Tuesday, December 15, 2020
Thursday, December 10, 2020
संशोधनों के लिखित प्रस्तावों के बाद भी,कृषि कानूनों का विरोध-भ्रम में कौन है आन्दोलनकारी किसान या केन्द्र सरकार...?
-तुषार कोठारी
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों में संशोधन के लिखित प्रस्ताव दिए जाने और आन्दोलनकारी पंजाब के किसानों द्वारा इन प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिए जाने से अब यह निर्विवाद रुप से स्पष्ट हो गया है कि राजधानी की सीमाओं पर कब्जा जमाए बैठे प्रदर्शनकारियों को किसानों के हित की कोई चिंता नहीं है,बल्कि उनका एकसूत्रीय एजेण्डा किसी ना किसी तरह हालात को बिगाड कर रखना और केन्द्र सरकार को बदनाम करना ही है।
Monday, September 21, 2020
पचमढी यात्रा-4 (समापन)
अनुभवी ट्रेकर से मुलाकात
3 अगस्त 2020 सोमवार,(रक्षाबन्धन)
इ खबरटुडे आफिस (शाम 6.00 बजे)
यात्रा तो 31 जुलाई को ही रतलाम पंहुचकर समाप्त हो गई थी। लेकिन डायरी मलय के बैग में चली गई थी,इसलिए कहानी पूरी नहीं हो पाई। अब डायरी हाथ में आई है,तो कहानी पूरी कर रहा हूं।
तो,हम 31 जुलाई को पचमढी से रतलाम के लिए निकलने की तैयारी में थे। हमने नौ बजे निकलने का तय किया था,लेकिन हम नौ की बजाय दस बजे होटल से निकले और गाडी में सवार हुए। नाश्ता करना था। दशरथ जी ने कहा कि यहीं करते हैं,मैने कहा कि आगे जाकर करते हैं। पचमढी से पिपरिया तक का रास्ता तो टाइगर रिजर्व के भीतर ही है,इसलिए रास्ते में कोई ढाबा नहीं था।
पचमढी यात्रा-3
बी फाल नहीं डचेस फाल जाएंगे........
30 जुलाई 2020 गुरुवार (सुबह 8.15)
होटल खालसा लेक व्यू
पचमढी के प्रसिध्द बी फाल,अप्सरा विहार और पाण्डव गुफा पर हम अब तक नहीं गए हैं। बी फाल और अप्सरा विहार जाने के लिए जिप्सी करना होगी और वन विभाग का परमिट भी लेना पडेगा। होटल वाले ने बीती रात एक जिप्सी वाले को भेज दिया था। साढे इक्कीस सौ रु. मे वह हमें दिनभर घुमाएगा। इसमे से ग्यारह सौ रु. वनविभाग के परमित के लगेंगे और एक हजार पचास रु.जिप्सी का किराया। सीजन में जिप्सी वाले दो से चार हजार रु.तक वसूल लेते है। लेकिन अभी कोरोना के चलते यहाम पर्यटक नदारद है,इसलिए सबकुछ सत्ता है। जिप्सी वाला सुबह साढे नौ पर आएगा। तब तक हमें तैयार होना है। सारे लोग तैयार होने की तैयारी में है।
पचमढी यात्रा-2
गाडी की छत पर बन्दरों का कब्जा
29 जुलाई 2020 बुधवार (शाम 7.20)
होटल खालसा लेक व्यू
पचमढी के प्रमुख स्थानों को पैरों से नाप कर और करीब 18 किमी की ट्रोकिंग करके हम इसी वक्त होटल में लौटे हैं। हम बुरी तरह थक चुके हैं।
हमारी आज की यात्रा चौरागढ के ट्रैक से शुरु हुई थी। करीब साढे ग्यारह बजे हमने पंजाबी ढाबे में आलू और पनीर पराठे का भोजन जैसा नाश्ता किया। नाश्ते के बाद हम चौरागढ के लिए निकल पडे। चौरागढ का रास्ता महादेर गुफा से ही आगे है। महादेव गुफा यहां से करीब नौ किमी दूर है। बीच में एक पहाड पार करना पडता है। इस पहाड का रास्ता एक सौ अस्सी डिग्री के मोड वाला सर्पिला रास्ता है।
यात्रा वृत्तान्त-36 पचमढी
यहीं नहाई थी लिरिल वाली लडकी.....
