Sunday, January 22, 2017

दलितों और वंचितों का ही हक छीन रहा है आरक्षण

-तुषार कोठारी

आरक्षण को लेकर मची बवाल पहली बार नहीं है। बिहार चुनाव के पहले भी लालू से लेकर मायावती तक तमाम नेता आरक्षण को खत्म करने की कथित कोशिशों को लेकर रौर्द्र रुप दिखा चुके है। वे अपने बयानों से पूरी तरह ये साबित करना चाहते है कि दलित,शोषित और पिछडे वर्गों के सच्चे रहनुमा सिर्फ वे ही है।
 लेकिन बात इतनी सीधी नहीं है। आरक्षण को बनाए रखने के लिए चीख पुकार मचाने वाले इन नेताओं की हैसियत देखिए। कोई दो बार मुख्यमंत्री रह चुका है। कोई मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री जैसे उच्च पदों को सुशोभित कर चुका है। ये सभी वे लोग है जो समाज के सर्वाधिक शक्तिशाली और रसूखदार तबके में शामिल है।

Tuesday, January 17, 2017

Kailash Mansarovar Yatra -4 कैलाश मानसरोवर यात्रा- 4 (26 अगस्त-30 अगस्त )

27 अगस्त 2016 शनिवार

होटल पुलान तकलाकोट (तिब्बत)
रात 8.10 (आईएसटी) / रात 10.40 (चाईना टाइम)


कल रात से लेकर आज रात,अभी तक का समय बेहद सनसनीखेज गुजरा। बीती रात आठ बजे सौ गए थे,क्यङ्क्षकि रात दो बजे लिपूलेख पास के लिए निकलना था। इससे पहले तक मौसम ने कहीं दगाबाजी नहीं की थी,लेकिन रात पौने आठ बजे से हलकी बूंदाबांदी शुरु हो गई थी,जिसने दस बजते बजते बूंदाबांदी का स्वरुप ले लिया था। रात पौने एक पर जब मैं उठा तो बारिश हो रही थी। कडाके की ठण्ड में बरसते पानी में बाहर निकलना कठिन था,लेकिन नित्यकर्म के लिए बाहर निकला। वैसे दो बार की आदत है,मौसम की प्रतिकूलता के कारण मैने एक बार में ही मामला खत्म कर दिया और यहीं गलती की।

Monday, January 16, 2017

कौन हो सकता है इस राष्ट्र का पिता...?

  • तुषार कोठारी

इस देश में युगों युगों से पूजित मर्यादा पुरुषोत्तम राम की लंका विजय के बाद लक्ष्मण जी ने उनसे कहा कि अयोध्या जाने की बजाय सोने की लंका में ही रहने में क्या बुराई है? तब भगवान राम ने वह जवाब दिया था,जो आज तक देश के प्रत्येक व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक है। भगवान श्री राम ने लक्ष्मण से कहा था कि लक्ष्मण ये लंका चाहे सोने की हो,लेकिन जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होती है। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।

Wednesday, January 11, 2017

Kailash Mansarovar Yatra -3 कैलाश मानसरोवर यात्रा- 3 (23 अगस्त-26 अगस्त 2016)

23 अगस्त 2016 मंगलवार

केएमवीएम बुधी / रात 9.15


आज के दिन का समापन बेहद शानदार रहा। हमारे ग्रुप के एलओ संजय गुंजियाल जी ने आज हमें बडा सम्मान दिया। उन्होने अगले वर्ष बद्रीनाथ के उपर स्वर्ग आरोहिणी की ट्रैकिंग के लिए आमंत्रित भी किया। यह बडा आनन्ददायी समापन था।
सुबह की शुरुआत 3.20 पर जागरण से हुई थी। बताया गया था कि हमें 21 किमी पैदल चलना है। लेकिन यह ट्रैक वास्तव में 18 किमी का था। यह भी बताया गया था कि 4444 सीढियां उतरना है।

Tuesday, December 27, 2016

Kailash Mansarovar Yatra-2 कैलाश मानसरोवर यात्रा-2 (19 अगस्त-22 अगस्त)

