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छठा दिन
15 जुलाई 2024 सोमवार (अपरान्ह 3.00)
भीम तलाई (अपर)
इस वक्त हम अपर भीमतलाई में एक टेण्ट लेकर रुक गए है। हमने आज सुबह 7.50 पर थाटीविल से चलना प्रारंभ किया था।
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छठा दिन
15 जुलाई 2024 सोमवार (अपरान्ह 3.00)
भीम तलाई (अपर)
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पांचवा दिन
14 जुलाई 2024 रविवार (शाम 6.50)
थाटीविल (श्रीखण्ड कैलास यात्रा मार्ग)
इस वक्त हम थाटी विल की एक दुकान में रात्रि विश्राम के लिए रुके हुए हैं। आज हम सुबह साढे छ: बजे से 12 घण्टे लगातार चल कर कुल 12 किमी की दूरी तय करके यहां पंहुचे है।
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12 जुलाई 2024 शुक्रवार (रात 10.45)
बुशहर सदन रामपुर बुशहर (हिप्र)
इस वक्त हम रामपुर बुशहर के इस सरकारी होटल या यूं कहे कि रेस्ट हाउस में है। हम यहां 7.45 पर पंहुच गए थे। बिना मशक्कत के बुशहर सदन मिल गया और यहां तीसरी मंजिल के दो कमरों में हम टिक गए। हम रतलाम से अब तक 1250 किमी दूर आ चुके है।
(10 जुलाई 24 से 22 जुलाई 24 तक)
10 जुलाई 2021 बुधवार (रात 11.30)
प्रिन्स गेस्ट हाउस (सवाई माधोपुर राज.)
हमारी ये यात्रा प्रारंभ हो चुकी है। इस बार लक्ष्य है श्रीखण्ड महादेव का दर्शन करना। इस वक्त हम सवाई माधोपुर से कुछ ही दूर यहां प्रिन्स गेस्ट हाउस में रुके है। एटलेन एक्सप्रेस वे ठीक सामने है,कल सुबह इसी एटलेन से दिल्ली और आगे का सफर करेंगे।
12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)
साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43
अयोध्या की यात्रा अब समाप्ति पर है। हम रतलाम लौट रहे हैं और इस वक्त साबरमती एक्सप्रेस रतलाम की ओर दौड रही है।
आज की शुरुआत बेहद खास रही।ये दिन बडा खास रहा और इसकी जानकारी कल रात ही मिल गई थी। कारसेवक पुरम में कल सुबह गए थे। वहां कई लोगों से परिचय हुआ था। रात को कारसेवक पुरम से अभिनव नामक युवक का फोन रोचन के पास आया कि क्या आप लोग सुबह आरती में शामिल होना चाहते है? अन्धा क्या चाहे? दो आंखे। कौन इंकार कर सकता था। उन्होने सभी के आधार साफ्ट कापी में मंगवाए और रोचन से कहा कि आपलोग सुबह पांच बजे मन्दिर के मुख्य द्वार पर पंहुच जाएं।
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11 मार्च 2024 सोमवार,रात 9.15
जानकी महल अयोध्या धाम
आज के व्यस्ततम दिन का समापन होने को है। मैं डायरी के साथ हूं और बाकी लोग भोजन कर रहे हैं।
कल हमें बताया गया था कि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपतराय जी सुबह 8 और 8.30 के बीच मिल सकते है। उन्हे राम शिला भेंट करना थी,इसलिए सुबह 8 बजे यहां से निकलने का इरादा था। लेकिन प्रतिमा ताई,रोचन,वैदेही और नलू आत्या सुबह 6 बजे मन्दिर के पट खुलते ही रामलला का फिर से दर्शन करना चाहते थे। इसलिए ये चारो सुबह पौने छ: बजे दर्शन करने के लिए रवाना हो गईं। उम्मीद थी कि ये लोग आठ बजे के पहले लौट आएंगी। लेकिन मन्दिर के पट 6 बजे नहीं बल्कि सात बजे खुलते है,इसलिए ये सभी साढे आठ बजे दर्शन करके वापस लौटी।
9 मार्च 24 शनिवार (रात 10.45)
जानकी महल नया घाट अयोध्या धाम
अयोध्या की पिछली यात्रा 21 दिसम्बर 23 को रतलाम से शुरु हुई थी और 24 दिसम्बर को हम अयोध्या पंहुच गए थे। 26 दिसम्बर को सुबह करीब नौ बजे अयोध्या से वापसी के लिए निकल गए थे। इस हिसाब से अयोध्या की पिछली यात्रा के ठीक 73 दिन बाद मैं फिर से अयोध्या आ चुका हूं। अयोध्या की ये यात्रा पूरी तरह पारिवारिक है। सौ.आई और दादा को श्री राम लला के दर्शन करवाने के लिए ये यात्रा की जा रही है। इस यात्रा में मेरे अलावा,वैदेही,चिन्तन,प्रतिमा ताई,रोचन,नलू आत्या,नारायण और आरती वहिनी इस तरह हम कुल दस लोग अयोध्या पंहुचे है।
