Thursday, May 12, 2022

काफनी पिण्डारी ग्लेशियर यात्रा-5


 कठिन चढाई के बाद चीलठा माई के दर्शन


31 अगस्त 2021 मंगलवार (सुबह 9.50)

TRH धाकुडी


अभी अभी हम चीलठा माई मन्दिर का दर्शन करके लौटे हैैं और नाश्ते का इंतजार कर रहे हैैं। 


कल बनाई योजना के मुताबिक मैैं तो सुबह चार बजे ही उठ गया था। कमरे में ठण्ड कम ही थी। उठकर अपने नित्यकर्म से निवृत्त हुआ। करीब पौने पांच बजे दशरथ जी को आवाज देकर उठाया। आशुतोष भी उठ गया। आज अनिल ने चीलठा माई जाने से साफ इंकार कर दिया।

काफनी पिण्डारी ग्लेशियर यात्रा-4




 स्वर्ग सा शानदार नजारा धाकुडी का....


30 अगस्त 2021 सोमवार (सुबह 7.40)

TRH लोहारखेत


हम सभी तैयार हो चुके है,और नाश्ते का इंतजार कर रहे हैैं। सुबह करीब साढे पांच पर उठा था। मौसम एकदम साफ था। कुछ ही देर में धूप भी आ गई थी। मुझे लगा था कि अब हम पैदल जा सकते है। लेकिन बाकी के लोगों का मन जीप से जाने का था। जीप से जाने में धाकुडी पंहुचने के लिए केवल तीन किमी चलना पडता। तो कुल मिलाकर जीप से ही जाने का तय हुआ।

काफनी पिण्डारी ग्लेशियर यात्रा-3



 तूफानी बारिश में कच्चे संकरे रास्तों पर जीप का खतरनाक सफर....


29 अगस्त 2021 रविवार (शाम 7.45)

TRH लोहारखेत


इस समय हम काफनी और पिण्डारी ग्लैसियर ट्रेकिंग के शुरुआती पडाव लोहारखेत में पंहुचे हैैं। यहां टीआरएच में कमरे मिल गए हैैं। भोजन की तैयारी हो रही है। हमे पता चला है कि कि खाती से द्वाली के बीच का रास्ता अभी बन्द है। पिण्डारी और काफनी ग्लेसियर का रास्ता द्वाली से होकर ही जाता है। यदि द्वाली नहीं जा पाए तो ग्लैसियर तक जाने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता।

काफनी पिण्डारी ग्लेशियर यात्रा-2

 होटल में भूले महंगी घडी......


28 अगस्त 2021 शनिवार रात 9.44

होटल ग्र्रीन वैली,भुजिया हाट

(काठगोदाम नैनीताल रोड)


इस समय हम लोग भोजन भी कर चुके है और जल्दी ही सौ जाने की तैयारी है,क्योंकि कल सुबह जल्दी,हो सके तो सुबह छ: बजे निकल जाना है और अल्मोडा पंहुच जाना है।


सुबह एक समौसा और खाना था,लेकिन आशुतोष ने समौसे को टोटली रिजेक्ट कर दिया,इसलिए फिर हरि(अली)गढ से निकल पडे। रास्ता मुराद नगर से होकर काठगोदाम था। मुराद नगर करीब 150 किमी है। दशरथ जी गाडी चला रहे थे। कहने को तो ये नेशनल हाईवे है,लेकिन टू लेन है। सड़क बढिया बनी हुई थी। चलते रहे। अब नाश्ते की बजाय सीधे भोजन करने की इच्छा थी। भूख लगने लगी थी,धमाल मचाने लगी थी।