19 अगस्त 2016 शुक्रवार

केएमवीएन टीआरएच अलमोडा/ रात 8.25


आज का पूरा दिन बसों में हिचकोले खाते हुए और स्वागत कराते हुए गुजरा है। हमारे दल के सभी यात्री ठीक समय पर बस में सवार होने के लिए अपनी डोरमैट्री से नीचे आ चुके थे। गुजराती समाज के मुख्यद्वार पर तीर्थयात्रा विकास समिति दिल्ली सरकार और कैलाश मानसरोवर यात्रा समिति के सदस्यों द्वारा यात्रियों के स्वागत का कार्यक्रम रखा गया था। पहले एक पण्डित ने पूजा अर्चना की और तब वहां मौजूद सदस्यों ने एक एक यात्री को तिलक लगाकर केसरिया दुपट्टे औढाए। इस मौके पर यात्रियों को कुछ धार्मिक पुस्तकें व अन्य उपहार भी दिए गए। यहां पर तीर्थयात्रा विकास समिति के चेयरमेन कमल बंसल व उनके साथ दिखाई देने वाली दो महिलाएं भी थी। आज ये सभी हंसते मुस्कुराते हुए यात्रियों को बिदा कर रहे थे।

Friday, December 23, 2016

Kailash Mansarovar Yatra -1 कैलाश मानसरोवर यात्रा-1

यात्रा वृत्तान्त - 23

कैलाश मानसरोवर यात्रा

सनातन से सीधे संवाद का स्थान


बचपन से लगे यात्राओं के शौक और पिछले करीब डेढ दशक में देश के लगभग सभी कोनो में भ्रमण के दौरान हर बार यह इच्छा सताती थी कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करना है। लेकिन जब भी इस यात्रा का मन होता,यात्रा का खर्चीला होना इस इच्छाओं को वहीं रोक देता था। पिछले कुछ समय से पैरों में हलकी दिक्कतें भी शुरु हो गई। तब और लगने लगा कि अब कैलाश मानसरोवर जाने के लिए अधिक समय नहीं बचा है। लेकिन जैसा कि मेरे साथ होता आया है,मैने जो भी इच्छा की,प्रभु ने उसे पूरा किया।

Monday, December 12, 2016

दुनियाभर में भारतीय संस्कृति का डंका बजा रहे भारत के अंग्रेजी लेखक

तुषार कोठारी

देसी लोगों की मान्यता अब तक यही हुआ करती थी कि  अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखक पाश्चात्य संस्कृति को बढावा देते है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। भारत के अंग्रेजी लेखकों की लिखी पुस्तकें दुनिया भर में भारतीय संस्कृति,धर्म और इतिहास का डंका बजा रही है। भारत के पौराणिक और धार्मिक चरित्रों की जानकारी अब पूरी दुनिया के लोगों को,अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखकों की वजह से मिल रही है। यही नहीं  भारतीय लेखकों द्वारा पौराणिक और धार्मिक कथाओं को नए सन्दर्भों में प्रस्तुत किए जाने की यह विशीष्ट शैली दुनियाभर में इतनी पसन्द की जा रही है कि ये भारतीय लेखक आज दुनिया के बेस्टसेलर बने हुए है। इन अंग्रेजी उपन्यासों की बदौलत भारत का गौरवमयी अतीत पूरी दुनिया की जानकारी में भी आ रहा है।

Sunday, November 20, 2016

कालेधन के खिलाफ मुहिम को रोकने के लिए खोखले तर्क,झूठे तथ्य और थोथी भाषणबाजी का सहारा

- तुषार कोठारी

 देश की जनता यह बात बहुत अच्छे से समझती है कि कालेधन का कैंसर देश के शरीर के प्रत्येक अंग तक फैल चुका है। कालेधन का यह कैंसर एडवान्स स्टेज पर पंहुच चुका था और इसे दूर करने के लिए बडी सर्जरी जरुरी थी। कैंसर जैसी बडी बीमारी का जब भी आपरेशन किया जाता है,शरीर को कुछ कष्ट तो झेलना ही
कालेधन को समाप्त करने के लिए मोदी जी द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक से तिलमिलाएं नेता,राजनीतिक दल और काला धन के धनकुबेर इस मुहिम को रोकने के लिए तरह तरह के हथकण्डे अपनाने में जुट गए हैं।

Monday, September 26, 2016

सनातन से सीधे संवाद का स्थान है कैलाश मानसरोवर

(कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौटकर तुषार कोठारी)

