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04 सितम्बर 2023 सोमवार (रात 11.45) होटल कैलाश धारचूला
इस वक्त मै धारचूला के इस होटल कैलाश में सोने की तैयारी में हूं।
आज सुबह आईटीबीपी के रेस्ट हाउस से करीब साढे दस बजे निकले। रास्ता सिर्फ 90 किमी यानी चार घण्टे का है। हमारे पास पूरा दिन था। रास्ते में एक जगह रुक कर आराम से फोटोग्राफी भी की। बेहद धीमे चलने के बाद भी दोपहर ढाई बजे धारचूला पंहुच गए। प्रतीक को फोन किया। वह रोड पर इंतजार करता हुआ मिला। प्रतीक से 2016 के बाद 7 साल बाद मुलाकात हुई। वह हमारे साथ हो गया। इस वक्त सभी को भूख लग आई थी। जहां गाडी खडी की थी, वहां नजदीक ही एक होटल था। प्रतीक ने कहा पलहे आप होटल देख लो। पहला होटल देखा,फिर बगल वाला दूसरा देखा। दूसरा पसन्द आ गया। वहां रुकने का तय कर रहे थे। इसी बीच आशुतोष के पास एक बन्दे का फोन आया कि आपको गाडी चाहिए। आईजी सा. के मेहमान हो,तो गाडी के लिए मुझे बोला गया है। वो बन्दा राहूल था। जिसे प्रतीक भी जानता था।