Friday, February 25, 2022
रतलाम- इतिहास के झरोखे से : कुलिश
ने वर्ष 1995 में दैनिक भास्कर के लिए रतलाम नगर का ईतिहास अपनी विशीष्ट शैली में लिखा था। यह रोचक स्तंभ स्व.भाटी ने कुलिश के उपनाम से लिखा था। आलेख,कविता इत्यादि स्व.श्री भाटी कुलिश के उपनाम से ही लिखा करते थे। रतलाम-इतिहास के झरोखे से शीर्षक से स्व.श्री भाटी के इस स्तंभ में रतलाम की स्थापना से लगाकर आधुनिक रतलाम बनने तक का पूरा इतिहास अत्यन्त ही रोचक शैली में लिखा है। पिछले कई ïवर्षों से स्व.श्री भाटी द्वारा रचित यह इतिहास उपलब्ध नहीं हो पा रहा था,लेकिन स्व.श्री भाटी के स्नेहपात्र रहे श्री हरीश व्यास ने इसे सहेज कर रखा था। स्व.श्री भाटी द्वारा लिखित इस इतिहास को डिजीटल फार्म में सुरक्षित करने का सुअवसर श्री व्यास के सौजन्य से प्राप्त हुआ है।
Sunday, February 13, 2022
हिजाब प्रकरण-खत्म नहीं होंगे,अब बढते जाएंगे इस तरह के विवाद
-तुषार कोठारी
कर्नाटक के उडुपी में एक स्कूल से शुरु हुए हिजाब विवाद की आग अब देश के कई कोनों तक फैल चुकी है। यहां तक कि मध्यप्रदेश में भी कहीं कहीं इसकी आहट आने लगी है। मामला हाईकोर्ट में है। लेकिन यह मान लेना कि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह विवाद थम जाएगा,बिलकुल सही नहीं होगा। वास्तविकता यह है कि देश में अब इस तरह के बेसिरपैर वाले या कहें बेवजह के विवाद अब बढते जाने वाले है। दस मार्च को यदि उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी सरकार बन गई तो ऐसे अवांछित विवादों की बाढ आना तय है। विवाद की असल वजह हिजाब या धर्म पर प्रहार नहीं है,बल्कि मोदी विरोधियों के हाथ आया एक नया हथियार है।
Saturday, February 12, 2022
बलात्कार और पाक्सो एक्ट के प्रावधानों में जरुरी है तर्कसंगतता,बेवजह सजा भुगतने को विवश है हजारों युवा
-तुषार कोठारी
दिल्ली में हुए निर्भया काण्ड के बाद पूरे देश में हुए प्रदर्शनों और मीडीया के लगातार हंगामे के बाद जहां सरकार ने बलात्कार सम्बन्धी कानूनों में कडे प्रावधान किए वहीं बच्चों के साथ होने वाले लैैंगिक अपराधों पर नियंत्रण के लिए देश में पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्र्डन्स फ्राम सैक्सुअल आफेन्स एक्ट) लागू किया गया। दोनो ही घटनाएं वर्ष 2012 में हुई। तब से लेकर दस वर्ष गुजर चुके है। इन दस वर्षों में इन कानूनों के कुछ कठोर और अतार्किक प्रावधानों ने समाज में नई समस्याएं उत्पन्न कर दी है। दस वर्षों के अनुभव का सबक यही है कि इन दोनों कानूनों में तर्कसंगतता लाना आवश्यक हो गया है। पाक्सो एक्ट के अस्तित्व में आने से देश भर में पाक्सो एक्ट के मामलों की बाढ आ गई है और बडी संख्या में नवयुवक जेलों में बन्द है। सबसे दुखद पहलू यह है कि इनमें से बडी संख्या ऐसे युवकों की है जो उस लडकी के बलात्कार की सजा भुगत रहे है,जो उसी के घर में,उस की पत्नी की हैसियत से बच्चों को पाल रही है।
Monday, June 21, 2021
भारत की संप्रभुता के लिए नया खतरा बनती जा रही है सोशल मीडीया कंपनियां,इन पर लगाम कसना जरुरी
-तुषार कोठारी
जब नए नए सोशल मीडीया प्लेटफार्म्स की शुरुआत हो रही थी,तब किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ये प्लेटफार्म्स अपने आपको किसी राष्ट्र से बडे समझने लगेंंगे और किसी देश को चुनौती देने की स्थिति में आ जाएंगे। लेकिन बदकिस्मती से अब यही हो रहा है। ये सोशल मीडीया कंपनियां इतनी बडी हो गई है कि वे बेहिचक भारत जैसे विशाल देश के कानूनो को चुनौती तक देने को तैयार हो गई है।
Saturday, March 20, 2021
Thursday, March 18, 2021
अदालतों के सुस्पष्ट आदेशों के बावजूद क्यों नहीं हटाए जाते मस्जिदों के लाउड स्पीकर...?
- तुषार कोठारी
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा मस्जिदों में सुबह की अजान के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग से होने वाली परेशानी का मामला उठाए जाने के बाद से मस्जिदों के लाउड स्पीकर फिर से चर्चाओं में है। इससे पहले भी कई लोग इस मुद्दे को उठाते रहे है। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि यह समस्या देश के प्रत्येक शहर में है और उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद मस्जिदों के लाउड स्पीकर हटाए क्यों नहीं जा रहे? सरकारों को किस बात का डर है? क्या वजह है कि सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना पिछले सौलह वर्षो से लगातार जारी है।
Tuesday, February 2, 2021
Monday, December 28, 2020
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-8
प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें
मित्रों से मुलाकात के बाद वापसी का सफर
05 अक्टूबर 2020 सोमवार (दोपहर 2.00)
इ खबरटुडे आफिस रतलाम
मैैं बीती रात करीब एक बजे घर पंहुचा था। हमारी यात्रा का समापन समारोह रविवार को मन्दसौर में हुआ था। रतलाम से प्रकाशराव पंवार और संतोष त्रिपाठी मन्दसौर आ गए थे,जिन्होने मुझे और अनिल को छोडा था।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-7
प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें
सौलह घण्टों में तेईस किमी की ट्रैकिंग,वो भी खाली पेट
04 अक्टूबर 2020 रविवार (रात 00.52)
ओयो होटल दिल्ली जयपुर हाईवे शहाजहांपुर
इस होटल में हम रात साढे दस बजे पंहुचे थे। कमरे लिए। भोजन किया। अब सोने की तैयारी है। पिछले तीन दिनों से डायरी लिखने का मौका ही नहीं मिला था। लेकिन आज सोने से पहले यात्रा विवरण वहीं से शुरु,जहां छोडा था। उस दिन 2 अक्टूबर की सुबह छ: बजे मै डायरी लिख रहा था कि तभी सब लोग तैयार हो गए। वहीं डायरी बंद करके तुरंत निकल पडे थे।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-6
प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें
पंहुच गए हेमकुण्ड साहिब के दर पर
30 सितम्बर 2020 गुरुवार (सुबह 3.30)
होटल देवलोक घांघरिया
अभी सुबह पांच बजे हमें हेमकुण्ड साहिब की यात्रा शुरु करना है,इसलिए आज सुबह तीन बजे उठ गए हैैं। ताकि यात्रा सही समय पर शुरु कर दे और देर ना हो जाए।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-5
प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें
गोविन्द घाट से घांघरिया का चुनौती भरा सफर
30 सितम्बर 2020 बुधवार ( दोपहर 3.00 बजे)
होटल देवलोक घांघरिया
इस वक्त हम ग्यारह किमी की बेहद कठिन और खडी चढाई वाला पहाडी रास्ता पार करके घांघरिया आ गए हैैं।
आज सुबह हमने छ: बजे निकलने का तय किया था,लेकिन कमरे से निकलते निकलते साढे छ: बज गए थे। कमरे से निकल कर सबसे पहले बरसात से बचाव के लिए पोचू किराये पर लिए। यहां सौ रु. किराये में पोचू मिल जाते है,लेकिन इसके लिए पहले तीन सौ रु. एडवान्स जमा कराना पडते हैैं। हमने तीन पोचू लिए। अनिल अपनी बरसाती लेकर आया था।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-4
प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें
बद्रीनाथ के दर्शन, तप्त कुण्ड पर कोरोना का असर
29 सितम्बर 2020 मंगलवार (रात10.15)
होटल दुर्गा पैलेस गोविन्द घाट
इस वक्त हम गोविन्दघाट गुरुद्वारे के नजदीक इस होटल में रुके हैैं और सुबह छ: बजे हेमकुण्ड के लिए निकलने की योजना है।
दोपहर को हम सडक़ के जाम में फंसे थे। दोपहर पौने एक बजे जाम खुला और हम आगे बढे। हम करीब दो बीस पर जोशीमठ पंहुच गए।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-3
ब्रेड की दो स्लाईस से चार लोगों की भूख मिटाने की कोशिश
28 सितम्बर 2020 सोमवार (रात11.00)
होटल पुष्पदीप ग्र्राण्ड रुद्रप्रयाग
हम रुद्र प्रयाग पंहुच चुके है। जगजीत भाई ने पूरे दिन हमारी चिंता की। जगजीत भाई ने ही बताया कि हमें रुद्रप्रयाग में ही रुकना चाहिए। होटल की व्यवस्था भी उन्होने ही की। हम यहां शाम सात बजे पुहुचे थे। अब भोजन करके सोने की तैयारी में है। सुबह बडी जल्दी छ: बजे यहां से निकल जाने की इच्छा है।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-2
