Monday, June 21, 2021
भारत की संप्रभुता के लिए नया खतरा बनती जा रही है सोशल मीडीया कंपनियां,इन पर लगाम कसना जरुरी
-तुषार कोठारी
जब नए नए सोशल मीडीया प्लेटफार्म्स की शुरुआत हो रही थी,तब किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ये प्लेटफार्म्स अपने आपको किसी राष्ट्र से बडे समझने लगेंंगे और किसी देश को चुनौती देने की स्थिति में आ जाएंगे। लेकिन बदकिस्मती से अब यही हो रहा है। ये सोशल मीडीया कंपनियां इतनी बडी हो गई है कि वे बेहिचक भारत जैसे विशाल देश के कानूनो को चुनौती तक देने को तैयार हो गई है।
Friday, March 19, 2021
Thursday, March 18, 2021
अदालतों के सुस्पष्ट आदेशों के बावजूद क्यों नहीं हटाए जाते मस्जिदों के लाउड स्पीकर...?
- तुषार कोठारी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा मस्जिदों में सुबह की अजान के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग से होने वाली परेशानी का मामला उठाए जाने के बाद से मस्जिदों के लाउड स्पीकर फिर से चर्चाओं में है। इससे पहले भी कई लोग इस मुद्दे को उठाते रहे है। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि यह समस्या देश के प्रत्येक शहर में है और उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद मस्जिदों के लाउड स्पीकर हटाए क्यों नहीं जा रहे? सरकारों को किस बात का डर है? क्या वजह है कि सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना पिछले सौलह वर्षो से लगातार जारी है।
Tuesday, February 2, 2021
Monday, December 28, 2020
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-8
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मित्रों से मुलाकात के बाद वापसी का सफर
05 अक्टूबर 2020 सोमवार (दोपहर 2.00)
इ खबरटुडे आफिस रतलाम
मैैं बीती रात करीब एक बजे घर पंहुचा था। हमारी यात्रा का समापन समारोह रविवार को मन्दसौर में हुआ था। रतलाम से प्रकाशराव पंवार और संतोष त्रिपाठी मन्दसौर आ गए थे,जिन्होने मुझे और अनिल को छोडा था।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-7
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सौलह घण्टों में तेईस किमी की ट्रैकिंग,वो भी खाली पेट
04 अक्टूबर 2020 रविवार (रात 00.52)
ओयो होटल दिल्ली जयपुर हाईवे शहाजहांपुर
इस होटल में हम रात साढे दस बजे पंहुचे थे। कमरे लिए। भोजन किया। अब सोने की तैयारी है। पिछले तीन दिनों से डायरी लिखने का मौका ही नहीं मिला था। लेकिन आज सोने से पहले यात्रा विवरण वहीं से शुरु,जहां छोडा था। उस दिन 2 अक्टूबर की सुबह छ: बजे मै डायरी लिख रहा था कि तभी सब लोग तैयार हो गए। वहीं डायरी बंद करके तुरंत निकल पडे थे।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-6
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पंहुच गए हेमकुण्ड साहिब के दर पर
30 सितम्बर 2020 गुरुवार (सुबह 3.30)
होटल देवलोक घांघरिया
अभी सुबह पांच बजे हमें हेमकुण्ड साहिब की यात्रा शुरु करना है,इसलिए आज सुबह तीन बजे उठ गए हैैं। ताकि यात्रा सही समय पर शुरु कर दे और देर ना हो जाए।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-5
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गोविन्द घाट से घांघरिया का चुनौती भरा सफर
30 सितम्बर 2020 बुधवार ( दोपहर 3.00 बजे)
होटल देवलोक घांघरिया
इस वक्त हम ग्यारह किमी की बेहद कठिन और खडी चढाई वाला पहाडी रास्ता पार करके घांघरिया आ गए हैैं।
आज सुबह हमने छ: बजे निकलने का तय किया था,लेकिन कमरे से निकलते निकलते साढे छ: बज गए थे। कमरे से निकल कर सबसे पहले बरसात से बचाव के लिए पोचू किराये पर लिए। यहां सौ रु. किराये में पोचू मिल जाते है,लेकिन इसके लिए पहले तीन सौ रु. एडवान्स जमा कराना पडते हैैं। हमने तीन पोचू लिए। अनिल अपनी बरसाती लेकर आया था।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-4