यात्रा वृत्तान्त 38 रतलाम काफनी पिण्डारी ग्लेशियर यात्रा

यात्रा वृत्तान्त 38 

कोरोना के लगातार लाकडाउन से घरों में बन्द रहकर हम सभी बेहद परेशान हो चुके थे। सारे साथी चाहते थे कि जल्दी से जल्दी घरों से निकल कर पहाडों पर पंहुच जाएं। आमतौर पर ट्रेकींग के लिए सितम्बर का महीना ठीक रहता है,जब सारे रास्ते खुल जाते है और बर्फ भी पिघल जाती है। लेकिन कोरोना की मारामारी से परेशान हम लोग जल्दबाजी में सितम्बर से पहले अगस्त में ही पहाडों के लिए चल पडे थे। इस बार हमारा लक्ष्य था  उत्तराखण्ड के कुमाऊं क्षेत्र में घूमना और इसके लिए हमने चुना था काफनी और पिण्डारी ग्लैसिरयर की ट्रेकिंग को। यह यात्रा 26 अगस्त 2021 से शुरु हो कर 4 सितम्बर को समाप्त हुई। इस यात्रा में हमने कई धार्मिक स्थानों के दर्शनों का भी लाभ लिया। यात्रा के दौरान हम मेहन्दीपुर बालाजी,कृष्ण जन्मस्थान मथुरा,गोकुल,वृन्दावन,श्री राम जन्मभूमि अयोध्या और पीताम्बरा माई दतिया के दर्शन कर आए।  

Friday, February 25, 2022

रतलाम- इतिहास के झरोखे से : कुलिश

 शहर के विख्यात शिक्षाविद,साहित्यकार,कवि और प्रखर वक्ता रहे स्व.भंवरलाल भाटी ( 15 अप्रैल 1926- 14 मार्च 2010) की एक और पहचान ईतिहासकार की भी थी। स्व.श्री भाटी
ने वर्ष 1995 में दैनिक भास्कर के लिए रतलाम नगर का ईतिहास अपनी विशीष्ट शैली में लिखा था। यह रोचक स्तंभ स्व.भाटी ने कुलिश के उपनाम से लिखा था। आलेख,कविता इत्यादि स्व.श्री भाटी कुलिश के उपनाम से ही लिखा करते थे। रतलाम-इतिहास के झरोखे से शीर्षक से स्व.श्री भाटी के इस स्तंभ में रतलाम की स्थापना से लगाकर आधुनिक रतलाम बनने तक का पूरा इतिहास अत्यन्त ही रोचक शैली में लिखा है। पिछले कई ïवर्षों से स्व.श्री भाटी द्वारा रचित यह इतिहास उपलब्ध नहीं हो पा रहा था,लेकिन स्व.श्री भाटी के स्नेहपात्र रहे श्री हरीश व्यास ने इसे सहेज कर रखा था। स्व.श्री भाटी द्वारा लिखित इस इतिहास को डिजीटल फार्म में सुरक्षित करने का सुअवसर श्री व्यास के सौजन्य से प्राप्त हुआ है।

Sunday, February 13, 2022

हिजाब प्रकरण-खत्म नहीं होंगे,अब बढते जाएंगे इस तरह के विवाद


 -तुषार कोठारी


कर्नाटक के उडुपी में एक स्कूल से शुरु हुए हिजाब विवाद की आग अब देश के कई कोनों तक फैल चुकी है। यहां तक कि मध्यप्रदेश में भी कहीं कहीं इसकी आहट आने लगी है। मामला हाईकोर्ट में है। लेकिन यह मान लेना कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह विवाद थम जाएगा,बिलकुल सही नहीं होगा। वास्तविकता यह है कि देश में अब इस तरह के बेसिरपैर वाले या कहें बेवजह के विवाद अब बढते जाने वाले है। दस मार्च को यदि उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी सरकार बन गई तो ऐसे अवांछित विवादों की बाढ आना तय है। विवाद की असल वजह हिजाब या धर्म पर प्रहार नहीं है,बल्कि मोदी विरोधियों के हाथ आया एक नया हथियार है।

Saturday, February 12, 2022

बलात्कार और पाक्सो एक्ट के प्रावधानों में जरुरी है तर्कसंगतता,बेवजह सजा भुगतने को विवश है हजारों युवा