प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें
गाडी खराब,सेंसर की तलाश और गंगा आरती
होटल शिवमूर्ति हरिद्वार
आखिरकार कोरोना टेस्ट कराने के 96 घण्टे पहले हम उत्तराखण्ड में प्रवेश कर गए। इस वक्त हम हरिद्वार के स्टेशनरोड पर होटल ग्र्राण्ड शिवमूर्ति में सोने की तैयारी कर रहें है।
सुबह जयपुर से करीब 20-25 किमी आगे पराठों का नाश्ता करके निकले थे। गाडी स्टार्ट हुई। मनीष गाडी चला रहा था। उसने कहा कि गाडी का एकाध सेंसर गडबड कर रहा है। जब रतलाम से चले थे,तभी से गाडी का स्पीडोमीटर बन्द पडा था। डेशबोर्ड पर मीटर में इसका संकेत भी मिल रहा था।
हेमकुण्ड साहिब यात्रा-1
यात्रा वृत्तान्त-37 हेमकुण्ड साहिब यात्रा
(25 सितम्बर 2020 से 4 अक्टूबर 2020)
अनोखी यात्रा की अनोखी शुरुआत
25-26 सितम्बर 2020 (शुक्र-शनि) रात 12.24
पण्डित होटल जयपुर दिल्ली हाई वे
आज सुबह 9.45 पर अनिल अपनी गाडी से मेरे घर पंहुचा था और मैं जल्दी ही उसकी गाडी में सवार हो गया था। इस तरह हम इस यात्रा के लिए निकले थे।
ये यात्रा कई मायनों में अनोखी साबित हो रही है। कोरोना लाक डाउन के असर से डरे हुए हम सारे मित्र पिछली 27 जुलाई को निकले थे पचमढी के लिए। घूमघाम कर वापस आ गए। तब चर्चा हुई कि हम हर सितम्बर में हिमालय जाते है,तो इस बार भी जाना चाहिए।
Tuesday, December 15, 2020
Thursday, December 10, 2020
संशोधनों के लिखित प्रस्तावों के बाद भी,कृषि कानूनों का विरोध-भ्रम में कौन है आन्दोलनकारी किसान या केन्द्र सरकार...?
-तुषार कोठारी
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों में संशोधन के लिखित प्रस्ताव दिए जाने और आन्दोलनकारी पंजाब के किसानों द्वारा इन प्रस्तावों को सिरे से खारिज कर दिए जाने से अब यह निर्विवाद रुप से स्पष्ट हो गया है कि राजधानी की सीमाओं पर कब्जा जमाए बैठे प्रदर्शनकारियों को किसानों के हित की कोई चिंता नहीं है,बल्कि उनका एकसूत्रीय एजेण्डा किसी ना किसी तरह हालात को बिगाड कर रखना और केन्द्र सरकार को बदनाम करना ही है।
Monday, September 21, 2020
पचमढी यात्रा-4 (समापन)
अनुभवी ट्रेकर से मुलाकात
3 अगस्त 2020 सोमवार,(रक्षाबन्धन)
इ खबरटुडे आफिस (शाम 6.00 बजे)
यात्रा तो 31 जुलाई को ही रतलाम पंहुचकर समाप्त हो गई थी। लेकिन डायरी मलय के बैग में चली गई थी,इसलिए कहानी पूरी नहीं हो पाई। अब डायरी हाथ में आई है,तो कहानी पूरी कर रहा हूं।
तो,हम 31 जुलाई को पचमढी से रतलाम के लिए निकलने की तैयारी में थे। हमने नौ बजे निकलने का तय किया था,लेकिन हम नौ की बजाय दस बजे होटल से निकले और गाडी में सवार हुए। नाश्ता करना था। दशरथ जी ने कहा कि यहीं करते हैं,मैने कहा कि आगे जाकर करते हैं। पचमढी से पिपरिया तक का रास्ता तो टाइगर रिजर्व के भीतर ही है,इसलिए रास्ते में कोई ढाबा नहीं था।
पचमढी यात्रा-3
बी फाल नहीं डचेस फाल जाएंगे........
30 जुलाई 2020 गुरुवार (सुबह 8.15)
होटल खालसा लेक व्यू
पचमढी के प्रसिध्द बी फाल,अप्सरा विहार और पाण्डव गुफा पर हम अब तक नहीं गए हैं। बी फाल और अप्सरा विहार जाने के लिए जिप्सी करना होगी और वन विभाग का परमिट भी लेना पडेगा। होटल वाले ने बीती रात एक जिप्सी वाले को भेज दिया था। साढे इक्कीस सौ रु. मे वह हमें दिनभर घुमाएगा। इसमे से ग्यारह सौ रु. वनविभाग के परमित के लगेंगे और एक हजार पचास रु.जिप्सी का किराया। सीजन में जिप्सी वाले दो से चार हजार रु.तक वसूल लेते है। लेकिन अभी कोरोना के चलते यहाम पर्यटक नदारद है,इसलिए सबकुछ सत्ता है। जिप्सी वाला सुबह साढे नौ पर आएगा। तब तक हमें तैयार होना है। सारे लोग तैयार होने की तैयारी में है।
पचमढी यात्रा-2
गाडी की छत पर बन्दरों का कब्जा
29 जुलाई 2020 बुधवार (शाम 7.20)
होटल खालसा लेक व्यू
पचमढी के प्रमुख स्थानों को पैरों से नाप कर और करीब 18 किमी की ट्रोकिंग करके हम इसी वक्त होटल में लौटे हैं। हम बुरी तरह थक चुके हैं।
हमारी आज की यात्रा चौरागढ के ट्रैक से शुरु हुई थी। करीब साढे ग्यारह बजे हमने पंजाबी ढाबे में आलू और पनीर पराठे का भोजन जैसा नाश्ता किया। नाश्ते के बाद हम चौरागढ के लिए निकल पडे। चौरागढ का रास्ता महादेर गुफा से ही आगे है। महादेव गुफा यहां से करीब नौ किमी दूर है। बीच में एक पहाड पार करना पडता है। इस पहाड का रास्ता एक सौ अस्सी डिग्री के मोड वाला सर्पिला रास्ता है।
यात्रा वृत्तान्त-36 पचमढी
यहीं नहाई थी लिरिल वाली लडकी.....
(27 जुलाई 2020 से 31 जुलाई 2020)
27 जुलाई 2020 सोमवार (रात 9.20)
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस,होशंगाबाद
पिछली यात्रा 29 दिसम्बर 2019 को शुरु हुई थी और 4 जनवरी 2020 को समाप्त हुई थी। वह जैसलमेर की यात्रा थी। 4 जनवरी 2020 के बाद आज लगभग 7 महीनों के बाद हम यात्रा पर निकल पाए हैं।
इस समय मैं होशंगाबाद के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हूं,और मेरे साथ वकील साथी दशरथ पाटीदार,प्रकाश राव पंवार,सैलाना से अनिल मेहता और भांजा मलय सोनटक्के भी हैं।
हमारी यह यात्रा आज दोपहर साढे ग्यारह बजे रतलाम से शुरु हुई थी और हमारी योजना पचमढी जाकर वहां कुछ दिन गुजारने की है।
Friday, September 18, 2020
भारत-चीन विवाद: भारत के लिए समस्याएं सुलझाने का स्वर्णिम अवसर,अब जरुरी है सैन्य विकल्प
-तुषार कोठारी
आमतौर पर कोई भी समझदार या बुध्दिजीवी कभी भी युध्द की हिमायत नहीं करता। लेकिन यह ऐतिहासिक और वैश्विक सच्चाई है कि दुनिया का इतिहास युध्दों का ही इतिहास है। विश्व की अधिकांश समस्याओं का निराकरण भी युध्दों के माध्यम से ही हुआ है। शांति के पक्ष मे आप चाहे जितनी दलीलें दे लें लेकिन कठोर वास्तविकता तो यही है कि समस्याओं का निराकरण बातचीत की बजाय युध्दों से ही हुआ है। कहने सुनने में युध्द का विरोध और शांति की हिमायत अच्छा लगता है,लेकिन वास्तविकता को नकारा नहीं जा सकता इसलिए आज दुनिया का हर देश मजबूत से मजबूत सेना और साजो सामान रखने का पक्षधर है।
Thursday, June 25, 2020
चीन से सीमा विवाद और मोदी के अंध विरोधियों का विधवा विलाप
Monday, June 8, 2020
गांधीसागर बर्ड्स सर्वे-3
चट्टानों पर आराम फरमाता घडियाल
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें2 फरवरी 2020
सुबह करीब छ: बजे उठे और सात बजे तक गांधीसागर में 8 न. पर स्थित एफआरओ के निवास परिसर में पंहुच गए। राजेश यहीं रुका हुआ था। बोटिंग के लिए यहीं से जाना था। वन विभाग ने करीब पन्द्रह लोगों को बोटिंग कराने की व्यवस्था की थी,ताकि जलीय पक्षियों को भी गिना जा सके। मछली पकडने वाली एक मोटर बोट में सारे बर्ड वाचर्स सवार हुए। यह बोट बांध के नजदीक से चली तो चौरासी गढ तक पंहुची।
गांधीसागर बर्ड्स सर्वे-2
तालाब पर परिन्दों की फोटोग्राफी
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें1 फरवरी दोपहर 3.45
बेसला कैम्प,गांधीसागर
इस वक्त हम बेसला के वन चौकी परिक्षेत्र सहायक के घर पर रुके हुए हैं और शाम की बर्ड्स वाचिंग के लिए जाने को तैयार है। हमारे दो साथी आशुतोष पण्डित जी स्नान कर चुके है और प्रत्यूष स्नान करने गया हुआ है। दोनो ही उज्जैन के हैं और फोटोग्राफर है। आशुतोष जी बर्डिंग करते हैं और उन्हे इस विषय का अच्छा ज्ञान है।
आज की सुबह मैं साढे छ: पर उठ गया था। जहां हम रुके हैं वहां टायलेट बना हुआ है,लेकिन दरवाजे ठीक से नहीं लगते। हमें कोई फर्क नहीं पडता।
गांधीसागर बर्ड्स सर्वे-1
गांधीसागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में परिन्दों के साथ गुजारे वो दो दिन
(31 जनवरी 2020 से 2 फरवरी 2020) गांधीसागर अभ्यारण्य
01 फरवरी 2020 शनिवार (रात 11.30)
बेसला कैम्प(रामपुरा के समीप)
इस वक्त हम,मैं और अनिल गांधीसागर बांध से 25 किमी पहले रामपुरा से 13 किमी आगे,बैसला गांव में वन विभाग के डिप्टी रेंजर के सरकारी निवास पर रुके हुए हैं। इस वक्त हम अनिल की नई गाडी के भीतर बैठे है। मैं अगली सीट पर बैठ कर डायरी लिख रहा हूं,अनिल पिछली सीट पर बैठ कर बातें कर रहा हैं। बातचीत करने के बाद अब मैं डायरी लिख रहा हूं।