देश भर में फैले द्वादश ज्योतिर्लिंगों को देवाधिदेव महादेव का साक्षात स्वरुप माना जाता है,लेकिन महादेव का  वास्तविक निवास तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत है। आसपास फैले हजारों पर्वतों में से कैलाश,तारों से भरे आसमान में पूर्णमासी के चन्द्रमा की तरह अलग ही चमकता हुआ नजर आता है। इस अनूठे पर्वत का रहस्यमयी आकर्षण जहां प्रत्येक देखने वाले को शिव की साक्षात उपस्थिति का आभास कराता है,वहीं मानसरोवर के तट पर पंहुचने के बाद व्यक्ति को सनातन से सीधे संवाद की अनुभूति होती है। कैलाश और मानसरोवर पर पंहुचने के बाद वहां होने वाली अलौकिक अनुभूतियों का सटीक वर्णन शब्दों से कर पाना सामान्य मानव के लिए असंभव है। इन अनुभूतियों को वहां पंहुचकर ही जाना जा सकता है।

Friday, August 5, 2016

Originally India is a Big supporter of terrorism भारत ही है आतंकवाद का असली पोषक

(आतंकवाद से निपटने में भारत का दोहरा रवैया है समस्या की जड)

– तुषार कोठारी
शीर्षक पढ कर चौंकिए मत। तथ्यों का निरपेक्ष भाव से आकलन करेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि आतंकवाद को समाप्त करने के मामले में भारत की आतंकवाद की निन्दा करने के मामले में भारत निश्चित तौर पर विश्व में नम्बर एक है,लेकिन आतंकवाद को कुचलने के मामले में भारत सबसे पीछे है। इसके बावजूद भारत की सरकारें,राजनैतिक दल और यहां तक कि भारतीय मीडीया भी थोथी बयानबाजी पर खुशियां जाहिर कर आत्ममुग्धता में रहता आया है। वर्तमान घटनाक्रम भी यही दर्शाता है।

Thursday, July 28, 2016

महत्वहीन घटना को राष्ट्रीय समस्या का दर्जा देने की कोशिश

(सन्दर्भ- मन्दसौर में महिलाओं की कथित पिटाई)

-तुषार कोठारी 
मध्यप्रदेश के मन्दसौर रेलवे स्टेशन पर हुआ महिलाओं का आपसी विवाद,देश की प्रमुख समस्या का रुप ले चुका है। दो महिलाओं की,महिलाओं द्वारा कथित पिटाई के विडीयो पूरे दिन भर कुछ टीवी चैनलों पर गौरक्षकों की गुण्डागिर्दी के नाम से चलाए जाते रहे। हद तो तब हो गई,जब राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर हंगामा भी कर दिया गया। देश के कई सारे सैक्यूलर पत्रकार,ट्विटर पर भी इस मुद्दे को लेकर भडास निकालते रहे। देश के तमाम सैक्यूलरवादियों को बैठे बिठाए महिलाओं का पिटाई का मुद्दा मिल गया। उन्होने भी बिना तथ्यों पर ध्यान दिए इस पूर्णत: महत्वहीन मामले को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।

Friday, July 15, 2016

पानी बरसती गुफा में विराजित है द्वादश ज्योतिर्लिंग

प्रकृति ने स्वयं बनाया है महादेव का यह मन्दिर
(कमलेश्वर महादेव की गुफाओं से लौटकर तुषार कोठारी)
रतलाम,15 जुलाई (इ खबरटुडे)। भारत चमत्कारों का देश है। ये चमत्कार अक्सर दिखाई देते है। कहीं मन्दिर में हजारों चूहे है,तो कहीं सीमा पर माता के चमत्कार के कारण पाकिस्तान के बम ही नहीं फूट पाए।  चमत्कारों की कडी में नया नाम है कमलेश्वर महादेव का,जहां पहाडों के नीचे छुपी अंधेरी पानी बरसती गुफाओं में द्वादश ज्योतिर्लिंग विराजित है। प्रकृति द्वारा बनाए गए इस मन्दिर में शिवलिंग के निरन्तर अभिषेक की व्यवस्था भी स्वयं प्रकृति ने ही की है।

Sunday, July 10, 2016

despite Modi Government kashmir returns in 90's decade मोदी सरकार के बावजूद नब्बे के दशक में लौटता कश्मीर

