नई पहचान दी है। दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रहे रामोजी राव ने 1996 में अपनी इस अनूठी कल्पना को साकार करना शुरु किया था। यह लगभग चालीस वर्ग किमी में फैला दुनिया का सबसे बडा फिल्म स्टुडियो माना जाता है। इसमें करीब पाच सौ शूटिंग लोकेशंस और पचास से ज्यादा तैयार फिल्मी सेट्स है। रामोजी फिल्म सिटी दुनियाभर के फिल्मकारों के लिए आदर्श स्थान है।
Sri Sailam Mallikarjun Journey-4
मल्लिकार्जुन स्वामी के बाद रामोजी फिल्म सिटी में एक दिन
06 अक्टूबर 2018/ शनिवार सुबह 7.15
होटल मेघा सिटी/हैदराबाद
रात को काफी देर हो गई थी,इसलिए डायरी जल्दी से बन्द कर दी थी। इस चक्कर में कई सारी बातें छूट गई थी।
कल जब श्री शैलम से चले तो बस में हमें पीछे की सीटें मिली थी। इस बार बस लगभग भरी हुई थी। यह दो एक वाली छोटी एसी बस थी। इस बार बस में विडीयो पर हैदराबादी दक्षिणी फिल्मे चल रही थी। हम केवल दृश्य देखकर फिल्म को समझने की कोशिश कर सकते थे। भाषा हमारी समझ में आना नहीं थी।
Sri Sailam Mallikarjun Journey-3
वृध्द मल्लिकार्जुन स्वामी का अभिषेक,साथ में गौसेवा भी
5 अक्टूबर 2018 शुक्रवार/सुबह 7.00 बज
चांदीश्वरा सदन श्री शैलम
आज हमें फिर से मल्लिकार्जुन स्वामी और भ्रमराम्बा देवी के दर्शन करना है। दोपहर तो पौने तीन बजे हमारी
बस है,जिसमें हम वापस हैदराबाद लौटेंगे। इस वक्त सभी लोग जाग चुके है और स्नानादि की तैयारियां जारी है। मुझे आठ बजे तक सीआरओ आफिस जाकर कल जमा कराया हुआ एडवान्स वापस लेना है। देवस्थान संस्थान की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी है। यहां अनेक इमारतों में हजारों कमरे है,जहां श्रध्दालुओं के ठहरने की व्यवस्था है।
Sri Sailam Mallikarjun Journey-2
गणेश जी की साक्षी में मल्लिकार्जुन के प्रथम दर्शन
4 अक्टूबर 2018 गुरुवार/रात 10.30
चंदेश्वरा सदन श्री शैलम देवस्थान
श्री शैलम मल्लिकार्जुन देवस्थान के चंदेश्वरा सदन में इस वक्त हम सोने की तैयारी कर रहे हैं।
आज सुबह सबकुछ समय से हुआ। नौ बजे जेबीएस(जुबली बस स्टाप) से बस पकडना थी। जेबीएस पंकज के
घर के नजदीक ही है। लेकिन निकलते निकलते 8.40 हो गए थे। सडक़ पर ट्रैफिक जबर्दस्त था। पंकज दो चक्कर में हमें छोडने वाला था। पहले राउण्ड में मैं,वैदेही और दादा सारा सामान लेकर निकले। रास्ते में ट्रैफिक की स्थिति और समय की कमी को देखते हुए मैने प्रतिमा ताई को फोन किया कि वे आटो से निकल आएं। हम लोग बस स्टाप पर पंहुचे,तब 8.55 हो चुके थे। बस का प्लेटफार्म ढूंढा। वहां पंहुचे तो पता चला कि बस अभी आई नहीं है। मैने राहत की सांस ली।
Sri Sailam Mallikarjun Journey-1
यात्रा वृत्तान्त-29/ घनघोर वन में स्थित श्री शैलम मल्लिकार्जुन के दर्शन
