देवलोक के द्वार तक का सफर
02 मार्च 2018 शुक्रवार (रात 9.30)
रुम न. 1 सर्किट हाउस अगरतला (त्रिपुरा)
हम भोजन कर चुके हैं। अब हमें अपने कक्ष क्र.7 में जाकर सोना है। हमारा कक्ष उपरी मंजिल पर है। अनिल बाहर अपने घर पर बात कर रहा है। दशरथ जी और संतोष जी ताश खेल रहे हैं। इसी बाच अनिल भी कमरे में आ चुका है।आज की सुबह साढे पर हम तैयार हो चुके थे। सवा सात पर ड्राइवर बीएल डे का फोन आ चुका था। हम लोग साढे सात,सात चलीस तक तैयार हो चुके थे। बाहर निकले,गाडी आल्टो नहीं थी,बल्कि मारुति की ही इको थी।
हम गाडी में सवार हुए और चल पडे।