(27 जुलाई 2020 से 31 जुलाई 2020)
27 जुलाई 2020 सोमवार (रात 9.20)
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस,होशंगाबाद
पिछली यात्रा 29 दिसम्बर 2019 को शुरु हुई थी और 4 जनवरी 2020 को समाप्त हुई थी। वह जैसलमेर की यात्रा थी। 4 जनवरी 2020 के बाद आज लगभग 7 महीनों के बाद हम यात्रा पर निकल पाए हैं।
इस समय मैं होशंगाबाद के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हूं,और मेरे साथ वकील साथी दशरथ पाटीदार,प्रकाश राव पंवार,सैलाना से अनिल मेहता और भांजा मलय सोनटक्के भी हैं।
हमारी यह यात्रा आज दोपहर साढे ग्यारह बजे रतलाम से शुरु हुई थी और हमारी योजना पचमढी जाकर वहां कुछ दिन गुजारने की है।
Friday, September 18, 2020
भारत-चीन विवाद: भारत के लिए समस्याएं सुलझाने का स्वर्णिम अवसर,अब जरुरी है सैन्य विकल्प
-तुषार कोठारी
आमतौर पर कोई भी समझदार या बुध्दिजीवी कभी भी युध्द की हिमायत नहीं करता। लेकिन यह ऐतिहासिक और वैश्विक सच्चाई है कि दुनिया का इतिहास युध्दों का ही इतिहास है। विश्व की अधिकांश समस्याओं का निराकरण भी युध्दों के माध्यम से ही हुआ है। शांति के पक्ष मे आप चाहे जितनी दलीलें दे लें लेकिन कठोर वास्तविकता तो यही है कि समस्याओं का निराकरण बातचीत की बजाय युध्दों से ही हुआ है। कहने सुनने में युध्द का विरोध और शांति की हिमायत अच्छा लगता है,लेकिन वास्तविकता को नकारा नहीं जा सकता इसलिए आज दुनिया का हर देश मजबूत से मजबूत सेना और साजो सामान रखने का पक्षधर है।
Thursday, June 25, 2020
चीन से सीमा विवाद और मोदी के अंध विरोधियों का विधवा विलाप
Monday, June 8, 2020
गांधीसागर बर्ड्स सर्वे-3
चट्टानों पर आराम फरमाता घडियाल
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें2 फरवरी 2020
सुबह करीब छ: बजे उठे और सात बजे तक गांधीसागर में 8 न. पर स्थित एफआरओ के निवास परिसर में पंहुच गए। राजेश यहीं रुका हुआ था। बोटिंग के लिए यहीं से जाना था। वन विभाग ने करीब पन्द्रह लोगों को बोटिंग कराने की व्यवस्था की थी,ताकि जलीय पक्षियों को भी गिना जा सके। मछली पकडने वाली एक मोटर बोट में सारे बर्ड वाचर्स सवार हुए। यह बोट बांध के नजदीक से चली तो चौरासी गढ तक पंहुची।
गांधीसागर बर्ड्स सर्वे-2
तालाब पर परिन्दों की फोटोग्राफी
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें1 फरवरी दोपहर 3.45
बेसला कैम्प,गांधीसागर
इस वक्त हम बेसला के वन चौकी परिक्षेत्र सहायक के घर पर रुके हुए हैं और शाम की बर्ड्स वाचिंग के लिए जाने को तैयार है। हमारे दो साथी आशुतोष पण्डित जी स्नान कर चुके है और प्रत्यूष स्नान करने गया हुआ है। दोनो ही उज्जैन के हैं और फोटोग्राफर है। आशुतोष जी बर्डिंग करते हैं और उन्हे इस विषय का अच्छा ज्ञान है।
आज की सुबह मैं साढे छ: पर उठ गया था। जहां हम रुके हैं वहां टायलेट बना हुआ है,लेकिन दरवाजे ठीक से नहीं लगते। हमें कोई फर्क नहीं पडता।
गांधीसागर बर्ड्स सर्वे-1
गांधीसागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में परिन्दों के साथ गुजारे वो दो दिन
(31 जनवरी 2020 से 2 फरवरी 2020) गांधीसागर अभ्यारण्य
01 फरवरी 2020 शनिवार (रात 11.30)
बेसला कैम्प(रामपुरा के समीप)
इस वक्त हम,मैं और अनिल गांधीसागर बांध से 25 किमी पहले रामपुरा से 13 किमी आगे,बैसला गांव में वन विभाग के डिप्टी रेंजर के सरकारी निवास पर रुके हुए हैं। इस वक्त हम अनिल की नई गाडी के भीतर बैठे है। मैं अगली सीट पर बैठ कर डायरी लिख रहा हूं,अनिल पिछली सीट पर बैठ कर बातें कर रहा हैं। बातचीत करने के बाद अब मैं डायरी लिख रहा हूं।