-तुषार कोठारी

कहीं पुराने रास्ते पर तो नहीं लौट रहा है कश्मीर। कश्मीर से आ रही खबरें बेहद डरावनी है। अमरनाथ यात्रा रुकी
हुई है। एक आतंकी के जनाजे में हजारों की भीड उमड रही है और अमरनाथ यात्रियों के साथ मारपीट कर पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगवाए जा रहे हैं। यह सब कुछ तब,जबकि जम्मू काश्मीर की सत्ता में स्वयंभू तौर पर सर्वाधिक राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा साझेदार है। डर का सबसे बडा कारण भी यही है कि केन्द्र में पूर्ण बहुमत के साथ आसीन भाजपा के जम्मू काश्मीर की सत्ता में साझेदार होने के बाद अगर कश्मीर में अमरनाथ यात्री असुरक्षित है तो क्या स्थिति 1990 जैसी ही नहीं हो गई है।

Thursday, May 26, 2016

Jawaharlal Nehru- Hero of Country or ............? जवाहरलाल नेहरु-देश के नायक या......?

-तुषार कोठारी
देश आज जिन समस्याओं से जूझ रहा है,उनमें से अधिकांश भारत की आजादी के समय की है। कश्मीर पर भारत अरबों खरबों रुपए फूंक चुका है,फिर भी आतंकवादी हमलों का खतरा बरकरार है। पडोसी देश चीन का खतरा बरकरार है। चीन के मुकाबले हम बेहद कमजोर है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में हमारा कोई जोर
नहीं है। भारत की 62 हजार वर्गमील जमीन पर चीन का अवैध कब्जा है। हमारा पडोसी नन्हा देश तिब्बत चीन के अत्याचार झेलने को बाध्य है। हर साल कई तिब्बती अपनी स्वाधीनता के लिए बलिदान दे रहे हैं। इन सारी समस्याओं की शुरुआत भारत की आजादी के तुरंत बाद हुई थी। उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु थे।

Wednesday, May 25, 2016

यात्रा वृत्तान्त - 22 सांप,मेंढक और कुत्तों के मांस का बाजार,महिलाएं करती हैं व्यापार

(नागालैण्ड और मणिपुर यात्रा 6 जनवरी से 20 जनवरी 2016)

उत्तर पूर्वी राज्यों की यात्रा का यह तीसरा मौका था। इस बार की यात्रा में हमने अरुणाचल के दूरस्थ क्षेत्रों,अनीनी की दिशा में जाने की योजना बनाई थी। साथ ही रहस्यमय माने जाने वाले नागालैण्ड व मणिपुर को भी इस यात्रा में जोडा था। पिछली अरुणाचल तवांग यात्रा के अनुभवों से सबक लेते हुए इस बार हम पर्याप्त समय लेकर चले थे,ताकि गडबड ना हो। हम २१ जनवरी की सुबह लौटे। इस यात्रा में हम केवल तीन व्यक्ति शामिल थे। मेरे साथ दशरथ पाटीदार व हिमांशु जोशी इस यात्रा में शामिल थे।

Thursday, March 10, 2016

Char Dham Tour यात्रा वृत्तान्त - 21 चार धाम की तीर्थयात्रा

उत्तराखण्ड के चार धाम यानी बद्रीनाथ,केदार नाथ,गंगौत्री और यमुनोत्री। इन्हे छोटे धाम भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म के प्रमुख चार धामों में बद्रीनाथ धाम भी एक है। माना यह जाता है कि बद्रीनाथ का धाम पूरा करने के लिए इन चारों स्थानों पर जाना जरुरी है। वैसे चार धामों में उत्तर में बद्रीनाथ,दक्षिण में रामेश्वरम,पूर्व में उडीसा में जगन्नाथ पुरी और पश्चिम में गुजरात में सोमनाथ शामिल है। उत्तराखण्ड के चार धामों की पारिवारिक तीर्थ यात्रा सितम्बर 2015 में पूरी की। इस तीर्थयात्रा में हम पांच मित्र मै,दशरथ जी पाटीदार,आशुतोष नवाल जी,संतोष त्रिपाठी जी और नरेन्द्र शर्मा जी सपत्नीक शामिल थे।