हमारी यह यात्रा करीब दो महीने पहले तय हो गई थी,जब राजेश घोटीकर ने गांधीसागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में बर्ड्स सर्वे होने की जानकारी दी थी। मैने तो हाथोहाथ रजिस्ट्रेशन करवा लिया था।
Friday, May 1, 2020
जैसलमेर डेजर्ट सफारी-4
झीलों के शहर में गुजरा एक दिन
3 जनवरी 2020
आज की सुबह जल्दी हुई। ठण्ड कम थी,इसलिए मैं साढे सात पर उठ गया। नाश्ते में पोहे बने थे। हिमांशु ने प्रस्ताव रखा कि बिना स्नान के जल्दी निकलते है,ताकि जल्दी उदयपुर पंहुच जाएं। लेकिन यह प्रस्ताव दमदार नहीं था। स्नान नहीं करते तो आधा घण्टा बचता,लेकिन स्नान कर लेते तो अच्छा फील होता। तैयार होते होते सवा दस बज गए। लेकिन इससे हिमांशु नाराज हो गया।
जैसलमेर डेजर्ट सफारी-3
कुलधारा के उजड़े गांव,किले और बॉर्डर की रक्षा करती तनोट माता
2 जनवरी 2020 बुधवार (सुबह 10.15)
व्हायएचएआई कैम्प जैसलमेर
इस वक्त सुबह के सारे काम निपटा कर अब स्नान की तैयारी है। कडाही में पानी गर्म हो रहा है। पानी गर्म हो जाएगा तभी स्नान हो पाएगा। कैम्प के वाहन से घूमने जाने वाले निकल चुके हैं। हमें अपनी गाडी से जाना है,इसलिए हम देर से भी जाए तो भी चलेगा। पकौडे चाय का नाश्ता हो चुका है। आलू की सब्जी और पूडी का लंच पैक किया जा चुका है।
जैसलमेर डेजर्ट सफारी-2
स्वर्ण नगरी का जैसल दुर्ग और पाकिस्तान की करारी हार का म्यूज़ियम
31 दिसंबर 2019 (दोपहर 3.00)
व्हाचएचएआई कैम्प जैसलमेर
इस वक्त हम भोजन करके अपने टेण्ट में बैठे है। टेण्ट में बहुत सारी रेत घुस आई थी। अभी टेण्ट की सफाई की है। सुबह जबर्दस्त ठण्ड थी। हड्डियां जमा देने वाली। इसलिए जागरण से लेकर सारे काम बेहद धीमे हुए। काफी हिम्मत के बाद करीब साढे दस बजे स्नान किया। हम लोग करीब सवा ग्यारह बजे तैयार होकर कैम्प से निकल पाए।
यात्रा वृत्तान्त-34/ जैसलमेर डेजर्ट सफारी-1
कड़ाके की सर्दी में रेगिस्तान का सफर
(29 दिसंबर 2019 से 4 जनवरी 2020)29 दिसंबर 2019 (रात 10.17)
---- होटल जोधपुर
पिछली गोवा यात्रा के ठीक 42 दिन बाद मै सपत्नीक जैसलमेर की यात्रा पर निकल चुका हूं।
जैसलमेर की यह यात्रा अचानक ही बन गई। मेरी कोई खास इच्छा नहीं थी,लेकिन यूथ होस्टल के फैमिली केम्पिंग में 22 दिसंबर को भी न्यू इयर केम्प की बुकींग मिल गई। हिमांशु भी सपरिवार आने का इच्छुक था। अचानक ही बुकींग कन्फर्म हो गई। अब यह तय हो गया था हिमांशु और मैं सपरिवार जैसलमेर यात्रा पर जाएंगे। मै यानी हम तो सिर्फ दो थे,मैं और वैदेही।
Wednesday, February 19, 2020
गोवा यात्रा-5
गोवा की बीच पार्टी और ट्रैन का सफर
15 नवंबर 2019 शुक्रवार सुबह 8.15ओयो रुम्स पोरवोरिम
बीती रात हम दो बजे के करीब कमरे पर पंहुचे थे। रात को नौ बजे यहां से निकले,तो पणजी में माण्डोवी नदी के
बीच तैरते जहाजों पर बने कैसिनो में जाने के लिए निकले थे। यहां कैसिनो प्राइड सबसे बडी कंपनी है। इसके करीब तीन कैसिनो है। एक कैसिनो मैजेस्टिक है,जिस पर हम कल गए थे। यह ग्राउण्ड कैसिनो है। आज कैसिनो प्राइड 2 पर जा रहे थे। यहां का प्रेसिडेन्ट श्रीनिवासन विजू का मित्र है। यहां हमें कोई एन्ट्री फीस नहीं देना पडी और पूरा वीआईपी ट्रीटमेन्ट दिया गया।
गोवा यात्रा-4
गोवा के खँडहर हो चुके किले,दूधसागर और जुआरियो की पसंद केसिनो
14 नवंबर 2019 (शाम 7.30)
डायरी से जुडे हुए दो दिन गुजर चुके हैं। इस वक्त पूरा दिन घूम घाम कर अभी रुम में लौटे है। अब फिर से कैसिनो जाना है। थोडा सा समय है। इसलिए डायरी खोल ली है।
12 नवंबर को कोठारी सम्मेलन का समापन था। सुबह के सत्र में कोठारी परिवार के कुछ विशीष्ट जनों ने अपने व्याख्यान दिए। प्रसन्न जी मजूमदार(नागपुर) ने ज्योतिष पर उपयोगी जानकारी दी। 2022 में फिर से कोठारी सम्मेलन आयोजित करने और नई पीढी को सक्रिय करने का निश्चय हुआ।
गोवा यात्रा-3
शांतदुर्गा मंदिर के असवैधानिक नियम
11 नवंबर 2019 सोमवार (रात 11.00)श्री शांतादुर्गा मंदिर गोवा
आज का पूरा दिन कई सारे सत्रों में गुजर गया। सुबह की शुरुआत साढे पर हुई। नाश्ते के तुरंत बाद सभाकक्ष में पहला सत्र हुआ। पहले सत्र में श्री शांतादुर्गा संस्थान के कोई पदाधिकारी आए थे,जिन्होने कोठारी सम्मेलन को अपनी तरह का अनूठा आयोजन बताया। दूसरा सत्र सवा ग्यारह बजे शुरु हुआ। इस सत्र में इस क्षेत्र के प्रख्यात जानकार चन्द्रकान्त धूमे ने श्री शांतादुर्गा मंदिर के इतिहास और नियमों पर प्रेजेन्टेशन दिया। श्री धूमे ने बताया कि किस तरह यहां शांतादुर्गा की प्रतिमा लाई गई और किस तरह मंदिर का निर्माण हुआ। यह सारा इतिहास प्रसन्न जी मजूमदार (मंगेश प्रकाशन) ने प्रकाशित कर संस्थान को भेंट किया है। यह पुस्तक मैने भी खरीदी।
गोवा यात्रा-2
कोठारी सम्मलेन और कोठारियो के इतिहास से परिचय
10 नवंबर 2019 रविवार(सुबह 9.00)श्री शांतादुर्गा मन्दिर कवळे
इस वक्त इडली वडा सांभर का शानदार भरपेट नाश्ता हो चुका है और अब अरावली जाने की तैयारी है। सुबह छ: बजे उठा था। मन्दिर के बाहर रोड पर अखबार ढूंढने गया। लेकिन मिला नहीं। आकाशवाणी पर समाचार सुनता रहा। आठ बजे तक स्नान से निपट कर वैदेही और मैं देवी दर्शन करने गए। आकर नाश्ता निपटाया। अब जाने की तैयारी। उधर,टोनी का फोन आ चुका है कि वह रतलाम से गोवा के लिए निकल चुका है। वह कल पंहुचेगा। सुबह जब बाहर निकला था उस समय मन्दिर से थोडा आगे दत्तात्रेय भगवान का मन्दिर भी देख आया था। बहुत अच्छा मन्दिर था।
यात्रा वृत्तान्त-33 गोवा यात्रा-1
(8 नवंबर 2019 से 17 नवंबर 2019)
ट्रेन के डिब्बे में राम मंदिर का ऐतिहासिक फैसला
9 नवंबर 2019 शनिवार (शाम 6.00)श्री शांतादुर्गा मन्दिर कवळे फोन्डा (गोवा)
देश के लिए ऐतिहासिक दिन। सैंकडों सालों तक चले संघर्ष के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि के मामले में मन्दिर बनाने का आदेश प्रदान कर दिया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट आज ही फैसला सुना देगा। मुझे बहुत बुरा लग रहा था कि इस फैसले के वक्त में ट्रैन में यात्रा कर रहा था।
Sunday, December 22, 2019
Thursday, December 19, 2019
मुस्लिम वोटों के चक्कर में नागरिकता कानून पर बेशर्मी से झूठ फैलाते विपक्षी नेता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पिछले दिनों एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में यह कह रहे थे कि पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान में कुल तीन करोड अल्पसंख्यक है। अगर उन्हे यहां बुलाया गया तो हमारे देश के युवाओं के रोजगार का क्या होगा? बेशर्मी से झूठ बोलने का इससे बडा कोई और उदाहरण हो सकता है? एक प्रदेश का मुख्यमंत्री,वह भी आईआईटीयन,इतना नासमझ कैसे हो सकता है कि वह नागरिकता कानून के प्रावधानों को ही नहीं समझ पा रहा हो? नहीं वह नासमझ नहीं है। वह बेशर्मी से झूठ बोलकर आने वाले चुनावों में अल्पसंख्यकों के वोट जुगाडने की कोशिश कर रहे हैं।
Wednesday, November 20, 2019
लद्दाख कश्मीर यात्रा-11
खाटू श्याम और सालासर बालाजी के दर्शनों के साथ अब वापसी
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)13 सितंबर 2019 (रात 12.45)
होटल रायल अमर,किशनगढ(जयपुर-अजमेर हाईवे)
इस वक्त वैसे तो तारीख बदल चुकी है,लेकिन दिन सुबह बदलेगा इसलिए तारीख 13 ही लिखी है। अब तक हम चार हजार किमी की यात्रा कर चुके है और इस वक्त किशनगढ अजमेर हाईवे पर है और उस जगह आ चुके है,जहां आना चाहते थे।
कश्मीर लद्दाख यात्रा-10
स्वर्णमन्दिर के दर्शन और तीखी धूप में बाघा बार्डर की परेड
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)11 सितंबर 2019 (रात 11.15)
ओयो होटल अमृतसर
अमृतसर के सुप्रसिध्द स्वर्णमन्दिर के बेहद नजदीक एक ओयो होटल में इस वक्त हम ठहरे हुए हैं।