हमारी यह यात्रा करीब दो महीने पहले तय हो गई थी,जब राजेश घोटीकर ने गांधीसागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में बर्ड्स सर्वे होने की जानकारी दी थी। मैने तो हाथोहाथ रजिस्ट्रेशन करवा लिया था।
Friday, May 1, 2020
जैसलमेर डेजर्ट सफारी-4
झीलों के शहर में गुजरा एक दिन
3 जनवरी 2020
आज की सुबह जल्दी हुई। ठण्ड कम थी,इसलिए मैं साढे सात पर उठ गया। नाश्ते में पोहे बने थे। हिमांशु ने प्रस्ताव रखा कि बिना स्नान के जल्दी निकलते है,ताकि जल्दी उदयपुर पंहुच जाएं। लेकिन यह प्रस्ताव दमदार नहीं था। स्नान नहीं करते तो आधा घण्टा बचता,लेकिन स्नान कर लेते तो अच्छा फील होता। तैयार होते होते सवा दस बज गए। लेकिन इससे हिमांशु नाराज हो गया।
जैसलमेर डेजर्ट सफारी-3
कुलधारा के उजड़े गांव,किले और बॉर्डर की रक्षा करती तनोट माता
2 जनवरी 2020 बुधवार (सुबह 10.15)
व्हायएचएआई कैम्प जैसलमेर
इस वक्त सुबह के सारे काम निपटा कर अब स्नान की तैयारी है। कडाही में पानी गर्म हो रहा है। पानी गर्म हो जाएगा तभी स्नान हो पाएगा। कैम्प के वाहन से घूमने जाने वाले निकल चुके हैं। हमें अपनी गाडी से जाना है,इसलिए हम देर से भी जाए तो भी चलेगा। पकौडे चाय का नाश्ता हो चुका है। आलू की सब्जी और पूडी का लंच पैक किया जा चुका है।
जैसलमेर डेजर्ट सफारी-2
स्वर्ण नगरी का जैसल दुर्ग और पाकिस्तान की करारी हार का म्यूज़ियम
31 दिसंबर 2019 (दोपहर 3.00)
व्हाचएचएआई कैम्प जैसलमेर
इस वक्त हम भोजन करके अपने टेण्ट में बैठे है। टेण्ट में बहुत सारी रेत घुस आई थी। अभी टेण्ट की सफाई की है। सुबह जबर्दस्त ठण्ड थी। हड्डियां जमा देने वाली। इसलिए जागरण से लेकर सारे काम बेहद धीमे हुए। काफी हिम्मत के बाद करीब साढे दस बजे स्नान किया। हम लोग करीब सवा ग्यारह बजे तैयार होकर कैम्प से निकल पाए।
यात्रा वृत्तान्त-34/ जैसलमेर डेजर्ट सफारी-1
कड़ाके की सर्दी में रेगिस्तान का सफर
(29 दिसंबर 2019 से 4 जनवरी 2020)29 दिसंबर 2019 (रात 10.17)
---- होटल जोधपुर
पिछली गोवा यात्रा के ठीक 42 दिन बाद मै सपत्नीक जैसलमेर की यात्रा पर निकल चुका हूं।
जैसलमेर की यह यात्रा अचानक ही बन गई। मेरी कोई खास इच्छा नहीं थी,लेकिन यूथ होस्टल के फैमिली केम्पिंग में 22 दिसंबर को भी न्यू इयर केम्प की बुकींग मिल गई। हिमांशु भी सपरिवार आने का इच्छुक था। अचानक ही बुकींग कन्फर्म हो गई। अब यह तय हो गया था हिमांशु और मैं सपरिवार जैसलमेर यात्रा पर जाएंगे। मै यानी हम तो सिर्फ दो थे,मैं और वैदेही।
Wednesday, February 19, 2020
गोवा यात्रा-5
गोवा की बीच पार्टी और ट्रैन का सफर
15 नवंबर 2019 शुक्रवार सुबह 8.15ओयो रुम्स पोरवोरिम
बीती रात हम दो बजे के करीब कमरे पर पंहुचे थे। रात को नौ बजे यहां से निकले,तो पणजी में माण्डोवी नदी के
बीच तैरते जहाजों पर बने कैसिनो में जाने के लिए निकले थे। यहां कैसिनो प्राइड सबसे बडी कंपनी है। इसके करीब तीन कैसिनो है। एक कैसिनो मैजेस्टिक है,जिस पर हम कल गए थे। यह ग्राउण्ड कैसिनो है। आज कैसिनो प्राइड 2 पर जा रहे थे। यहां का प्रेसिडेन्ट श्रीनिवासन विजू का मित्र है। यहां हमें कोई एन्ट्री फीस नहीं देना पडी और पूरा वीआईपी ट्रीटमेन्ट दिया गया।
गोवा यात्रा-4
गोवा के खँडहर हो चुके किले,दूधसागर और जुआरियो की पसंद केसिनो
14 नवंबर 2019 (शाम 7.30)ओयो रुम्स,पोरवोरिम पणजी गोवा