 -तुषार कोठारी


दिल्ली में हुए निर्भया काण्ड के बाद पूरे देश में हुए प्रदर्शनों और मीडीया के लगातार हंगामे के बाद जहां सरकार ने बलात्कार सम्बन्धी कानूनों में कडे प्रावधान किए वहीं बच्चों के साथ होने वाले लैैंगिक अपराधों पर नियंत्रण के लिए देश में पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्र्डन्स फ्राम सैक्सुअल आफेन्स एक्ट) लागू किया गया। दोनो ही घटनाएं वर्ष 2012 में हुई। तब से लेकर दस वर्ष गुजर चुके है। इन दस वर्षों में इन कानूनों के कुछ कठोर और अतार्किक प्रावधानों ने समाज में नई समस्याएं उत्पन्न कर दी है। दस वर्षों के अनुभव का सबक यही है कि इन दोनों कानूनों में तर्कसंगतता लाना आवश्यक हो गया है। पाक्सो एक्ट के अस्तित्व में आने से देश भर में पाक्सो एक्ट के मामलों की बाढ आ गई है और बडी संख्या में नवयुवक जेलों में बन्द है। सबसे दुखद पहलू यह है कि इनमें से बडी संख्या ऐसे युवकों की है जो उस लडकी के बलात्कार की सजा भुगत रहे है,जो उसी के घर में,उस की पत्नी की हैसियत से बच्चों को पाल रही है।

Monday, June 21, 2021

My Article in Swadesh Indore 1 June 2021


 

भारत की संप्रभुता के लिए नया खतरा बनती जा रही है सोशल मीडीया कंपनियां,इन पर लगाम कसना जरुरी

 -तुषार कोठारी


जब नए नए सोशल मीडीया प्लेटफार्म्स की शुरुआत हो रही थी,तब किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ये प्लेटफार्म्स अपने आपको किसी राष्ट्र से बडे समझने लगेंंगे और किसी देश को चुनौती देने की स्थिति में आ जाएंगे। लेकिन बदकिस्मती से अब यही हो रहा है। ये सोशल मीडीया कंपनियां इतनी बडी हो गई है कि वे बेहिचक भारत जैसे विशाल देश के कानूनो को चुनौती तक देने को तैयार हो गई है।

Thursday, March 18, 2021

अदालतों के सुस्पष्ट आदेशों के बावजूद क्यों नहीं हटाए जाते मस्जिदों के लाउड स्पीकर...?

  - तुषार कोठारी


इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा मस्जिदों में सुबह की अजान के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग से होने वाली परेशानी का मामला उठाए जाने के बाद से मस्जिदों के लाउड स्पीकर फिर से चर्चाओं में है। इससे पहले भी कई लोग इस मुद्दे को उठाते रहे है। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि यह समस्या देश के प्रत्येक शहर में है और उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद मस्जिदों के लाउड स्पीकर हटाए क्यों नहीं जा रहे? सरकारों को किस बात का डर है? क्या वजह है कि सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना पिछले सौलह वर्षो से लगातार जारी है।


Monday, December 28, 2020

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-8

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

मित्रों से मुलाकात के बाद वापसी का सफर

05 अक्टूबर 2020 सोमवार (दोपहर 2.00)

इ खबरटुडे आफिस रतलाम


मैैं बीती रात करीब एक बजे घर पंहुचा था। हमारी यात्रा का समापन समारोह रविवार को मन्दसौर में हुआ था। रतलाम से प्रकाशराव पंवार और संतोष त्रिपाठी मन्दसौर आ गए थे,जिन्होने मुझे और अनिल को छोडा था।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-7

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

सौलह घण्टों में तेईस किमी की ट्रैकिंग,वो भी खाली पेट

04 अक्टूबर 2020 रविवार (रात 00.52)

ओयो होटल दिल्ली जयपुर हाईवे शहाजहांपुर


इस होटल में हम रात साढे दस बजे पंहुचे थे। कमरे लिए। भोजन किया। अब सोने की तैयारी है। पिछले तीन दिनों से डायरी लिखने का मौका ही नहीं मिला था। लेकिन आज सोने से पहले यात्रा विवरण वहीं से शुरु,जहां छोडा था। उस दिन 2 अक्टूबर की सुबह छ: बजे मै डायरी लिख रहा था कि तभी सब लोग तैयार हो गए। वहीं डायरी बंद करके तुरंत निकल पडे थे। 