लगभग तैयार हो चुके थे। रात को बनिहाल के एसएचओ आबिद बुखारी से सुबह मिलने की बात हुई ती। हमारे फोन बंद थे। डाक बंगले के एक कर्मचारी का फोन लेकर मैने आबिद बुखारी को फोन लगाया। उसने कहा कि वह पन्द्रह बीस मिनट में रेस्ट हाउस पर पंहुचेगा। इस दौरान हम लोगों ने बेहतरीन सब्जी पराठे का नाश्ता किया। चाय पी। हम निकलने को तैयार थे।
लद्दाख कश्मीर यात्रा-09
370 हटने से बेअसर दिखी पूरी घाटी
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)10 सितंबर 2019 (रात 11.15)
जीकेटीडीसी रेस्ट हाउस बनिहाल
बनिहाल के जेके टूरिज्म के रेस्ट हाउस में बनिहाल पुलिस स्टेशन के एसएचओ आबिद बुखारी से मित्रता करने के बाद हम कमरे में सोने की तैयारी कर रहे है। किस्सा वहीं से शुरु करना पडेगा,जहां हम दो ढाई घण्टे फंसे हुए थे।
हम सोनमर्ग में फंसे हुए थे। मोहर्रम का मातम जुलूस चीटींकी चाल से आगे बढ रहा था। एकाध दर्जन रक्तरंजित लोगों को मेडीकल हेल्प दी गई। जैसे तैसे मातम जुलूस हाईवे से सरका और हम सोनमर्ग से दोपहर तीन बजे आगे बढ पाए। श्रीनगर यहां से करीब अस्सी किमी दूर था।
लद्दाख कश्मीर यात्रा-08
द्रास में कारिगल वार मेमोरियल,मोहर्रम और जाम का मातम
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)10 सितंबर 2019 (दोपहर 2.30)
सोनमर्ग (लेह-श्रीनगर हाईवे)
लद्दाख कश्मीर यात्रा-7
बार्डर पर बन्द गाडी ,हिमालय पर भी है रेगिस्तान
(प्रारंभ करने के लिए यहां क्लिक करें)09 सितम्बर 2019 सोमवार
होटल सिटी हार्ट लेह (लद्दाख)