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बद्रीनाथ के दर्शन, तप्त कुण्ड पर कोरोना का असर
29 सितम्बर 2020 मंगलवार (रात10.15)
होटल दुर्गा पैलेस गोविन्द घाट
इस वक्त हम गोविन्दघाट गुरुद्वारे के नजदीक इस होटल में रुके हैैं और सुबह छ: बजे हेमकुण्ड के लिए निकलने की योजना है।
दोपहर को हम सडक़ के जाम में फंसे थे। दोपहर पौने एक बजे जाम खुला और हम आगे बढे। हम करीब दो बीस पर जोशीमठ पंहुच गए।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-3
ब्रेड की दो स्लाईस से चार लोगों की भूख मिटाने की कोशिश
28 सितम्बर 2020 सोमवार (रात11.00)
होटल पुष्पदीप ग्र्राण्ड रुद्रप्रयाग
हम रुद्र प्रयाग पंहुच चुके है। जगजीत भाई ने पूरे दिन हमारी चिंता की। जगजीत भाई ने ही बताया कि हमें रुद्रप्रयाग में ही रुकना चाहिए। होटल की व्यवस्था भी उन्होने ही की। हम यहां शाम सात बजे पुहुचे थे। अब भोजन करके सोने की तैयारी में है। सुबह बडी जल्दी छ: बजे यहां से निकल जाने की इच्छा है।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-2
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गाडी खराब,सेंसर की तलाश और गंगा आरती
होटल शिवमूर्ति हरिद्वार
आखिरकार कोरोना टेस्ट कराने के 96 घण्टे पहले हम उत्तराखण्ड में प्रवेश कर गए। इस वक्त हम हरिद्वार के स्टेशनरोड पर होटल ग्र्राण्ड शिवमूर्ति में सोने की तैयारी कर रहें है।
सुबह जयपुर से करीब 20-25 किमी आगे पराठों का नाश्ता करके निकले थे। गाडी स्टार्ट हुई। मनीष गाडी चला रहा था। उसने कहा कि गाडी का एकाध सेंसर गडबड कर रहा है। जब रतलाम से चले थे,तभी से गाडी का स्पीडोमीटर बन्द पडा था। डेशबोर्ड पर मीटर में इसका संकेत भी मिल रहा था।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-1
यात्रा वृत्तान्त-37 हेमकुण्ड साहिब यात्रा
(25 सितम्बर 2020 से 4 अक्टूबर 2020)
अनोखी यात्रा की अनोखी शुरुआत
25-26 सितम्बर 2020 (शुक्र-शनि) रात 12.24
पण्डित होटल जयपुर दिल्ली हाई वे
आज सुबह 9.45 पर अनिल अपनी गाडी से मेरे घर पंहुचा था और मैं जल्दी ही उसकी गाडी में सवार हो गया था। इस तरह हम इस यात्रा के लिए निकले थे।
ये यात्रा कई मायनों में अनोखी साबित हो रही है। कोरोना लाक डाउन के असर से डरे हुए हम सारे मित्र पिछली 27 जुलाई को निकले थे पचमढी के लिए। घूमघाम कर वापस आ गए। तब चर्चा हुई कि हम हर सितम्बर में हिमालय जाते है,तो इस बार भी जाना चाहिए।
Tuesday, December 15, 2020
Wednesday, December 9, 2020
संशोधनों के लिखित प्रस्तावों के बाद भी,कृषि कानूनों का विरोध-भ्रम में कौन है आन्दोलनकारी किसान या केन्द्र सरकार...?
-तुषार कोठारी
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों में संशोधन के लिखित प्रस्ताव दिए जाने और आन्दोलनकारी पंजाब के किसानों द्वारा इन प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिए जाने से अब यह निर्विवाद रुप से स्पष्ट हो गया है कि राजधानी की सीमाओं पर कब्जा जमाए बैठे प्रदर्शनकारियों को किसानों के हित की कोई चिंता नहीं है,बल्कि उनका एकसूत्रीय एजेण्डा किसी ना किसी तरह हालात को बिगाड कर रखना और केन्द्र सरकार को बदनाम करना ही है।
Monday, September 21, 2020
पचमढी यात्रा-4 (समापन)
अनुभवी ट्रेकर से मुलाकात
3 अगस्त 2020 सोमवार,(रक्षाबन्धन)
इ खबरटुडे आफिस (शाम 6.00 बजे)
यात्रा तो 31 जुलाई को ही रतलाम पंहुचकर समाप्त हो गई थी। लेकिन डायरी मलय के बैग में चली गई थी,इसलिए कहानी पूरी नहीं हो पाई। अब डायरी हाथ में आई है,तो कहानी पूरी कर रहा हूं।
तो,हम 31 जुलाई को पचमढी से रतलाम के लिए निकलने की तैयारी में थे। हमने नौ बजे निकलने का तय किया था,लेकिन हम नौ की बजाय दस बजे होटल से निकले और गाडी में सवार हुए। नाश्ता करना था। दशरथ जी ने कहा कि यहीं करते हैं,मैने कहा कि आगे जाकर करते हैं। पचमढी से पिपरिया तक का रास्ता तो टाइगर रिजर्व के भीतर ही है,इसलिए रास्ते में कोई ढाबा नहीं था।
पचमढी यात्रा-3
बी फाल नहीं डचेस फाल जाएंगे........