द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक श्री शैलम मल्लिकार्जुन के दर्शनों का योग गंगौत्री गौमुख यात्रा के मात्र अठारह
Monday, December 10, 2018
Gangotri Goumukh Yatra-7/ पुष्कर सरोवर और सांवरिया सेठ के दर्शनों के साथ घर वापसी
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अतिथी होटल (हरिद्वार-दिल्ली हाईवे)
सभी उठ चुके है। विचार है कि यहां से साढे आठ तक निकल चलें। आज दिल्ली से होते हुए शाम तक अजमेर पंहुच जाएं,ताकि पुष्कर के दर्शन करके फिर रतलाम की ओर बढ सकें। इस समय सभी लोग निकलने की तैयारी में है।
दसवां दिन
14 सितम्बर 2018 शुक्रवार (सुबह 7.30)अतिथी होटल (हरिद्वार-दिल्ली हाईवे)
सभी उठ चुके है। विचार है कि यहां से साढे आठ तक निकल चलें। आज दिल्ली से होते हुए शाम तक अजमेर पंहुच जाएं,ताकि पुष्कर के दर्शन करके फिर रतलाम की ओर बढ सकें। इस समय सभी लोग निकलने की तैयारी में है।
Gangotri Goumukh Yatra 6-गंगा आरती का आनन्द,वशिष्ठ गुफा और नीलकण्ठ महादेव के दर्शन
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भागीरथीपुरम में सब्जी पराठे का शानदार नाश्ता करके निकले। निकले तो सीआईएसएफ के विजय भान सिंह को फोन किया। वीबी सिंह हमसे मिलने भी आ गए। उनसे फिर मुलाकात हुई। नम्बरों का आदान प्रदान कल ही हो गया था। यहां से ऋषिकेश के लिए रवाना हुए। रास्ते में जगह जगह चार धाम परियोजना का काम चल रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने चारों धामों के रास्ते फोरलेन बनाने की घोषणा की है। जगह जगह पहाड को काटने के लिए मशीनें लगी हुई है। इस वजह से कई जगह रुकना पडता है।
12/13सितम्बर 2018 गुरुवार (रात 12.30)
होटल शिवान्त ऋषिकेश
वैसे तो तारीख बदल चुकी है,इसीलिए मैने 13 सितम्बर लिखा है,वरना दिन तो आज का ही है। सुबह हमभागीरथीपुरम में सब्जी पराठे का शानदार नाश्ता करके निकले। निकले तो सीआईएसएफ के विजय भान सिंह को फोन किया। वीबी सिंह हमसे मिलने भी आ गए। उनसे फिर मुलाकात हुई। नम्बरों का आदान प्रदान कल ही हो गया था। यहां से ऋषिकेश के लिए रवाना हुए। रास्ते में जगह जगह चार धाम परियोजना का काम चल रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने चारों धामों के रास्ते फोरलेन बनाने की घोषणा की है। जगह जगह पहाड को काटने के लिए मशीनें लगी हुई है। इस वजह से कई जगह रुकना पडता है।
Gangotri Goumukh Yatra 5/ इंजीनियरिंग का करिश्मा-पहाड के आठ सौ मीटर नीचे टिहरी डैम
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के मैनेजर से बिल का पूछा तो बाईस सौ का बिल लाया। फिर बोला आप दो हजार दे दो। आखिरकार पन्द्रह सौ पर मामला सैट हुआ। वहां से निकले। नाश्ता करना था। धारासू बैण्ड से कुछ पहले डूण्डा नामक स्थान पर साढे गायरह बजे आलू पराठे मिल पाए। वहां नाश्ता या भोजन जो भी कहिए,किया। अब आगे चले। हमारी मंजिल थी न्यू टिहरी। आईजी गुंजियाल सा.का नेटवर्क,मोबाइल के नेटवर्क से ज्यादा तेज चल रहा था। सुबह जब निकले तो सीधे उत्तरकाशी में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पंहुचे।