22 दिसम्बर 2023 शुक्रवार (रात 1.00)
पप्पू एण्ड पप्पू रिजार्ट,सोनकच्छ
पिछली यात्रा आदि कैलास वाली 12 सितम्बर 23 को समाप्त हुई थी। फिर विधानसभा चुनाव आ गए। इस यात्रा की कोई योजना नहीं थी। 13 दिसम्बर को मलय,मिजोरम से आने वाला था,उसे लेने इ्नदौर गए। समय था,इसलिए एयरपोर्ट के नजदीक बाबा मौर्य के घर चले गए। बैठे,बातें हुई। तो बाबा ने कहा कि राम मन्दिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक बार अयोध्या चलना चाहिए। मैने फौरन हां कह दिया। रात दो बजे रतलाम लौटे थे। लेकिन अगले ही दिन बाबा का फोन आ गया कि अयोध्या चलना ही है। मैने भी हां कह दिया। फिर राजेश घोटीकर को भी चलने के लिए तैयार किया।
-तुषार कोठारी
-तुषार कोठारी
देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव का शोर है और भाजपा समेत सारे राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे है। इन चुनावों में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का मुद्दा भी सुनाई दे रहा है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति के मुद्दे पर भाजपा को छोडकर तमाम राजनीतिक दल चुप्पी साधे हुए है। विपक्षी दलों की हालत सांपु छछून्दर वाली हो रही है। यहां तक कि भाजपा के नेता विपक्षी दलों को खुली चुनौती भी दे रहे है कि अगर उनमें दम हैं तो वे कहें कि वे अनुच्छेद 370 फिर से ले आएंगे। भाजपा के रणनीतिकार जानते है कि किसी विपक्षी नेता की अब ये ताकत नहीं है कि वे अनुच्छेद 370 को फिर से लाने की बात कह सके। यहां तक कि कश्मीर दोनो प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी भी अब इस मुद्दे पर मौन साध कर बैठ गए हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
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इस वक्त हम निकलने की तैयारी कर रहे हैं। प्रकाश राव अभी अभी उठे है। उनका स्वास्थ्य अब वे ठीक बता रहे हैं। आशुतोष और मेरा स्नान अभी बाकी है। दूसरे कमरे में टोनी काफी देर से जागा हुआ है,दशरथ जी को मैं उठा कर आया हूं। कल दोपहर से हल्की बारिश शुरु हो गई थी। कभी धीमी,कभी तेज। इस वक्त भी बारिश हो रही है। होटल के कमरे के बाहर पूरे पहाड का शानदार नजारा दिखाई देता है। लेकिन बारिश हो रही है,तो बादलों ने पूरे इलाके को ढंक लिया है। बादलों की वजह से कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। होटल का व्यू मौसम साफ होता तो बेहद शानदार होता।
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इस वक्त हम सैराघाट से कुछ- किमी दूर इस हिमालय दर्शन होटल में ठहरे है और भोजन करके सोने की तैयारी में है। आज की सुबह धारचूला में हुई थी। हमारी गाडी नेपाल सीमा के पुल के पास की पेड पार्किंग में खडी थी। करीब पौने नौ बजे टोनी और दशरथ जी तैयार होकर गाडी लेने निकल गए। इधर हम लोग जल्दी जल्दी तैयार हुए ताकि गाडी आते ही तुरंत अपना लगेज गाडी में जमाकर रवाना हो सके। प्रतीक को फोन किया था,वह भी आ गया। कुछ ही देर में दशरथ जी और टोनी गाडी लेकर आ गए। गाडी मेें सारा सामान जमाया। पहले ही तय कर लिया था कि नाश्ता धारचूला से बाहर निकल कर करेंगे।
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इस वक्त हम धारचूला से वापसी की यात्रा के लिए तैयार हो रहे है। लगभग सभी लोग तैयार हो चुके है। टोनी और दशरथ जी गाडी लेने के लिए जा रहे है।,ताकि हम हमारा लगेज गाडी में जमा कर निकल सके। कल का सारा दिन डायरी ही नहीं लिख पाया,इसलिए आज लिख रहा हूं-
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इस वक्त हम आदि कैलास,पार्वती सरोवर,गौरी कुण्ड और शिव मंदिर के दर्शन करके लौट चुके हैं।