Monday, March 7, 2016

कहीं इतिहास की वस्तु बनकर न रह जाएं कांग्रेस और कम्यूनिस्ट

(सन्दर्भ-जेएनयू प्रकरण)
-तुषार कोठारी
आत्महत्या जैसा कायरताभरा कृत्य करके अपना जीवन समाप्त करने वाले किसी व्यक्ति को अपना आदर्श मानने वाले लोग कैसे हो सकते है? यह देखने के लिए आपको देश की राजधानी नई दिल्ली में बसे जवाहर लाल नेहरु  यूनिवर्सिटी के केम्पस में जाना होगा।   कहते हैं कि गीदडों का नेता शेर नहीं हो सकता,कोई गीदड ही गीदडों को नेतृत्व दे सकता है। दुनियाभर में अपना अस्तित्व गंवा चुके वामपंथ के बचे खुचे परजीवियों ने जब जेएनयू को अपना गढ बनाया,तो यहां के छात्रसंघ चुनावों का नेतृत्व भी उसी प्रकार का बना,जो साहसिक कृत्य करने में सक्षम ही नहीं है। देश की जनता साहसी नेतृत्व चाहती है,कायर नेतृत्व नहीं।

Saturday, February 27, 2016

Country of rising sun Arunachal यात्रा वृत्तान्त -20 उगते सूर्य के प्रदेश में

(अरुणाचल यात्रा  17 जनवरी से 26 जनवरी 2015)

17 नवंबर को तिरुपति से लौटे थे। इसके मात्र दो माह बाद फिर से यात्रा पर। ये यात्रा एयरलाइन्स के सस्ते टिकटों की वजह से हुई। करीब तीन महीने पहले ही हमने दिल्ली से गुवाहाटी की फ्लाइट आने जाने की बुक करवा ली थी। बुकींग छ: लोगों की थी।मैं,दशरथ पाटीदार जी,संतोष त्रिपाठी जी,हिमांशु जोशी,उदित अग्रवाल और सुदीप जैन(बंटी),इस यात्रा में जाने वाले थे। लेकिन अंत में बंटी की यात्रा रद्द हो गई और 17 जनवरी 2015 को हम अरुणाचल के लिए निकल पडे। हमने रतलाम से दिल्ली का रिजर्वेशन कराया,ज्लिी से गुवाहाटी हमारी फ्लाइट थी और गुवाहाटी से हमारा आरक्षण तीनसुकिया तक है।

Tirupati Balaji यात्रा वृत्तान्त-19 तिरुपति बालाजी के दर्शन

अण्डमान निकोबार की यात्रा के अंतिम चरण में तिरुपति बालाजी पंहुचे थे। इससे पहले दक्षिण की यात्रा के दौरान भी आशुतोष की जिद्द के कारण तिरुपति आए थे,लेकिन उस समय मैने दर्शन नहीं किए थे। अण्डमान की यात्रा के दौरान जब तिरुपति पंहुचे थे,तो मैने सोचा था कि यदि आसानी से दर्शन हो सकेंगे तो जरुर करुंगा और दर्शन आसानी से हो गए थे। तिरुपति पंहुचे ही थे,कि एक बडे काम के होने के संकेत मिले और उसी समय तिरुपति से यह प्रार्थना की थी कि यदि काम हो गया तो फौरन तिरुपति आएंगे। जब लौटे तो आखिरकार काम हो ही गया।

Sunday, February 21, 2016

जेएनयू प्रकरण-न्यायालय बनने की कोशिश में मीडीया और पार्टियां


-तुषार कोठारी

पिछले करीब दो हफ्तों से देश का आम आदमी हैरान है,कि वह जिसे मां मानता रहा है,उस भारत माता को निरन्तर अपमानित किया जा रहा है। आतंकवादियों के हमलों से हैरान देशवासियों के लिए पिछले करीब सात दशकों में यह पहला मौका है,जब मुख्य धारा के कंाग्रेस और कम्यूनिस्ट पार्टियों जैसे राजनीतिक दलों के नेता देशद्रोहियों की पैरवी इतने खुले रुप से करते नजर आ रहे है। इस बात का भी शायद पहला मौका है,जब मीडीया का एक वर्ग देशद्रोही बातों को नजरअंदाज कर देने की सलाहें दे रहा है। यह बात भी हैरान करने वाली है कि न्यायालय के निर्णय का होने से पहले ही कुछ नेता और मीडीया के लोग देशद्रोहिता के मामले में बंद छात्रनेता को दोषमुक्त कर चुके है।