बात वहीं से,जहां छोडी थी। हमारी गाडी बन्द थी। स्टार्ट नहीं हो पा रही थी। पोस्ट पर तैनात फौजी अमनदीप भी हमारी मदद करने के लिए बाहर आ गया था।
लद्दाख कश्मीर यात्रा-6
खारदुंगला और नूब्रा वैली के साथ ठांग से पीओके का नजारा
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)
162 आरडी,आर्मी रेस्ट हाउस,परतापुर
इस वक्त हम परतापुर के आर्मी रेस्ट हाउस में स्नान करके नाश्ता करने की तैयारी में है। बात कल से शुरु करता हूं। कल सुबह हम करीब सवा नौ बजे होटल से निकले। नाश्ता करना था। ड्राइवर पुनचुक ने कहा कि
नाश्ता रास्ते में करेंगे।
गाडी चली। थोडी ही देर में खारदुंगला का चढाई वाला रास्ता शुरु हो गया। जबर्दस्त तीखी चढाई,घुमावदार रास्ते और उंचाई बढने के साथ तेजी से कम होती आक्सिजन। आक्सिजन की कमी का ही असर था कि नींद आने लगी।
लद्दाख कश्मीर यात्रा-5
लेह में हाल आफ फेम और कारगिल वार का लाइट एण्ड साउण्ड शो
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)06 सितंबर 2019 शुक्रवार (रात 9.00)
होटल सिटी हार्ट,मेन बाजार लेह
दिन भर लेह घूमघाम कर वार मेमोरियल हाल आफ फेम से कारगिल वार का लाइट एंड साउंड शो देखकर इस वक्त मैं और अनिल होटल में आ गए हैं। बाकी तीनों बाजार में खरीददारी करने गए हैं।
आज की सुबह हम इस होटल में आ गए थे। कल जो होटल किया था,वह महंगा भी था और कमरे तो अच्छे थे,लेकिन पूरी तरह पैक थे। हवा आने की कोई जगह ही नहीं थी। रात को सफोकेशन की वजह से नींद ही नहीं
आ पाई। रात को दो बजे कमरे का दरवाजा खोला,बाहर जाकर खुली खिडकी से ताजी सांस ली। फिर दरवाजा खुला रखकर ही सोया। तब भी ठीक से नींद नहीं आई। यह पहले ही सोचा था कि सुबह होटल बदलना है। सुबह वाले होटल का चटैक आउट टाइम सुबह नौ बजे का था। इसलिए जो करना था,जल्दी करना था।
लद्दाख कश्मीर यात्रा-4
साढे सत्रह हजार फीट की उंचाई पर ड्राइविंग और हाई अल्टी का असर
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)5 सितंबर 2019 गुरुवार (दोपहर 11.35)
(सरचू-टंगलंग ला रोड पर पांग से 14 किमी पहले किसी स्थान पर)