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-6

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

पंहुच गए हेमकुण्ड साहिब के दर पर

30 सितम्बर 2020 गुरुवार (सुबह 3.30)

होटल देवलोक घांघरिया

 अभी सुबह पांच बजे हमें हेमकुण्ड साहिब की यात्रा शुरु करना है,इसलिए आज सुबह तीन बजे उठ गए हैैं। ताकि यात्रा सही समय पर शुरु कर दे और देर ना हो जाए।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-5

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

गोविन्द घाट से घांघरिया का चुनौती भरा सफर

30 सितम्बर 2020 बुधवार ( दोपहर 3.00 बजे)

होटल देवलोक घांघरिया


इस वक्त हम ग्यारह किमी की बेहद कठिन और खडी चढाई वाला पहाडी रास्ता पार करके घांघरिया आ गए हैैं।

 आज सुबह हमने छ: बजे निकलने का तय किया था,लेकिन कमरे से निकलते निकलते साढे छ: बज गए थे। कमरे से निकल कर सबसे पहले बरसात से बचाव के लिए पोचू किराये पर लिए।  यहां सौ रु. किराये में पोचू मिल जाते है,लेकिन इसके लिए पहले तीन सौ रु. एडवान्स जमा कराना पडते हैैं।  हमने तीन पोचू लिए। अनिल अपनी बरसाती लेकर आया था।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-4

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

बद्रीनाथ के दर्शन, तप्त कुण्ड पर कोरोना का असर

29 सितम्बर 2020 मंगलवार (रात10.15)

होटल दुर्गा पैलेस गोविन्द घाट

 इस वक्त हम गोविन्दघाट गुरुद्वारे के नजदीक इस होटल में रुके हैैं और सुबह छ: बजे हेमकुण्ड के लिए निकलने की योजना है।  

दोपहर को हम सडक़ के जाम में फंसे थे। दोपहर पौने एक बजे जाम खुला और हम आगे बढे। हम करीब दो बीस पर जोशीमठ पंहुच गए।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-3

ब्रेड की दो स्लाईस से चार लोगों की भूख मिटाने की कोशिश

28 सितम्बर 2020 सोमवार (रात11.00)

होटल पुष्पदीप ग्र्राण्ड रुद्रप्रयाग


हम रुद्र प्रयाग पंहुच चुके है। जगजीत भाई ने पूरे दिन हमारी चिंता की। जगजीत भाई ने ही बताया कि हमें रुद्रप्रयाग में ही रुकना चाहिए। होटल की व्यवस्था भी उन्होने ही की। हम यहां शाम सात बजे पुहुचे थे। अब भोजन करके सोने की तैयारी में है। सुबह बडी जल्दी छ: बजे यहां से निकल जाने की इच्छा है।

हेमकुण्ड साहिब यात्रा-2

 प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें 

गाडी खराब,सेंसर की तलाश और गंगा आरती

26 सितम्बर 2020 शनिवार(रात10.02)
होटल शिवमूर्ति  हरिद्वार

आखिरकार कोरोना टेस्ट कराने के 96 घण्टे पहले हम उत्तराखण्ड में प्रवेश कर गए। इस वक्त हम हरिद्वार के स्टेशनरोड पर होटल ग्र्राण्ड शिवमूर्ति में सोने की तैयारी कर रहें है।  

सुबह जयपुर से करीब 20-25 किमी आगे पराठों का नाश्ता करके निकले थे। गाडी स्टार्ट हुई। मनीष गाडी चला रहा था। उसने कहा कि गाडी का एकाध सेंसर गडबड कर रहा है। जब रतलाम से चले थे,तभी से गाडी का स्पीडोमीटर बन्द पडा था। डेशबोर्ड पर मीटर में इसका संकेत भी मिल रहा था।

अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती

(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे )  12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)  साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43   अयोध्या की यात्रा अब समाप्...