Thursday, February 11, 2016

Dainik Awntika Ujjain me mera lekh 12 feb 2016


भाजपा को भारी पडेगा दोहरा चरित्र

(सन्दर्भ-धार का भोजशाला प्रकरण)
-तुषार कोठारी
धार की भोजशाला लेकर खडे किए गए विवाद का निराकरण होने में अब कुछ ही घण्टे शेष बचे है। पिछले कुछ दिनों से जारी इस घटनाक्रम के मुख्य चार पक्षों की भूमिका को निरपेक्ष ढंग से देखा जाए,तो कई सारे नए तथ्य उजागर होते नजर आते है। घटनाक्रम दर्शाता है कि कांग्रेस पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाने वाली भाजपा अब पूरी तरह से दोहरे चरित्र को अपना चुकी है। इतना ही नहीं अब भाजपा स्वयं भी छद्म धर्मनिरपेक्षता वादी हो चुकी है।

Sunday, January 31, 2016

Rajasthan Colorfull Journy यात्रा वृत्तान्त-18 रंगीला राजस्थान माता के मन्दिर में फूट नहीं पाए पाकिस्तानी बम

(8 सितम्बर 2014 से 14 सितम्बर 2014)

राजस्थान की यह दूसरी यात्रा रामद्वारा के महन्त श्री गोपालदास जी के आशीर्वाद से हो पाई। हमें महाराज जी के साथ रामधाम सींथल जाना था और सींथल के आचार्य श्री क्षमाराम जी महाराज के दर्शन करना थे। इसी मौके का लाभ लेते हुए मैने तत्काल पूरी राजस्थान यात्रा की योजना बना ली। यह राजस्थान की दूसरी यात्रा थी। पहली बार मैं अपने तीन साथियों कमलेश पाण्डेय,राजेश घोटीकर और अनिम मेहता के साथ मोटर साइकिलों पर सवार होकर आया था। उस समय हमने यूथ होस्टल्स के डेजर्ट सफारी में हिस्सा लिया था और जैसलमेर,बाडमेर,जोधपुर इत्यादि स्थान देखे थे। इस बार भी यही सबकुछ था। यह यात्रा अनन्त चतुर्दशी का गणेश विसर्जन कर प्रारंभ की थी। उसी रात को हम रतलाम से निकले थे।

Wednesday, January 27, 2016

साल में सवा लाख से ज्यादा आत्महत्याएं,बवाल सिर्फ एक पर..?

- तुषार कोठारी

पिछले कई दिनों से देश एक युवक की आत्महत्या को लेकर जूझ रहा है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर आंकडें कुछ और ही कहानी दिखाते है। देश में हर साल एक लाख से ज्यादा मौतें आत्महत्या की वजह से होती है। वर्ष 2014 में ही देश में कुल 1,31,666 मौतें आत्महत्या की वजह से हुई। वर्ष 2015 के आंकडें अभी उपलब्ध नहीं है। लेकिन पिछले एक दशक को देखें तो आत्महत्याओं का आंकडा हमेशा एक लाख से अधिक ही रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या इन एक लाख में से केवल एक ही आत्महत्या चर्चा के लायक है?

Thursday, October 15, 2015

Himalaya Jourey यात्रा वृत्तान्त -17 हिमालय की गोद में

(हिमाचल यात्रा 1 जून 2014 से 11 जून 2014)
हिमाचल प्रदेश की यह दूसरी यात्रा थी। पहली यात्रा मैने मित्रों के साथ निजी वाहन मारुति वैन से की थी,जिसमें हम मनाली के रास्ते लेह (लद्दाख) तक गए थे। इस बार की यात्रा पारिवारिक यात्रा थी,जो कि यूथ होस्टल्स के फेमिली केम्पिंग में की। यह यात्रा ग्यारह दिनों की थी। इस यात्रा में हमने कुल्लू मनाली शिमला के साथ साथ शिमला कालका ट्रेन का सफर भी किया।

Monday, October 12, 2015

आरक्षण-जो सक्षम हैं,वे ही ले रहें हैं लाभ

- तुषार कोठारी

आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत द्वारा समीक्षा का सुझाव दिए जाने के बाद से ही देश भर में यह मुद्दा गरमा गया है। दलित वोटों की राजनीति करने वाले लालू से लेकर मायावती तक इस मुद्दे पर हो हल्ला मचाने लगे है। बिहार के चुनावी मौसम में इन नेताओं के हाथ में खुद को दलितों का मसीहा साबित करने का जैसे मौका हाथ लग गया हो। लेकिन इस शोरगुल में आरक्षण के वास्तविक लाभ और हानि का मुद्दा कहीं खो सा गया है।