हम काफी देर से इस जाम में फंसे थे। मैने सोचा कि डायरी ही निकाल ली जाए,लेकिन अब जाम खुल गया है और अब गाडी आगे बढ गई है।
5 सितंबर 2019 (दोपहर 12.15)
पांग( 15280 फीट)
इस वक्त हम पांग पंहुच चुके है और अभी भोजन का वक्त है।
हम सुबहं ठीक छ: बजे जिस्पा से निकल गए थे।
लद्दाख कश्मीर यात्रा-3
रोहतांग पास से गुजर कर डाक्टर और डीजल की तलाश
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)4 सितंबर 2019 बुधवार (रात 9.20)
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस जिस्पा(हिप्र)
इस वक्त रात के केवल 9.20 हुए हैं,लेकिन हम सोने की तैयारी में है। सुबह जल्दी छ: बजे हम यहां से निकल जाएंगे।

लद्दाख कश्मीर यात्रा-2/
हिडिम्बा मन्दिर के पास ही है खाटू श्याम बर्बरीक का स्थान
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)3 सितंबर 2019 मंगलवार (रात 10.00)
होटल चलते चलते पालचन (हिप्र)
दोपहर को भोजन करने के बाद निकले तो कुल्लू से बाहर हो ही चुके थे। अब हमें मनाली पंहुचना था। हम शाम करीब पांच बजे मनाली पंहुच गए। गूगल मैप पर हिडिंबा मन्दिर देखा तो पता चला कि जहां हम थे,हिडिंबा मंदिर भी वहीं दिख रहा था। गाडी पार्क की,भीतर जाने का टिकट पचास रु.प्रतिव्यक्ति था। 5 टिकट लेकर भीतर गए तो पता चला कि यह तो वन विहार है। हिडिंबा मन्दिर तो अभी तीन किमी आगे है। इस गार्डन में नीचे एक छोटा सा तालाब बनाकर इसमें पैडल बोट भी डालकर रखी है। यह सिर्फ एक उद्यान था,जिसमें देवदार के बडे बडे पेड थे।
यात्रा वृत्तान्त-32/ धारा 370 हटने के बाद कश्मीर और लद्दाख का भ्रमण
(1 सितंबर 2019 से 14 सितंबर 2019)
5 अगस्त 2019 को अचानक जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया। मनाली से लेह होकर श्रीनगर की तरफ से वापस आने की हमारी योजना पहले से ही बन रही थी,लेकिन जैसे ही 370 हटने का मामला हुआ वहां जाने की उतसुकता और भी बढ गई। इस यात्रा में पहले हम पांच मैं,दशरथ पाटीदार,प्रकाश राव
पंवार,अनिल मेहता और मन्दसौर से आशुतोष नवाल जाने वाले थे,लेकिन अंतिम समय आते आते आशुतोष की यात्रा गडबडाने लगी। उसके पिता जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। अब हम चार ही जाने वाले थे। अंतिम समय तक उदित अग्रवाल से मैं पूछता रहा,लेकिन वह इंकार करता रहा। एक सितंबर को हम चार लोग ही दशरथ जी की ब्रिजा से रवाना हुए,लेकिन दोपहर तक दृश्य बदल गया और उदित भी हमारे साथ शामिल हो गया और गाडी भी ब्रिजा की जगह एक्सयूवी 500 हो गई। इस तरह यह यात्रा पांच लोगों ने की।
Sunday, August 4, 2019
बद्रीनाथ वसुधारा यात्रा -6
पूरा दिन बस का सफर और आख़िरकार गंगा स्नान
12 जून 2019 बुधवार (प्रात: 1.30)रेलवे के हिसाब से तारीख बदल चुकी है,इसलिए उपर 12 जून की तारीख लिखी है। वरना हमारे लिए तो अभी 11 जून की रात डेढ बजे का ही वक्त है।
तो आज की सुबह,बद्रीनाथ की जीएमवीएन रेस्ट हाउस में सुबह साढे चार बजे सौकर उठा,फ्रैश हुआ। ठीक छ: बजे मैं और प्रकाश राव बस स्टैंड के लिए निकल पडे। बाकी सब लोगों को ठीक साढे छ: बजे तक पूरी तरह तैयार होने के निर्देश देकर। हम बसस्टैंड पंहुचे,तो पहले हमें इंतजार करने को कहा गया। हम चाय पीने चले गए। खारी और बिस्कुट खाकर चाय पी। फिर से बुकींग आफिस गए।
बद्रीनाथ वसुधारा यात्रा -5
भीम पुल और देवताओ का झरना वसुधारा
10 जून 2019 सोमवार (रात 10.00)जीएमवीन रेस्ट हाउस बद्रीनाथ
आज का पूरा दिन ट्रेकिंग वाला रहा। कल चरण पादुका जा आए थे। प्रकाश राव और उनका परिवार स्नान दर्शन आदि कर चुके थे। हम चाहते तो आज सुबह भी बद्रीनाथ से निकल सकते थे,लेकिन अगर आज निकलते तो दो रातें हमें हरिद्वार की गर्मी में गुजारना पडती। हमने यही तय किया कि एक दिन और रुकते हैं और वसुधारा होकर आते है।
बद्रीनाथ वसुधारा यात्रा -4
खाली जेब और चरण पादुका के दर्शन
9 जून 2019 रविवार (रात 10.00)जीएमवीएन रेस्ट हाउस बद्रीनाथ
बद्रीनाथ के जीएमवीएन रेस्ट हाउस में रात के इस वक्त सब लोग सौ चुके है। चिंतन जगा हुआ है। अभी उसने मलय से बात की है। मैं तो सोने ही वाला था कि तभी मुझे डायरी की याद आ गई। इसी के साथ पूरे दिन भर का घटनाक्रम भी याद आ गया।
जोशीमठ से सुबह छ:बजे निकलना था। हम केवल पन्द्रह मिनट लेट हुए। सवा छ: बजे हम जोशीमठ से रवाना हो गए थे। बीती रात जो जमावट की थी,वह सुबह काम आई। गाडी ठीक पौने छ: बजे रेस्टहाउस पर आ गई थी।
बद्रीनाथ वसुधारा यात्रा -3
पहाड़ो के ऊपर उड़न खटोले का सफर
8 जून 2019 शनिवार (शाम 6.45)जोशीमठ पुलिस रेस्ट हाउस
आज का पूरा दिन जोशीमठ में गुजार कर हम फिर से पुलिस रेस्ट हाउस में आ चुके हैं। कल हमें बद्रीनाथ जाना है।
बहरहाल,बात कल रात की हो रही थी। पुलिस रेस्ट हाउस परिसर के मेनगेट से मैं भतर घुसा। पूरा परिसर अंधेरे में डूबा हुआ। एक पतली सी सडक़,गेट से भीतर घुसते ही तीखे ढलान वाली थी। ढलान की बाई ओर उपर एक कमरा सा बना हुआ था,जहां रोशनी नजर आ रही थी। दहीनी ओर करीब पन्द्रह फीट नीचे एक बिल्डिंग सी बनी हुई थी। मुझे लगा यही रेस्ट हाउस है। इस बिल्डिंग के कुछ कमरों में लाइट जल रही थी। मैं सीढियां उतरकर वहां पंहुचा। आवाजें लगाई,लेकिन कोई जवाब नहीं।
बद्रीनाथ वसुधारा यात्रा -2
सड़क पर गुजारी वो रात......
8 जून 2019 शनिवार(प्रात: 3.55)पुलिस रेस्ट हाउस जोशीमठ
लगातार अठारह घंटे,गाडी में गुजारने के बाद इस वक्त हम यहां जोशीमठ के पुलिस रेस्ट हाउस में पंहुचे हैं। आज का पूरा दिन और पूरी रात पूरी तरह पहाडी रास्तों के बार बार लगने वाले जाम और मूर्ख ड्राइवर की हरकतों के नाम हो गई। यात्रा तो अठारह घंटों की थी,लेकिन सुबह जागने के बाद से अब तक पूरे चौबीस घंटे बीत चुके है। हम सुबह चार बजे जाग गए थे। इच्छा थी ऋषिकेश से जल्दी निकलकर जल्दी से जल्दी गोविन्द घाट पंहुच जाए,ताकि अगले दिन आसानी से हेमकुंड साहिब की यात्रा की जा सके। लेकिन इच्छा पूरी होना तो उपर वाले के हाथों में होता है।
बद्रीनाथ वसुधारा यात्रा -1
यात्रा वृत्तान्त-31 / बद्रीनाथ चरण पादुका और वसुधारा का ट्रैक
(5 जून 2019 से 13 जून 2019)यह यात्रा चिंतन की छुट्टियों के कारण तय की गई थी। आमतौर पर जून की छुट्टियों में उत्तराखंड जाना ठीक नहीं होता,लेकिन गर्मियों में जाने लायक और कोई जगह भी नहीं मिल रही थी। अभिभाषक मित्र प्रकाश राव पंवार का भी जबर्दस्त आग्रह था कि एक यात्रा परिवार के साथ करना ही है। तय हुआ कि इस बार उत्तराखंड में बद्रीनाथ के रास्ते पर जाकर हेमकुंड साहिब की यात्रा की जाए। यही तय करके निकले थे,लेकिन उत्तराखंड में यात्रियों की भारी भीड के कारण यह संभव नहीं हो पाया और आखिरकार हम बद्रीनाथ धाम पर इस बार चरण पादुका और वसुधारा की यात्रा करके वापस लौट आये।
Thursday, June 20, 2019
नेपाल के मामले में चूक गए मोदी जी…
प्रचंड बहुमत से जीत कर सत्ता में वापस लौटी मोटी सरकार का हर ओर गुणगान किया जा रहा है,लेकिन पिछले कार्यकाल का यदि बारीकी से विश्लेषण किया जाए तो कूटनीतिक मोर्चे पर मोदी जी की कुछ गलतियां भी साफ नजर आती है। वैसे तो हर ओर मोदी जी की विदेश नीति की सराहना ही सुनी जा रही है,लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे है,जहां मोदी जी चूक गए।
Wednesday, May 29, 2019
Bhutan Sikkim Journey-9
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31/ शांति का देश भूटान-
काली कलकत्ते वाली के दरबार से घर वापसी
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)14 जनवरी 2019 सोमवार (सुबह 8.25)
होटल प्रियांशु,बागडोगरा
यात्रा का आज अंतिम दिन है। बागडोगरा एयरपोर्ट से हमारी उडान दोपहर बारह बजे है। हम शाम सात बजे इन्दौर पंहुचने वाले थे,लेकिन उडान रिशेड्यूल्ड हो गई है इसलिए हम रात दस बजे तक इन्दौर पंहुचेंगे। वहां से रतलाम जाने की व्यवस्था अभी करना है।
Bhutan Sikkim Journey-8
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31/ शांति का देश भूटान-
उड़न खटोले से गंगटोक के नज़ारे और 13000 फ़ीट पर सेना का भंडारा
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)12 जनवरी 2019 शनिवार/ सुबह साढे नौ
स्टेट गेस्ट हाउस,गंगटोक सिक्किम
हम नाश्ता करके तैयार हो चुके हैं। सर्किट हाउस बहुत दूर,शहर के सबसे उंचे स्थान पर है। यहां गाडियां मिलना मुश्किल है। लेकिन यहां के कर्मचारी हमारी मदद कर रहे हैं। अभी दो छोटी गाडियां बुलवाई है।
12 जनवरी 2019 शनिवार/रात 9.00
स्टेट सर्किट हाउस गंगटोक
सुबह दस बजे हम तैयार हो चुके थे। पहले एक बडी गाडी आई,जो तीन हजार रु.में हमें घुमाने को राजी थी। पता नहीं किसने उसको मना कर दिया। इसके बाद आखिरकार दो छोटी गाडियां हमने तय की जो अठारह सौ रु.प्रति गाडी यानी कुल छत्तीस सौ रु. में तय हुई।
Bhutan Sikkim Journey-7
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31/ शांति का देश भूटान-
सुबह भूटान रात में सिक्किम
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)11 जनवरी 2019 शुक्रवार रात 11.45
स्टेट सर्किट हाउस गंगटोक,सिक्किम
आज सुबह तो हम पारो में थे। सुबह साढे नौ भूटान समय यानी नौ बजे हम तैयार हो चुके थे। मारकुश थापा को फोन लगाया। वह गाडी लेकर आ गया। हम तैयार थे। पौने दस बजे हम पारो से चल पडे। भूटान के पहाडी रास्तो पर फुनशिलिंग अभी एक सौ चालीस किमी दूर था। पहाडी रास्ते और एक सौ अस्सी डिग्री वाले मोड,लेकिन सडक़ बेहद अच्छी थी। भूटान के सीन कुछ अलग होते है। कहीं सडक़ पर हीरो हीरोईन के बोर्ड नहीं। जहां भी होर्डिंग दिखेगा,राजा रानी और राजकुमार का। पहाडी रास्तों पर इतना घूम चुके है कि उसका कोई असर नहीं रहा।
Bhutan Sikkim Journey-6
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31/ शांति का देश भूटान-
पुनाखा में है भूटान का सबसे बड़ा किला
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)11 जनवरी 2019 शुक्रवार (सुबह 9.00)
होटल सामडेन चौइंग पारो (भूटान)
भूटान से वापसी का वक्त। पारो में हम कल दोपहर ढाई बजे पंहुचे थे। आज पूरी कोशिश है कि रात तक गंगटोक पंहुच जाए।
अब बात पुनाखा की। 1955 के पहले तक भूटान की राजघानी पुनाखा ही थी। थिम्फू से पुनाखा करीब 68 किमी दूर है। यहां जाने के रास्ते में डोचूला पास पडता। डोचूला पास की उंचाई (एल्टीट्यूड) 3100 मीटर या 10200 फीट है। हम जैसे ही डोचूला पास पर पंहुचे,यहां पहाडों पर भारी बर्फ जमी हुई थी। वैसे तो रास्ते में भी कई जगहों पर बर्फ जमी हुई थी लेकिन यहां बर्फ बहुत अधिक थी। डोचूला पास पर 108 बौध्द मानेस्ट्री बनी हुई है।
Bhutan Sikkim Journey-5
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31/ शांति का देश भूटान-
फिर से डोचु ला पास पर
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)10 जनवरी 2019 गुरुवार (रात 9.20 आईएसटी)
पारो
इस वक्त हम पारो के होटल में भोजन करके सोने की तैयारी कर रहे है। डायरी जहां छोडी थी,वो सुबह साढे सात का वक्त था.....।
हमारे ड्राइवर ने आवाज लगाई और हम सब गाडी से बाहर निकल पडे। सडक़ पर खतरनाक फिसलन थी। इस फिसलन के बावजूद हम धक्का लगाने को तैयार थे। बीती रात ड्राइवर मारकुश,दशरथ जी के नालेज से प्रभावित हो चुका था। सुबह वो दशरथ जी के मार्गदर्शन में गाडी चलाने को राजी हो गया। दशरथ जी ने समझाया कि जहां बर्फ ज्यादा नजर आ रही है,गाडी वहीं से निकाले। इसी फार्मूले पर वो चला। जिस मोड पर हम रात भर रुके रहे उसी मोड से बडी आसानी से पार हो गए। हम उतरे तो थे धक्का देने के लिए,लेकिन ज्यादा धक्का नहीं देना पडा।
Bhutan Sikkim Journey-4
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31/ शांति का देश भूटान-
बर्फ़बारी के फंस कर गाड़ी में गुजारे वो 15 घंटे
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)10 जनवरी 2019 गुरुवार(सुबह साढे नौ/10.00 भूटान)
दोचूला पास रेस्टोरेन्ट
कल रात हमें पुनाखा किला(झोंग) देखकर पारो पंहुच जाना था। लेकिन हम बीती पूरी रात बर्फ में फंसे रहे। हम पुनाखा किला देखकर शाम करीब पांच बजे पारो के लिए निकले थे। तभी बूंदाबांदी होने लगी थी,लेकिन देखते ही देखते बर्फबारी शुरु हो गई,जो जल्दी ही तेज हो गई।
शुरुआत में तो बर्फबारी देखर मजा आ रहा था। लेकिन थोडी ही देर में सडक़ पर जाम लग गया। हम करीब साढे पांच बजे जाम में फंसे। उममीद थी कि जाम खुलेगा और हम पारो पंहुच जाएगें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जाम खुलने को राजी ही नहीं था। छ: से सात,सात से आठ और आठ से नौै बज गए।
Bhutan Sikkim Journey-3
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31 / शांति का देश भूटान-
यहाँ है दुनिया की सबसे ऊँची बुद्ध प्रतिमा
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)8 जनवरी 2019 मंगलवार(शाम 5.10/5.40)
होटल शांतिदेवा थिम्फू
इस वक्त हम पूरा थिम्फू घूम घाम कर होटल के गर्म कमरों में आ चुके हैं। अब कोई काम नहीं बचा है। शाम का भोजन करना है।
आज के दिन की शुरुआत करीब एक घंटे की देरी,यानी सुबह दस बज हुई। वैसे हम सुबह सात बजे उठ गए थे। गीजर में गर्म पानी नहीं आ रहा था। दशरथ जी और हिमांशु एक कमरे में थे। उनके कमरे का गीजर ठीक से चल रहा था। उन दोनो का स्नान हो गया,लेकिन हमारे कमरे में गर्म पानी नहीं आ रहा था। अनिल,आशुतोष और मैने लगभग ठंडे पानी से स्नान किया। स्नान के बाद होटल के डाइनिंग हाल में आलू पराठे का नाश्ता किया। आलू पराठों में आलू का अता पता नहीं था।
Bhutan Sikkim Journey-2
प्रारम्भ से पढ़ने के लिए क्लिक करे
यात्रा वृतान्त-31 / शांति का देश भूटान- प्रवेश का परमिट मिलेगा या..... ?
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)
7 जनवरी 2019 सोमवार (सुबह 7. 00 )
होटल कस्तूरी जैगांव
आज हमें भूटान का परमिट बनवाकर थिम्फू के लिए रवाना होना है। लगता है थिम्फू के रास्ते में कई चुनौतियां है,लेकिन इस बार हम सारी चुनौतियां पार कर ही लेंगे। चुनौतियों की शुरुआत तो रतलाम से ही हो गई थी,जब एक जनवरी को यह ध्यान में आया था कि दशरथ जी के पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है। कहां खो गया है। पासपोर्ट इन्होने बनवाया नहीं है और भूटान में बिना वोटर आईडी या पासपोर्ट के प्रवेश नहीं किया जा सकता। आनन फानन में वोटर आईडी बनवाने की प्रक्रिया शुरु की।
Friday, May 17, 2019
कौन था नाथूराम गोडसे, हिन्दू आतंकवादी,देशभक्त या....?
चुनावी माहौल के आखरी चरण में नाथूराम गोडसे हर ओर चर्चा में है। कोई उसे आजादी के बाद भारत का पहला हिन्दू आतंकवादी बता रहा है,तो किसी ने उसे देशभक्त बताया। जैसे ही उसे देशभक्त कहा गया पूरे देश
में कांग्रेस ने बवाल मचाना शुरु कर दिया। जब गोडसे को हिन्दू आतंकवादी कहा जा रहा था,तब कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे बैठे थे,लेकिन जैसे ही गोडसे को देशभक्त कहा गया,वे बिफर पडे। इसी बहाने उन्हे चुनाव में भुनाने को एक बडा मुद्दा मिल गया था। भाजपा के लिए भी यह बडा धक्का साबित हुआ। भाजपा के प्रवक्ता ने फौरन प्रेस कान्फ्रेन्स करके इस बयान की निन्दा की और साध्वी प्रज्ञा को माफी मांगने की नसीहत भी दे दी गई।
लेकिन सवाल अपनी जगह कायम है कि नाथूराम गोडसे आखिर क्या था? क्या वह पहला हिन्दू आतंकवादी था या देशभक्त था या एक हत्यारा था...? इस सवाल का उत्तर ढूंढने से पहले आतंकवाद को समझना होगा।
Tuesday, May 7, 2019
Bhutan Sikkim Journey-1
यात्रा वृतान्त-31 / शांति का देश भूटान-
जैगाव से भूटान के द्वार पर
(4 जनवरी 2019 से 14 जनवरी 2019 तक)5 जनवरी 2019 (शनिवार) सुबह 9.45
आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल टी-2
नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल टी-टू पर इस वक्त हम अपनी गो एयर की उडान के इंतजार में बैठे है। हमे अभी लंबा इंतजार करना है,क्योंकि हमारी उडान दोपहर डेढ बजे हैं,लेकिन हम बडी जल्दी अभी पौने दस पर ही यहां पंहुच चुके हैं।
पिछली यात्रा के दो महीने और सत्ताईस दिन बाद,और अगर एक छोटी सी यात्रा रतलाम गान्धीसागर-चित्तौडगढ से जोडा जाए तो महज पांच दिन बाद मैं अपने दोस्तों के साथ भूटान की इस यात्रा में दशरथ पाटीदार,अनिल मेहता,हिमांशु जोशी और मन्दसौर से आशुतोष नवाल,मेरे साथ है।
Thursday, March 28, 2019
Memories of Nathu La visit on 15 jan 2019 नाथूला यात्रा
Saturday, February 23, 2019
Thursday, February 21, 2019
पाकिस्तान के बिखराव में छुपा है आतंकवाद जैसी समस्याओं का हल

