(मनाली-लेह-श्रीनगर यात्रा)
(1 सितंबर 2019 से 14 सितंबर 2019)
5 अगस्त 2019 को अचानक जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया। मनाली से लेह होकर श्रीनगर की तरफ से वापस आने की हमारी योजना पहले से ही बन रही थी,लेकिन जैसे ही 370 हटने का मामला हुआ वहां जाने की उतसुकता और भी बढ गई। इस यात्रा में पहले हम पांच मैं,दशरथ पाटीदार,प्रकाश राव
पंवार,अनिल मेहता और मन्दसौर से आशुतोष नवाल जाने वाले थे,लेकिन अंतिम समय आते आते आशुतोष की यात्रा गडबडाने लगी। उसके पिता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। अब हम चार ही जाने वाले थे। अंतिम समय तक उदित अग्रवाल से मैं पूछता रहा,लेकिन वह इंकार करता रहा। एक सितंबर को हम चार लोग ही दशरथ जी की ब्रिजा से रवाना हुए,लेकिन दोपहर तक दृश्य बदल गया और उदित भी हमारे साथ शामिल हो गया और गाडी भी ब्रिजा की जगह एक्सयूवी 500 हो गई। इस तरह यह यात्रा पांच लोगों ने की।
(1 सितंबर 2019 से 14 सितंबर 2019)
5 अगस्त 2019 को अचानक जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया। मनाली से लेह होकर श्रीनगर की तरफ से वापस आने की हमारी योजना पहले से ही बन रही थी,लेकिन जैसे ही 370 हटने का मामला हुआ वहां जाने की उतसुकता और भी बढ गई। इस यात्रा में पहले हम पांच मैं,दशरथ पाटीदार,प्रकाश राव
पंवार,अनिल मेहता और मन्दसौर से आशुतोष नवाल जाने वाले थे,लेकिन अंतिम समय आते आते आशुतोष की यात्रा गडबडाने लगी। उसके पिता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। अब हम चार ही जाने वाले थे। अंतिम समय तक उदित अग्रवाल से मैं पूछता रहा,लेकिन वह इंकार करता रहा। एक सितंबर को हम चार लोग ही दशरथ जी की ब्रिजा से रवाना हुए,लेकिन दोपहर तक दृश्य बदल गया और उदित भी हमारे साथ शामिल हो गया और गाडी भी ब्रिजा की जगह एक्सयूवी 500 हो गई। इस तरह यह यात्रा पांच लोगों ने की।