11 सितम्बर 2018 मंगलवार/रात 11.10
टीएचडीसी रेस्ट हाउस,भागीरथीपुरम न्यू टिहरी
सुबह दस बजे जब ग्रेट गंगा होटल से चले थे,तो यह इच्छा लेकर चले थे कि टिहरी डैम देख लें। ग्रेट गंगा होटलGangotri-Goumukh Yatra-4 जानलेवा खतरों से भरा वापसी का सफर
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होटल शिव गंगा पैलेस गंगौत्री धाम
गौमुख का ट्रैक पूरा करके हम करीब डेढ बजे होटल में पंहुचे। इस समय,दशरथ जी,अनिल जी और प्रकाश जी गंगौत्री में डुबकी लगाने के लिए गए हुए हैं। मैं अकेला होटल में हूं। मैने गंगौत्री के ठण्डे पानी में स्नान करने से साफ इंकार कर दिया। पिछले तीन दिनों से मुंह तक नहीं धोया है। इसलिए यहां आते ही गर्म पानी मंगवाया। शेविंग की और स्नान किया। अब डायरी के साथ हूं। इस समय शरीर का पोर पोर दुख रहा है। पैरों की हालत बेहद खराब है। घुटने जांघे,पिण्डलिया,सब कुछ दर्द कर रहे हैं। इसके साथ ही बायें पैर का पंजा बुरी तरह दुख रहा है। पैर उठने को राजी ही नहीं है। लेकिन हमने तय किया था कि आज गंगौत्री से निकल कर जितना भी आगे जा सकेंगे,वहां जाएंगे और रात्रि विश्राम करेंगे।
छठां दिन
10 सितम्बर 2018 (सोमवार) दोपहर 2.35होटल शिव गंगा पैलेस गंगौत्री धाम
Sunday, December 9, 2018
Gangotri-Goumukh Yatra-3 /ग्लैशियर के रास्ते पर मौत से सामना
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हम गौमुख ग्लैशियर के नजदीक तक गए। मेरी बाई ओर की पहाडी पर चलते हुए गौमुख ग्लैशियर के सामने पंहुचा जाता है। झण्डों से आगे का रास्ता बडे बडे पत्थरों पर से होकर है। इन पत्थरों पर काफी देर चलने के बाद बाई पहाडी में लैण्ड स्लाइडिंग की जगह से बेहद खतरनाक रास्ते से उपर चढना पडता है। इस रास्ते पर एक
स्थान पर केवल एक पैर ही टिकाया जा सकता है। दाहिनी ओर नीचे,भागीरथी प्रचण्ड वेग से शोर मचाती हुई बह रही है। यह रास्ता कच्चे भुरभुरे पहाड पर है,जिसका सहारा भी नहीं लिया जा सकता। केवल एक ही पैर टिकाने की जगह है। यह रास्ता देखकर ही मैं घबरा गया।
पांचवां दिन
9 सितम्बर 2018 रविवार/सुबह 10.05
गौमुख ग्लैशियर झण्डाहम गौमुख ग्लैशियर के नजदीक तक गए। मेरी बाई ओर की पहाडी पर चलते हुए गौमुख ग्लैशियर के सामने पंहुचा जाता है। झण्डों से आगे का रास्ता बडे बडे पत्थरों पर से होकर है। इन पत्थरों पर काफी देर चलने के बाद बाई पहाडी में लैण्ड स्लाइडिंग की जगह से बेहद खतरनाक रास्ते से उपर चढना पडता है। इस रास्ते पर एक