डायरी से जुडे हुए दो दिन गुजर चुके हैं। इस वक्त पूरा दिन घूम घाम कर अभी रुम में लौटे है। अब फिर से कैसिनो जाना है। थोडा सा समय है। इसलिए डायरी खोल ली है।
12 नवंबर को कोठारी सम्मेलन का समापन था। सुबह के सत्र में कोठारी परिवार के कुछ विशीष्ट जनों ने अपने व्याख्यान दिए। प्रसन्न जी मजूमदार(नागपुर) ने ज्योतिष पर उपयोगी जानकारी दी। 2022 में फिर से कोठारी सम्मेलन आयोजित करने और नई पीढी को सक्रिय करने का निश्चय हुआ।
गोवा यात्रा-3
शांतदुर्गा मंदिर के असवैधानिक नियम
11 नवंबर 2019 सोमवार (रात 11.00)श्री शांतादुर्गा मंदिर गोवा
आज का पूरा दिन कई सारे सत्रों में गुजर गया। सुबह की शुरुआत साढे पर हुई। नाश्ते के तुरंत बाद सभाकक्ष में पहला सत्र हुआ। पहले सत्र में श्री शांतादुर्गा संस्थान के कोई पदाधिकारी आए थे,जिन्होने कोठारी सम्मेलन को अपनी तरह का अनूठा आयोजन बताया। दूसरा सत्र सवा ग्यारह बजे शुरु हुआ। इस सत्र में इस क्षेत्र के प्रख्यात जानकार चन्द्रकान्त धूमे ने श्री शांतादुर्गा मंदिर के इतिहास और नियमों पर प्रेजेन्टेशन दिया। श्री धूमे ने बताया कि किस तरह यहां शांतादुर्गा की प्रतिमा लाई गई और किस तरह मंदिर का निर्माण हुआ। यह सारा इतिहास प्रसन्न जी मजूमदार (मंगेश प्रकाशन) ने प्रकाशित कर संस्थान को भेंट किया है। यह पुस्तक मैने भी खरीदी।
गोवा यात्रा-2
कोठारी सम्मलेन और कोठारियो के इतिहास से परिचय
10 नवंबर 2019 रविवार(सुबह 9.00)श्री शांतादुर्गा मन्दिर कवळे
इस वक्त इडली वडा सांभर का शानदार भरपेट नाश्ता हो चुका है और अब अरावली जाने की तैयारी है। सुबह छ: बजे उठा था। मन्दिर के बाहर रोड पर अखबार ढूंढने गया। लेकिन मिला नहीं। आकाशवाणी पर समाचार सुनता रहा। आठ बजे तक स्नान से निपट कर वैदेही और मैं देवी दर्शन करने गए। आकर नाश्ता निपटाया। अब जाने की तैयारी। उधर,टोनी का फोन आ चुका है कि वह रतलाम से गोवा के लिए निकल चुका है। वह कल पंहुचेगा। सुबह जब बाहर निकला था उस समय मन्दिर से थोडा आगे दत्तात्रेय भगवान का मन्दिर भी देख आया था। बहुत अच्छा मन्दिर था।
यात्रा वृत्तान्त-33 गोवा यात्रा-1
(8 नवंबर 2019 से 17 नवंबर 2019)
ट्रेन के डिब्बे में राम मंदिर का ऐतिहासिक फैसला
9 नवंबर 2019 शनिवार (शाम 6.00)श्री शांतादुर्गा मन्दिर कवळे फोन्डा (गोवा)
देश के लिए ऐतिहासिक दिन। सैंकडों सालों तक चले संघर्ष के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि के मामले में मन्दिर बनाने का आदेश प्रदान कर दिया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट आज ही फैसला सुना देगा। मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि इस फैसले के वक्त में ट्रैन में यात्रा कर रहा था।
अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती
(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे ) 12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45) साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43 अयोध्या की यात्रा अब समाप्...
-
-तुषार कोठारी आरक्षण को लेकर मची बवाल पहली बार नहीं है। बिहार चुनाव के पहले भी लालू से लेकर मायावती तक तमाम नेता आरक्षण को खत्म करने की क...
-
- तुषार कोठारी इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा मस्जिदों में सुबह की अजान के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग से हो...
-
-तुषार कोठारी दिल्ली में हुए निर्भया काण्ड के बाद पूरे देश में हुए प्रदर्शनों और मीडीया के लगातार हंगामे के बाद जहां सरकार ने बलात्कार सम्...