Friday, September 25, 2015

Pilgrim of Freedom Celular Jail यात्रा वृत्तान्त-16 स्वतंत्रता का तीर्थ सेल्यूलर जेल (अण्डमान-निकोबार)

(2 फरवरी 2015 से 13 फरवरी 2014)
लम्बे अरसे से अण्डमान निकोबार,जिसे अंग्रेजों के जमाने में कालापानी कहा जाता था,जाने की इच्छा थी। यह इच्छा स्पाइसजेट द्वारा सस्ती हवाई यात्रा की योजना सामने आने पर पूरी हुई। हमने करीब दो महीने पहले टिकट बुक करवाई। आमतौर पर अण्डमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर के लिए चैन्ने से हवाई जहाज चलते है,लेकिन इस स्कीम के तहत हमें हैदराबाद से टिकट लेना पडे। हैदराबाद से लिए हुए टिकट चैन्ने की तुलना में सस्ते थे और खासियत यह थी कि प्लेन हैदराबाद से चैन्ने होकर ही जाने वाला था। इस यात्रा में मेरे साथ दशरथ जी पाटीदार,संतोष जी त्रिपाठी और मन्दसौर से आशुतोष नवाल थे। यह यात्रा 2 फरवरी 2014 से प्रारंभ होकर 13 फरवरी 2014 तक चली।

Thursday, September 24, 2015

Padamnabh Swami यात्रा वृत्तान्त-15 पदमनाभ स्वामी के सामने

रतलाम से तिरुवनन्तपुरम(त्रिवेन्द्रम)
7 अगस्त 2013 से 13 अगस्त 2013
केरल की राजधानी और पदमनाभ स्वामी के मन्दिर के लिए प्रसिध्द त्रिवेन्द्रम की यात्रा का योग मलय की वजह से बना। मलय को इसरो के कालेज में प्रवेश मिल चुका था और उसे प्रवेश दिलाने के लिए प्रतिमा ताई के साथ त्रिवेन्द्रम जाने का कार्यक्रम बनाया। यह यात्रा पूरी तरह ट्रेन की यात्रा थी,जिसमें चार दिन हमने ट्रेन में गुजारे थे।

Mahadev Of Trishuls यात्रा वृत्तान्त-14 त्रिशूलों वाले चौरागढ महादेव के पास

पचमढी यात्रा (3 जून 2013 से 8 जून 2013)
पचमढी की यह यात्रा परिवार के साथ की। विवाह के तत्काल बाद मै और वैदेही पचमढी आए थे,तभी से इच्छा थी कि एक बार यहां फिर आएंगे। इस बार विवाह की वर्षगांठ पचमढी में मनाना तय किया और वैदेही,चिन्तन और मलय को साथ लेकर मै इस यात्रा पर निकल पडे।

अब भी असर बाकी है केदारनाथ त्रासदी का

उत्तरांचल की चार धाम यात्रा का वृत्तान्त

-तुषार कोठारी

वर्ष 2013 में हुई केदारनाथ की त्रासदी अब भी उत्तरांचल के लोगों की आंखों में नजर आ जाती है। उत्तरांचल के चार धाम की यात्रा पर केदारनाथ त्रासदी की छाया दो साल गुजरने के बाद अब भी दिखाई देती है। जिन स्थानों पर कभी पैर धरने की जगह नहीं होती थी,वहां अब यात्रियों की नगण्य संख्या है। होटलें और धर्मशालाओं में रुकने वाले ही नहीं है,इसलिए कई होटल और धर्मशालाएं बन्द है। लेकिन श्रध्दा और आस्था जैसे तत्व भगवान के भक्तों को रुकने नहीं देते। तमाम खतरों के बावजूद धीरे धीरे तीर्थयात्रियों का आना जाना बढने लगा है।

अयोध्या-3 /रामलला की अद्भुत श्रृंगार आरती

(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे )  12 मार्च 2024 मंगलवार (रात्रि 9.45)  साबरमती एक्सप्रेस कोच न. ए-2-43   अयोध्या की यात्रा अब समाप्...