स्थान पर केवल एक पैर ही टिकाया जा सकता है। दाहिनी ओर नीचे,भागीरथी प्रचण्ड वेग से शोर मचाती हुई बह रही है। यह रास्ता कच्चे भुरभुरे पहाड पर है,जिसका सहारा भी नहीं लिया जा सकता। केवल एक ही पैर टिकाने की जगह है। यह रास्ता देखकर ही मैं घबरा गया।
Gangotri-Goumukh Yatra-2/ कनखू,चीडबासा से भोजवासा तक कठिनाईयों का सफर
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8 सितम्बर 2018 शनिवार/ शाम पांच बजे
जीएमवीएन गेस्ट हाउस,भोजवासा (गौमुख मार्ग)
चौदह किमी का बेहद कठिनाईभरा ट्रैक पूरा करके हम शाम करीब साढे चार बजे भोजवासा पंहुचे। सभी की सभी की हालत बेहद खराब हो चुकी है। इस वक्त सभी लोग जीएमवीएन(गढवाल मण्डल विकास निगम) के रेस्ट हाउस में बिस्तरों के हवाले है। अभी अभी गर्मागर्म चाय पी है। सभी की हालत ऐसी है कि कोई भी बिस्तर से हिलना तक नहीं चाहता है।
8 सितम्बर 2018 शनिवार/ शाम पांच बजे
जीएमवीएन गेस्ट हाउस,भोजवासा (गौमुख मार्ग)
चौदह किमी का बेहद कठिनाईभरा ट्रैक पूरा करके हम शाम करीब साढे चार बजे भोजवासा पंहुचे। सभी की सभी की हालत बेहद खराब हो चुकी है। इस वक्त सभी लोग जीएमवीएन(गढवाल मण्डल विकास निगम) के रेस्ट हाउस में बिस्तरों के हवाले है। अभी अभी गर्मागर्म चाय पी है। सभी की हालत ऐसी है कि कोई भी बिस्तर से हिलना तक नहीं चाहता है।
Gangotri Goumukh Yatra 1/भागीरथ का तपस्या स्थल और भागीरथी का उद्गम स्थल गंगौत्री
(यात्रा वृत्तान्त-28/ गंगौत्री गौमुख यात्रा 05 सितम्बर 2018 से)
05 सितम्बर 2018 (बुधवार) रात 8.45
होटल राम पैलेस पावटा (जयपुर से 80 किमी आगे)
3 महीने और आठ दिन बाद,फिर से नई यात्रा पर। इस बार हमारा लक्ष्य है,गंगौत्री से उपर गौमुख ग्लैशियर और तपोवन तक ट्रैकिंग करने का। हमारी यह यात्रा आज सुबह साढे नौ बजे रतलाम से शुरु हुई। रतलाम से मेरे साथ दशरथ जी पाटीदार और प्रकाश राव पंवार,दशरथ जी की नई मारुति ब्रिजा से निकले और सैलाना से हमने अनिल मेहता को साथ लिया। रतलाम से छ: सौ किमी चल कर जयपुर से करीब अस्सी किमी आगे दिल्ली हाई वे के इस होटल राम पैलेस में हम रुके हैं। यह स्थान पावटा कहलाता है।
सडक़ का सफर,दिल्ली से बचकर
पहला दिन05 सितम्बर 2018 (बुधवार) रात 8.45
होटल राम पैलेस पावटा (जयपुर से 80 किमी आगे)
3 महीने और आठ दिन बाद,फिर से नई यात्रा पर। इस बार हमारा लक्ष्य है,गंगौत्री से उपर गौमुख ग्लैशियर और तपोवन तक ट्रैकिंग करने का। हमारी यह यात्रा आज सुबह साढे नौ बजे रतलाम से शुरु हुई। रतलाम से मेरे साथ दशरथ जी पाटीदार और प्रकाश राव पंवार,दशरथ जी की नई मारुति ब्रिजा से निकले और सैलाना से हमने अनिल मेहता को साथ लिया। रतलाम से छ: सौ किमी चल कर जयपुर से करीब अस्सी किमी आगे दिल्ली हाई वे के इस होटल राम पैलेस में हम रुके हैं। यह स्थान पावटा कहलाता है।
Saturday, August 11, 2018
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