Saturday, January 26, 2019
Mahabaleshwar Journey-3
वेण्णा लेक में बोटिंग और खालिस महाराष्ट्रीयन डिशेज का मजा
26 मई 2018 शनिवार खारघर (शाम 6.15)आकाश का निवास,खारघर सेक्टर 15

Mahabaleshwar Journey-2/
शिवाजी महाराज ने यहां किया था जीजा माता का तुलादान
25 मई 18 शुक्रवार (रात 11.15)
होटल मधुमति महाबलेश्वर

Mahabaleshwar Journey-1
यात्रा वृत्तान्त-27/पंचगंगा का उद्गम-महाबलेश्वर

Thursday, January 24, 2019
Sri Sailam Mallikarjun Journey-5/ फिल्म तकनीक को आसानी से समझने का स्थान रामोजी फिल्म सिटी
(प्रारंभ से पढने के लिए यहां क्लिक करें)

Sri Sailam Mallikarjun Journey-4
मल्लिकार्जुन स्वामी के बाद रामोजी फिल्म सिटी में एक दिन
06 अक्टूबर 2018/ शनिवार सुबह 7.15
होटल मेघा सिटी/हैदराबाद

रात को काफी देर हो गई थी,इसलिए डायरी जल्दी से बन्द कर दी थी। इस चक्कर में कई सारी बातें छूट गई थी।
कल जब श्री शैलम से चले तो बस में हमें पीछे की सीटें मिली थी। इस बार बस लगभग भरी हुई थी। यह दो एक वाली छोटी एसी बस थी। इस बार बस में विडीयो पर हैदराबादी दक्षिणी फिल्मे चल रही थी। हम केवल दृश्य देखकर फिल्म को समझने की कोशिश कर सकते थे। भाषा हमारी समझ में आना नहीं थी।
Sri Sailam Mallikarjun Journey-3
वृध्द मल्लिकार्जुन स्वामी का अभिषेक,साथ में गौसेवा भी
5 अक्टूबर 2018 शुक्रवार/सुबह 7.00 बज
चांदीश्वरा सदन श्री शैलम