आज सुबह 6.00 बजे नींद खुल गई थी। सभी लोग जल्दी उठ गए थे। ये शायद हाई अल्टी का असर है। कल शाम को जब हम बुधी पंहुचे थे,वहीं से हाई अल्टी शुरु हो गई थी। वहीं हम लोगों ने गर्म कपडे निकाल लिए थे। यहां नाबी में तो जबर्दस्त ठण्ड है। तो सुबह सभी लोग जल्दी उठ गए थे,इसलिए जल्दी निकलने का तय किया। करीब साढे सात तक सभी तैयार हो गए। प्रतीक की माताजी ने गर्मागर्म पुडी और लौकी की सब्जी,हरी मिर्ची की चटनी के साथ नाश्ते में खिलाई। फिर चाय पी और करीब 8.10 पर आदि कैलास के निकल पडे।
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इस वक्त मैं पूरी तरह तैयार हो चुका हूं। दशरथ जी भी तैयार है। नवाल सा.स्नान कर रहे हैं। पंवार सा.अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। आज का दिन हमें परमिट का इंतजार करना था,इसलिए सुबह से ही बोरियत हो रही थी। सुबह 6.30 पर नींद खुल गई थी। उठने की इच्छा नहीं थी,सोने का मन नहीं था। इसी अन्तदर््वन्द में मैं जैसे तैसे उठा। बहुत धीरे धीरे नित्यकर्म निपटा रहे थे कि अचानक दशरथ जी ने प्रस्ताव रखा कि जब करने को कुछ है ही नहीं तो नारायण आश्रम हो आते हैं।
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इस वक्त मै धारचूला के इस होटल कैलाश में सोने की तैयारी में हूं।
आज सुबह आईटीबीपी के रेस्ट हाउस से करीब साढे दस बजे निकले। रास्ता सिर्फ 90 किमी यानी चार घण्टे का है। हमारे पास पूरा दिन था। रास्ते में एक जगह रुक कर आराम से फोटोग्राफी भी की। बेहद धीमे चलने के बाद भी दोपहर ढाई बजे धारचूला पंहुच गए। प्रतीक को फोन किया। वह रोड पर इंतजार करता हुआ मिला। प्रतीक से 2016 के बाद 7 साल बाद मुलाकात हुई। वह हमारे साथ हो गया। इस वक्त सभी को भूख लग आई थी। जहां गाडी खडी की थी, वहां नजदीक ही एक होटल था। प्रतीक ने कहा पलहे आप होटल देख लो। पहला होटल देखा,फिर बगल वाला दूसरा देखा। दूसरा पसन्द आ गया। वहां रुकने का तय कर रहे थे। इसी बीच आशुतोष के पास एक बन्दे का फोन आया कि आपको गाडी चाहिए। आईजी सा. के मेहमान हो,तो गाडी के लिए मुझे बोला गया है। वो बन्दा राहूल था। जिसे प्रतीक भी जानता था।
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मेरी नींद सुबह 6.30 पर खुल गई थी। थोडी देर बाद आशुतोष भी उठ गया। बाकी के तीनो मित्र दूसरे कमरे में है और देरी से उठे है। हमने रात को तय किया था कि सुबह नौ बजे तैयार होकर निकलेंगे। आज दोपहर तक नैनीताल घूम घाम कर निकल जाएंगे और पिथौरागढ जाकर रुकेंगे। गुंजियाल सा ने पिथौरागढ रुकने का सुझाव दिया है। कल यानी सोमवार को धारचूला पंहुच जाएंगे। अब स्नान की तैयारी है। आज विडीयो बनाने की भी योजना है। अब तक कुछ विडीयोज बनाए है,लेकिन चैनल पर अपलोड करने जैसे विडीयो नहीं है।आज नैनीताल का एक विडीयो बनाकर चैनल पर अपलोड करने की इच्छा है।
(01 सितम्बर 23 से 12 सितम्बर 23 तक)
1 सितम्बर 2023 शुक्रवार (रात 11.55) फिरोजपुर झिरका (हरियाणा)
पिछली यात्रा यानी लेह लद्दाख कश्मीर और हिमाचल की यात्रा 3 जुलाई को सुबह रतलाम पंहुच कर समाप्त हुई थी। सारे मित्रों का दबाव था कि 15 अगस्त को अगली यात्रा प्रारंभ करना है,लेकिन एडीजी गुंजियाल सा.ने लेह में कहा था कि यात्रा सितम्बर में प्रारंभ करना। दशरथ जी और प्रकाश जी पंवार को बडी मशक्कत से समझाया कि 1 से 15 सितम्बर तक डायरी में नो डेट लिख लें। मेहनत मशक्कत के बाद यह तय हो गया कि 31 अगस्त को रतलाम से निकलेंगे। तो इस हिसाब से पिछली यात्रा के मात्र 58 दिन बाद अगली यात्रा तय थी। स्थान भी तय कर लिया था कि आदि कैलास जाएंगे। यात्री पांच थे। मैं दशरथ जी प्रकाश राव संतोष जी और आशुतोष नवाल जी।
(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करें ) 21 जुलाई 2024 रविवार (रात 11.45) प्रिन्स गेस्ट हाउस सवाई माधोपुर (राज.) इस वक्त हम उसी होटल में ...