30 जुलाई 2020 गुरुवार (सुबह 8.15)
होटल खालसा लेक व्यू
पचमढी के प्रसिध्द बी फाल,अप्सरा विहार और पाण्डव गुफा पर हम अब तक नहीं गए हैं। बी फाल और अप्सरा विहार जाने के लिए जिप्सी करना होगी और वन विभाग का परमिट भी लेना पडेगा। होटल वाले ने बीती रात एक जिप्सी वाले को भेज दिया था। साढे इक्कीस सौ रु. मे वह हमें दिनभर घुमाएगा। इसमे से ग्यारह सौ रु. वनविभाग के परमित के लगेंगे और एक हजार पचास रु.जिप्सी का किराया। सीजन में जिप्सी वाले दो से चार हजार रु.तक वसूल लेते है। लेकिन अभी कोरोना के चलते यहाम पर्यटक नदारद है,इसलिए सबकुछ सत्ता है। जिप्सी वाला सुबह साढे नौ पर आएगा। तब तक हमें तैयार होना है। सारे लोग तैयार होने की तैयारी में है।
पचमढी यात्रा-2
गाडी की छत पर बन्दरों का कब्जा
29 जुलाई 2020 बुधवार (शाम 7.20)
होटल खालसा लेक व्यू
पचमढी के प्रमुख स्थानों को पैरों से नाप कर और करीब 18 किमी की ट्रोकिंग करके हम इसी वक्त होटल में लौटे हैं। हम बुरी तरह थक चुके हैं।
हमारी आज की यात्रा चौरागढ के ट्रैक से शुरु हुई थी। करीब साढे ग्यारह बजे हमने पंजाबी ढाबे में आलू और पनीर पराठे का भोजन जैसा नाश्ता किया। नाश्ते के बाद हम चौरागढ के लिए निकल पडे। चौरागढ का रास्ता महादेर गुफा से ही आगे है। महादेव गुफा यहां से करीब नौ किमी दूर है। बीच में एक पहाड पार करना पडता है। इस पहाड का रास्ता एक सौ अस्सी डिग्री के मोड वाला सर्पिला रास्ता है।
यात्रा वृत्तान्त-36 पचमढी
यहीं नहाई थी लिरिल वाली लडकी.....
(27 जुलाई 2020 से 31 जुलाई 2020)
27 जुलाई 2020 सोमवार (रात 9.20)
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस,होशंगाबाद
पिछली यात्रा 29 दिसम्बर 2019 को शुरु हुई थी और 4 जनवरी 2020 को समाप्त हुई थी। वह जैसलमेर की यात्रा थी। 4 जनवरी 2020 के बाद आज लगभग 7 महीनों के बाद हम यात्रा पर निकल पाए हैं।
इस समय मैं होशंगाबाद के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हूं,और मेरे साथ वकील साथी दशरथ पाटीदार,प्रकाश राव पंवार,सैलाना से अनिल मेहता और भांजा मलय सोनटक्के भी हैं।
हमारी यह यात्रा आज दोपहर साढे ग्यारह बजे रतलाम से शुरु हुई थी और हमारी योजना पचमढी जाकर वहां कुछ दिन गुजारने की है।
Friday, September 18, 2020
भारत-चीन विवाद: भारत के लिए समस्याएं सुलझाने का स्वर्णिम अवसर,अब जरुरी है सैन्य विकल्प
-तुषार कोठारी
आमतौर पर कोई भी समझदार या बुध्दिजीवी कभी भी युध्द की हिमायत नहीं करता। लेकिन यह ऐतिहासिक और वैश्विक सच्चाई है कि दुनिया का इतिहास युध्दों का ही इतिहास है। विश्व की अधिकांश समस्याओं का निराकरण भी युध्दों के माध्यम से ही हुआ है। शांति के पक्ष मे आप चाहे जितनी दलीलें दे लें लेकिन कठोर वास्तविकता तो यही है कि समस्याओं का निराकरण बातचीत की बजाय युध्दों से ही हुआ है। कहने सुनने में युध्द का विरोध और शांति की हिमायत अच्छा लगता है,लेकिन वास्तविकता को नकारा नहीं जा सकता इसलिए आज दुनिया का हर देश मजबूत से मजबूत सेना और साजो सामान रखने का पक्षधर है।
अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती
(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे ) 12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45) साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43 अयोध्या की यात्रा अब समाप्...
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-तुषार कोठारी आरक्षण को लेकर मची बवाल पहली बार नहीं है। बिहार चुनाव के पहले भी लालू से लेकर मायावती तक तमाम नेता आरक्षण को खत्म करने की क...
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- तुषार कोठारी इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा मस्जिदों में सुबह की अजान के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग से हो...
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प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे 26 मई 2022 गुरुवार (सुबह 7.00) यूथ होस्टल मलवली फैमिली कैम्प का आज पहला दिन है। आज से तीन दिनों तक ह...