बस है,जिसमें हम वापस हैदराबाद लौटेंगे। इस वक्त सभी लोग जाग चुके है और स्नानादि की तैयारियां जारी है। मुझे आठ बजे तक सीआरओ आफिस जाकर कल जमा कराया हुआ एडवान्स वापस लेना है। देवस्थान संस्थान की व्यवस्थाएं बहुत अच्छी है। यहां अनेक इमारतों में हजारों कमरे है,जहां श्रध्दालुओं के ठहरने की व्यवस्था है।
Sri Sailam Mallikarjun Journey-2
गणेश जी की साक्षी में मल्लिकार्जुन के प्रथम दर्शन
4 अक्टूबर 2018 गुरुवार/रात 10.30
चंदेश्वरा सदन श्री शैलम देवस्थान

आज सुबह सबकुछ समय से हुआ। नौ बजे जेबीएस(जुबली बस स्टाप) से बस पकडना थी। जेबीएस पंकज के
घर के नजदीक ही है। लेकिन निकलते निकलते 8.40 हो गए थे। सडक़ पर ट्रैफिक जबर्दस्त था। पंकज दो चक्कर में हमें छोडने वाला था। पहले राउण्ड में मैं,वैदेही और दादा सारा सामान लेकर निकले। रास्ते में ट्रैफिक की स्थिति और समय की कमी को देखते हुए मैने प्रतिमा ताई को फोन किया कि वे आटो से निकल आएं। हम लोग बस स्टाप पर पंहुचे,तब 8.55 हो चुके थे। बस का प्लेटफार्म ढूंढा। वहां पंहुचे तो पता चला कि बस अभी आई नहीं है। मैने राहत की सांस ली।
Sri Sailam Mallikarjun Journey-1
यात्रा वृत्तान्त-29/ घनघोर वन में स्थित श्री शैलम मल्लिकार्जुन के दर्शन
द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक श्री शैलम मल्लिकार्जुन के दर्शनों का योग गंगौत्री गौमुख यात्रा के मात्र अठारह

Monday, December 10, 2018
Gangotri Goumukh Yatra-7/ पुष्कर सरोवर और सांवरिया सेठ के दर्शनों के साथ घर वापसी
दसवां दिन
14 सितम्बर 2018 शुक्रवार (सुबह 7.30)अतिथी होटल (हरिद्वार-दिल्ली हाईवे)
सभी उठ चुके है। विचार है कि यहां से साढे आठ तक निकल चलें। आज दिल्ली से होते हुए शाम तक अजमेर पंहुच जाएं,ताकि पुष्कर के दर्शन करके फिर रतलाम की ओर बढ सकें। इस समय सभी लोग निकलने की तैयारी में है।
Gangotri Goumukh Yatra 6-गंगा आरती का आनन्द,वशिष्ठ गुफा और नीलकण्ठ महादेव के दर्शन
12/13सितम्बर 2018 गुरुवार (रात 12.30)
होटल शिवान्त ऋषिकेश
वैसे तो तारीख बदल चुकी है,इसीलिए मैने 13 सितम्बर लिखा है,वरना दिन तो आज का ही है। सुबह हमभागीरथीपुरम में सब्जी पराठे का शानदार नाश्ता करके निकले। निकले तो सीआईएसएफ के विजय भान सिंह को फोन किया। वीबी सिंह हमसे मिलने भी आ गए। उनसे फिर मुलाकात हुई। नम्बरों का आदान प्रदान कल ही हो गया था। यहां से ऋषिकेश के लिए रवाना हुए। रास्ते में जगह जगह चार धाम परियोजना का काम चल रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने चारों धामों के रास्ते फोरलेन बनाने की घोषणा की है। जगह जगह पहाड को काटने के लिए मशीनें लगी हुई है। इस वजह से कई जगह रुकना पडता है।
Gangotri Goumukh Yatra 5/ इंजीनियरिंग का करिश्मा-पहाड के आठ सौ मीटर नीचे टिहरी डैम

11 सितम्बर 2018 मंगलवार/रात 11.10
टीएचडीसी रेस्ट हाउस,भागीरथीपुरम न्यू टिहरी
सुबह दस बजे जब ग्रेट गंगा होटल से चले थे,तो यह इच्छा लेकर चले थे कि टिहरी डैम देख लें। ग्रेट गंगा होटलGangotri-Goumukh Yatra-4 जानलेवा खतरों से भरा वापसी का सफर
छठां दिन
10 सितम्बर 2018 (सोमवार) दोपहर 2.35होटल शिव गंगा पैलेस गंगौत्री धाम
Sunday, December 9, 2018
Gangotri-Goumukh Yatra-3 /ग्लैशियर के रास्ते पर मौत से सामना
पांचवां दिन
9 सितम्बर 2018 रविवार/सुबह 10.05
गौमुख ग्लैशियर झण्डा
स्थान पर केवल एक पैर ही टिकाया जा सकता है। दाहिनी ओर नीचे,भागीरथी प्रचण्ड वेग से शोर मचाती हुई बह रही है। यह रास्ता कच्चे भुरभुरे पहाड पर है,जिसका सहारा भी नहीं लिया जा सकता। केवल एक ही पैर टिकाने की जगह है। यह रास्ता देखकर ही मैं घबरा गया।
Gangotri-Goumukh Yatra-2/ कनखू,चीडबासा से भोजवासा तक कठिनाईयों का सफर

जीएमवीएन गेस्ट हाउस,भोजवासा (गौमुख मार्ग)
चौदह किमी का बेहद कठिनाईभरा ट्रैक पूरा करके हम शाम करीब साढे चार बजे भोजवासा पंहुचे। सभी की सभी की हालत बेहद खराब हो चुकी है। इस वक्त सभी लोग जीएमवीएन(गढवाल मण्डल विकास निगम) के रेस्ट हाउस में बिस्तरों के हवाले है। अभी अभी गर्मागर्म चाय पी है। सभी की हालत ऐसी है कि कोई भी बिस्तर से हिलना तक नहीं चाहता है।
Gangotri Goumukh Yatra 1/भागीरथ का तपस्या स्थल और भागीरथी का उद्गम स्थल गंगौत्री
सडक़ का सफर,दिल्ली से बचकर
पहला दिन05 सितम्बर 2018 (बुधवार) रात 8.45
होटल राम पैलेस पावटा (जयपुर से 80 किमी आगे)
3 महीने और आठ दिन बाद,फिर से नई यात्रा पर। इस बार हमारा लक्ष्य है,गंगौत्री से उपर गौमुख ग्लैशियर और तपोवन तक ट्रैकिंग करने का। हमारी यह यात्रा आज सुबह साढे नौ बजे रतलाम से शुरु हुई। रतलाम से मेरे साथ दशरथ जी पाटीदार और प्रकाश राव पंवार,दशरथ जी की नई मारुति ब्रिजा से निकले और सैलाना से हमने अनिल मेहता को साथ लिया। रतलाम से छ: सौ किमी चल कर जयपुर से करीब अस्सी किमी आगे दिल्ली हाई वे के इस होटल राम पैलेस में हम रुके हैं। यह स्थान पावटा कहलाता है।
Saturday, August 11, 2018
Friday, August 10, 2018
Thursday, August 9, 2018
Wednesday, August 8, 2018
भाजपा को भारी पड सकते है मूल मुद्दों से जुडे सवाल
2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो चुका है और देश के अधिकांश राजनैतिक विश्लेषक यह मानकर चल रहे है कि नरेन्द्र मोदी का दोबारा प्रधानमंत्री बनना तय है। मतभिन्नता है तो सीटों की संख्या और एनडीए के घटक दलों को लेकर है। लेकिन अधिकांश लोगों का मानना है कि नरेन्द्र मोदी ही अगले प्रधानमंत्री होंगे। भाजपा के रणनीतिकारों का भी यही मानना है।
श्रीखण्ड महादेव कैलास यात्रा-10/ जहा गुजारी पहली रात वही आखरी रात भी
(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करें ) 21 जुलाई 2024 रविवार (रात 11.45) प्रिन्स गेस्ट हाउस सवाई माधोपुर (राज.) इस वक्त हम उसी होटल में ...

-
(10 जुलाई 24 से 22 जुलाई 24 तक) शुरूआती सफर 10 जुलाई 2021 बुधवार (रात 11.30) प्रिन्स गेस्ट हाउस (सवाई माधोपुर राज.) हमारी ये यात्रा प्रारंभ...
-
-तुषार कोठारी आरक्षण को लेकर मची बवाल पहली बार नहीं है। बिहार चुनाव के पहले भी लालू से लेकर मायावती तक तमाम नेता आरक्षण को खत्म करने की क...
-
(प्रारम्भ से पढ़ने के लिए यंहा क्लिक करें ) 19 जुलाई शुक्रवार (रात 11.46) 20 जुलाई 24 शनिवार (प्रात: 9.00) के-2 हाईट्स बागा सहरन इस वक्त हम ...